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14 Oct 2016 · 1 min read

ऐ बचपना

ऐ बचपना, मुझे जाने दे
आगे बड़ना है मुझे
तेरी मासूमियत को छोड़कर
मुसीबतों से लड़ना है मुझे
तू बहुत नादान है
मेरे चेहरे की मुस्कान है
पर अब दुनिया को समझना है मुझे
तेरी शैतानियों को छोड़कर
मुसीबतों से लड़ना है मुझे
मेरे दिल में अपना घर बनाया था
मीठे सपनो से तूने सजाया था
उन्ही सपनो के लिए
आगे बड़ना है मुझे
तेरी यादो को छोड़कर
मुसीबतों से लड़ना है मुझे
तेरी आहट से हर पल को जीते थे हम
तेरे साये में महफूज़ रहते थे हम
पर अब अकेले ही चलना है मुझे
तेरी आदतों को छोड़कर
मुसीबतों से लड़ना है मुझे
– सोनिका मिश्रा

Language: Hindi
1 Like · 592 Views
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