तुम्हे शिकायत है कि जन्नत नहीं मिली
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तुम्हे शिकायत है कि जन्नत नहीं मिली
शुक्र अदा करो जनाब ग़ुरबत नहीं मिली
जो मिला उसी को सम्भाल लो अभी भी
कहते फिरोगे फिर कि फुरसत नहीं मिली
खोजते हो जाने किसको तुम उम्र भर
और शिक़वा भी ये कि चाहत नहीं मिली
बारीकियां तुमने इश्क़ की देखी अभी कहाँ
तुमको तो इश्क़ में कभी ज़िल्लत नहीं मिली
मैं भी नहीं होता इतना तल्ख़ क़सम से
क्या करूँ किसी से नज़ाक़त नहीं मिली
तुझको अपने अक़्स के जैसे पाया अजय
ख़ुद से झूठ कहने की ताक़त नहीं मिली
अजय मिश्र