Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2019 · 1 min read

नमन मातृभूमि तूझे

हे मातृभूमि
सपूतों की
देश में तेरे
कमी नहीं

जान पर
खेल जाते है
नहीं सोचते
आगे-पीछे कुछ
मातृ भूमि ही है
सब कुछ उनके लिए

दुश्मन चाहे चल ले
चालें कितनी भी
कभी न डरे
कभी न हटे
कर्तव्य पथ से अपने
ऐसे हैं मातृभूमि
तेरे सपूत

कश्मीर से
कन्याकुमारी तक
हे तेरे ही वीर सपूत
हर जगह
जब भी आए संकट
मातृभूमि तूझे पर
न्योछावर करत हैं
अपनी जान
वीर सपूत
भारत माँ तूझे पर

नमन है बारम्बार
हे मातृभूमि तूझे
विश्वास है
वीर सपूतों पर
बाल का बांका भी
नहीं देंगे
हे मातृभूमि
सपूत तेरे

स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
327 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझसे बेज़ार ना करो खुद को
मुझसे बेज़ार ना करो खुद को
Shweta Soni
पुस्तक
पुस्तक
जगदीश लववंशी
■ दुनियादारी की पिच पर क्रिकेट जैसा ही तो है इश्क़। जैसी बॉल,
■ दुनियादारी की पिच पर क्रिकेट जैसा ही तो है इश्क़। जैसी बॉल,
*Author प्रणय प्रभात*
सिंदूर 🌹
सिंदूर 🌹
Ranjeet kumar patre
!! सुविचार !!
!! सुविचार !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143के दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Kirdare to bahut nibhai ,
Kirdare to bahut nibhai ,
Sakshi Tripathi
प्यारा भारत देश हमारा
प्यारा भारत देश हमारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आहुति  चुनाव यज्ञ में,  आओ आएं डाल
आहुति चुनाव यज्ञ में, आओ आएं डाल
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल _रखोगे कब तलक जिंदा....
ग़ज़ल _रखोगे कब तलक जिंदा....
शायर देव मेहरानियां
खुशनसीबी
खुशनसीबी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ਨਾਨਕ  ਨਾਮ  ਜਹਾਜ  ਹੈ, ਸਬ  ਲਗਨੇ  ਹੈਂ  ਪਾਰ
ਨਾਨਕ ਨਾਮ ਜਹਾਜ ਹੈ, ਸਬ ਲਗਨੇ ਹੈਂ ਪਾਰ
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
💐प्रेम कौतुक-423💐
💐प्रेम कौतुक-423💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
क्यों करते हो गुरुर अपने इस चार दिन के ठाठ पर
क्यों करते हो गुरुर अपने इस चार दिन के ठाठ पर
Sandeep Kumar
याद आते हैं वो
याद आते हैं वो
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
आदिवासी कभी छल नहीं करते
आदिवासी कभी छल नहीं करते
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक दिया बुझा करके तुम दूसरा दिया जला बेठे
एक दिया बुझा करके तुम दूसरा दिया जला बेठे
कवि दीपक बवेजा
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
Rj Anand Prajapati
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr Shweta sood
फिर हो गया सबेरा,सारी रात खत्म,
फिर हो गया सबेरा,सारी रात खत्म,
Vishal babu (vishu)
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
Neelam Sharma
(4) ऐ मयूरी ! नाच दे अब !
(4) ऐ मयूरी ! नाच दे अब !
Kishore Nigam
संस्कृत के आँचल की बेटी
संस्कृत के आँचल की बेटी
Er.Navaneet R Shandily
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
Priya princess panwar
"बच सकें तो"
Dr. Kishan tandon kranti
पन्नें
पन्नें
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
प्यार की स्टेजे (प्रक्रिया)
प्यार की स्टेजे (प्रक्रिया)
Ram Krishan Rastogi
इंकलाब की मशाल
इंकलाब की मशाल
Shekhar Chandra Mitra
मिलेगा हमको क्या तुमसे, प्यार अगर हम करें
मिलेगा हमको क्या तुमसे, प्यार अगर हम करें
gurudeenverma198
☘☘🌸एक शेर 🌸☘☘
☘☘🌸एक शेर 🌸☘☘
Ravi Prakash
Loading...