गौर किया जब तक
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मौके तलब में थे और हस्ती हंसी में खो गई
गौर किया जब तक समा जल चुका था
परवाने सोच ना सकें सब धुआं कर आई मैं
~ कुmari कोmal
मौके तलब में थे और हस्ती हंसी में खो गई
गौर किया जब तक समा जल चुका था
परवाने सोच ना सकें सब धुआं कर आई मैं
~ कुmari कोmal