“चुम्बन”
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“चुम्बन”
किस, चुम्मा, बोसा, बोकि
नाम है अनेक,
उम्मा भी कह लो पप्पी भी
चुम्बन सारे नेक।
कभी सुरसुराहट, कभी थरथराहट
कभी शरमाई आँखों का,
कभी गुदगुदाहट, कभी कँपकँपाहट
गिनती नहीं जज्बातों का।
“चुम्बन”
किस, चुम्मा, बोसा, बोकि
नाम है अनेक,
उम्मा भी कह लो पप्पी भी
चुम्बन सारे नेक।
कभी सुरसुराहट, कभी थरथराहट
कभी शरमाई आँखों का,
कभी गुदगुदाहट, कभी कँपकँपाहट
गिनती नहीं जज्बातों का।