जिन्दगी की धूप में शीतल सी छाव है मेरे बाऊजी
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जिन्दगी की धूप में शीतल सी छाव है मेरे बाऊजी
भ्रम की स्थिति में सही राह दिखाते है मेरे बाऊजी
कभी गीता कभी रामायण के उदाहरण देते है मेरे बाऊजी
कभी चौपाई कभी दोहा कभी भजन सुनाते है मेरे बाऊजी
क्या अच्छा क्या बुरा है में फर्क बताते मेरे बाऊजी
सुशील मिश्रा( क्षितिज राज)