Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2022 · 1 min read

ख़ालिस इंसान

अल्लाह वही है!
वही है भगवान!!
झूठ में लड़ते हैं
हिंदू-मुसलमान!!
तुम अगर अपनी
खैरियत चाहते हो
अब भी बनो एक
ख़ालिस इंसान!!
Shekhar Chandra Mitra
#इंकलाबीशायरी #चुनावीकविता
#छात्रआंदोलन #देख_कबीरा_रोया

Language: Hindi
Tag: कविता
101 Views
You may also like:
जोकर vs कठपुतली ~03
जोकर vs कठपुतली ~03
bhandari lokesh
नशा
नशा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्रणय निवेदन
प्रणय निवेदन
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
आओ दीप जलाएं
आओ दीप जलाएं
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
💐प्रेम कौतुक-466💐
💐प्रेम कौतुक-466💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आवाज़ उठानी होगी
आवाज़ उठानी होगी
Shekhar Chandra Mitra
विचार
विचार
साहित्य लेखन- एहसास और जज़्बात
तुम
तुम
Rashmi Sanjay
■ कटाक्ष / आज की खोज.....
■ कटाक्ष / आज की खोज.....
*Author प्रणय प्रभात*
कैसी-कैसी हसरत पाले बैठे हैं
कैसी-कैसी हसरत पाले बैठे हैं
विनोद सिल्ला
नैनों की भाषा
नैनों की भाषा
Surya Barman
जय माँ जगदंबे 🙏
जय माँ जगदंबे 🙏
डॉ.सीमा अग्रवाल
फाग (बुंदेली गीत)
फाग (बुंदेली गीत)
umesh mehra
*एक अकेला (कुंडलिया)*
*एक अकेला (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रावण के मन की व्यथा
रावण के मन की व्यथा
Ram Krishan Rastogi
ज़रूरत के रिश्ते निभते कहां हैं
ज़रूरत के रिश्ते निभते कहां हैं
Dr fauzia Naseem shad
जिस दिन तुम हो गए विमुख जन जन से
जिस दिन तुम हो गए विमुख जन जन से
Prabhu Nath Chaturvedi
Kbhi asman me sajti bundo ko , barish kar jate ho
Kbhi asman me sajti bundo ko , barish kar jate...
Sakshi Tripathi
प्रकाश से हम सब झिलमिल करते हैं।
प्रकाश से हम सब झिलमिल करते हैं।
Taj Mohammad
पुलवामा हमले पर शहीदों को नमन चार पंक्तियां
पुलवामा हमले पर शहीदों को नमन चार पंक्तियां
कवि दीपक बवेजा
अकेला चलने का जिस शख्स को भी हौसला होगा।
अकेला चलने का जिस शख्स को भी हौसला होगा।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जी लगाकर ही सदा,
जी लगाकर ही सदा,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हिन्दुस्तान की पहचान(मुक्तक)
हिन्दुस्तान की पहचान(मुक्तक)
Prabhudayal Raniwal
चाय
चाय
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
यकीं मुझको नहीं
यकीं मुझको नहीं
Ranjana Verma
दिल में बस जाओ
दिल में बस जाओ
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कुनमुनी नींदे!!
कुनमुनी नींदे!!
Dr. Nisha Mathur
सीमा पर हम प्रहरी बनकर अरि को मार भगाएंगे
सीमा पर हम प्रहरी बनकर अरि को मार भगाएंगे
Dr Archana Gupta
खेल,
खेल,
Buddha Prakash
छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं ।
छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं...
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
Loading...