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13 Oct 2022 · 1 min read

ऐ चाँद

ऐ चाँद,
तू रोज रात के अंधेरों को
रोशनी से भरता जरूर है ।
समय का चक्र तुझे भी
कभी पूरा कर देता है
और कभी अपूर्ण
पर तू बिना रुके
गगन में चमकता ही रहता है।
चाहे बढे या घटे
बस शीतल हो रहता है
ऐसा ही आशीष आज
मेरे दाम्पत्य को दे दो ।
साथ ही तुम्हारी तरह
सदा के लिए हमारे प्रेम
व दाम्पत्य को दृढ़ कर दो।

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 134 Views

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