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12 Jul 2016 · 1 min read

खुशियों से मिलन

चंचल मन नीली सलोनी आँखे
तेरी जुल्फे काली घटा सावन
तू पूरब की परी रानी है
तू रूमानी शाम का आगमन

जोबन हुई कच्ची कली तू
सौरभ मधु सी भरी तन
तुम शीतल हो हिम सी
हरघडी देखे तुझे मेरे नयन

कुसुम खुशबू लायी पुरवा साथ
ज़िन्दगी को हुई खुशियों से मिलन
गुनगुनाने लगा मै गीत सरगम
नाच रहा मोर बनके आज मन

सपनो सी लग रही जमीं
इन्द्रधनुष सा दिल का गगन
ज्योति से आलोकित मेरी ज़िन्दगी
प्रेम रंग में रंगी मेरे आँगन

गवाह है पूनम का चाँद
है अमिट हमारी प्रीत बंधन
दुष्यंत देख फैली हुई नूर को
मौजों छलक रहा है जीवन

Language: Hindi
496 Views
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