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18 Mar 2023 · 1 min read

“अक्ल बेचारा”

“अक्ल बेचारा”
कोई अक्ल के अन्धे कहे गए
कोई अक्ल के दुश्मन,
कोई अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरे
कोई आंजे अक्ल के अंजन,
किसी की अक्ल पर पत्थर पड़े तो
कहीं दौड़े अक्ल के घोड़े,
जब अक्ल चकराने लग जाए तो
लगाना अक्ल थोड़े-थोड़े।

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