गाँव के दुलारे
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तुम शहरों की रानी, तो हम गांव के दुलारे हैं!
तुम महलों की रानी, तो हम कुटिए के सहारे है!!
आरे इस जीवन में रखा क्या है?
मुट्ठी भर कर आए हैं खाली हाथ जाना है,
तुम किसी राजा की रानी, तो हम किसी दुल्हनिया के प्यारे हैं!!!
तुम शहरों की रानी, तो हम गांव के दुलारे हैं!
तुम महलों की रानी, तो हम कुटिए के सहारे है!!
आरे इस जीवन में रखा क्या है?
मुट्ठी भर कर आए हैं खाली हाथ जाना है,
तुम किसी राजा की रानी, तो हम किसी दुल्हनिया के प्यारे हैं!!!