चिड़िया
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/e9ebf5715b0f1a7964a31823597e9071_a20b9c4a3cdb82fa9508e0efe4f2b8de_600.jpg)
नन्हें – नन्हें
परों से अपने
आसमान की ऊँचाई को
तोल रही है
चिड़िया ।
मुँडेर पर छत की
सुबह – शाम
जाने गीत कौन सा
गा रही है
चिड़िया ।
आँगन में घर के
सुबह – सवेरे ही
दाने अनाज के चुगने
आ रही है
चिड़िया ।
दुनिया की भीड़ – भाड़
जिंदगी की तेज रफ़्तार में
न जाने कहाँ
खोती जा रही है
चिड़िया ।
वर्ष :- २०१३.