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9 Feb 2017 · 1 min read

*** तेरी ख्वाहिश ***

क्या कहूं एक तेरी ख्वाहिश
है कि मिटती ही नहीं

जितना करता हूं तेरा दीदार
उतना ही खाली होता जाता हूं

तेरे साथ भरी भरी ये जिंदगी
सुकून से जीने को कहती है

दूसरी ओर मौत मुझसे नजदीकियां
कायम करने को आमादा है

अब बता जिंदगी से हार जाऊं या
मौत की जंग में जीतकर आऊं

फैसला करना है अब तुमको अब
गले मौत को लगाऊं या तुमको ।।

? मधुप बैरागी

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 305 Views

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