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25 Sep 2022 · 1 min read

छुपकर

कबीर गुरु की ओर से माफी मांगे मेरा मन क्यों उल्टा बोले जो सरलता को बांधे।खरी -खरी बात दुश्मन सा लागे।
सत्यता, वैधता, जांचता के साथ उपहास तोड़ने के लिए उनका (कबीर) छुपकर अपने पर शोघ ,योग। अमृत प्रत्युषा जैसा कथन भाव देने के लिए । शुक्रिया
हँसी की अंतिम बेला
छुपकर समाज चरित्रातार्थ करने के लिए पूरा जीवन लगा दिया।
अभी कलियुग में परिवार अब करने लगा घात।
व्यक्ति, व्यक्ति त्व मन में घर ने लगे है बैर।
पूरा समाज कट्टतारता की ओर I

Language: Hindi
1 Like · 123 Views
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