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9 Feb 2023 · 1 min read

इश्क़ जोड़ता है तोड़ता नहीं

जो उसने तुम्हें दिल से निकाल दिया
तू भी उसे अब छोड़ दे
उसकी सहेली भी तो अच्छी है
तू उसी से अपना दिल जोड़ दे

क्या फ़ायदा उस राह पर चलने का
जिसकी कोई मंज़िल नहीं
बदलकर देख अपनी राह एक बार
रहती एक सी हमेशा किस्मत नहीं

तू क्यों पछताता है जो वो चली गई
क्यों सोचता है तेरी किस्मत छली गई
एक बार दिल लगाकर देख किसी और से
फिर अहसास होगा तुम्हें, वो भली गई

जो प्यार तुम्हें मिला नहीं उससे कभी
मिल जायेगा वो भी, होगा तेरी किस्मत में अगर
अब यूं आंसू बहाने से तेरा कुछ होगा नहीं
इतनी आसान भी नहीं है ये चाहत की डगर

कुछ तुमने पाया कुछ उसने पाया
यहां किसी ने है नहीं कुछ खोया
दिलों को जोड़ने का नाम है इश्क तो
उसने कहीं और जोड़ा तो तू क्यों रोया

देख ले थामकर तू भी हाथ किसी का
फिर बनाकर दिल में तस्वीर उसी की
जो बदल दे फिर से ज़िंदगी तेरी
संवार दे तू भी किस्मत ऐसे किसी की।

Language: Hindi
9 Likes · 2 Comments · 1088 Views

Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'

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