Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2022 · 1 min read

चश्मे-तर जिन्दगी

ग़ज़ल

एक दूजे से है बे-खबर जिंदगी
घूमती फिर रही है नगर जिंदगी

बाँध अपने गले में नई फाँस को
कर रही पंथियों का बसर जिंदगी

रोशनी में नहाई रजत- सी बनी
तेरी बदलेगी कब यह डगर जिंदगी

हैं मुसाफिर यहाँ कुछ दिनों के लिए
ले चलो तुम कभी अपने घर जिंदगी

आदमी चाह को छोड़ता जो नहीं
उसको रखती है चश्मे-तर जिंदगी

दूर से जा रही आओगी हाथ कब
बस तुम्हीं पर लगी है ऩजर जिंदगी

चूम लूँ मैं भी शोहरत का अब आसमां
दे दे कोई तू ऐसा हुनर जिंदगी

डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’शोहरत
स्वरचित
वाराणसी

4 Likes · 2 Comments · 342 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सरहद
सरहद
लक्ष्मी सिंह
सच तो रंग काला भी कुछ कहता हैं
सच तो रंग काला भी कुछ कहता हैं
Neeraj Agarwal
सफर में हमसफ़र
सफर में हमसफ़र
Atul "Krishn"
काश तुम ये जान पाते...
काश तुम ये जान पाते...
डॉ.सीमा अग्रवाल
वो,
वो,
हिमांशु Kulshrestha
मित्रता
मित्रता
Mahendra singh kiroula
फूल मोंगरा
फूल मोंगरा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जीवन में शॉर्ट कट 2 मिनट मैगी के जैसे होते हैं जो सिर्फ दो म
जीवन में शॉर्ट कट 2 मिनट मैगी के जैसे होते हैं जो सिर्फ दो म
Neelam Sharma
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
Kailash singh
💐प्रेम कौतुक-224💐
💐प्रेम कौतुक-224💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
शेख रहमत अली "बस्तवी"
23/102.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/102.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"तापमान"
Dr. Kishan tandon kranti
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
रिश्तों को तू तोल मत,
रिश्तों को तू तोल मत,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शायरी संग्रह
शायरी संग्रह
श्याम सिंह बिष्ट
माता पिता नर नहीं नारायण हैं ? ❤️🙏🙏
माता पिता नर नहीं नारायण हैं ? ❤️🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
तो मेरा नाम नही//
तो मेरा नाम नही//
गुप्तरत्न
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
Lately, what weighs more to me is being understood. To be se
Lately, what weighs more to me is being understood. To be se
पूर्वार्थ
सब अपने नसीबों का
सब अपने नसीबों का
Dr fauzia Naseem shad
वयम् संयम
वयम् संयम
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
dr arun kumar shastri -you are mad for a job/ service - not
dr arun kumar shastri -you are mad for a job/ service - not
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अनमोल जीवन
अनमोल जीवन
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
भरोसा टूटने की कोई आवाज नहीं होती मगर
भरोसा टूटने की कोई आवाज नहीं होती मगर
Radhakishan R. Mundhra
चंद घड़ी उसके साथ गुजारी है
चंद घड़ी उसके साथ गुजारी है
Anand.sharma
Loading...