Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Sep 2017 · 2 min read

तुझे किस नाम से पुकारूं

भोलेनाथ को समर्पित
(शिव जी के 51 नाम सहित कविता )

भोलेनाथ ओ शंकर त्रिपुरारी,
ओ त्रिपुरारी – – – –
शर्व तेरी है महिमा बड़ी न्यारी।
बेलपत्र आक धतूरा दुग्ध चढ़ाऐं।
श्रावण मास में तेरी महिमा गाऐं।
तुझे शत शत नमन नीलकंठ,
ओ नीलकंठ – – – – –
तेरा जाप करता है हर कंठ।
कहलाते हो नटराज और महेश्वर,
शंभू तुम्हीं हो सारे जग के ईश्वर।
हो भगवन तुम ही जगद्व्यापी,
ओ जगद्व्यापी——-
तेरी करुणा है शेखर सर्वव्यापी।
जटा में गंगा बसती ओ गंगाधर,
शीश पर चन्द्र धारे ओ शशिधर।
पर्वत वासी हो तुम कैलाश पति,
ओ कैलाश पति——
गिरिप्रिय तुम हो तुम ही उमापति।
विश्वेश्वर हो तुम ही श्री कंठ तुम,
त्रिलोकेश हर लेते जग का तम।
श्री कंठ हो तुम शूलपाणी,
ओ शूलपाणी ——-
तेरा जयकारा करे हर प्राणी।
वृषभारूढ़ तुम रहते हो अनीश्वर,
ओ अम्बिका नाथ तुम हे परमेश्वर।
सूक्ष्म तनु तुम हो हे मृत्युंजय,
ओ मृत्युंजय ——-
शिव के भक्त पाए सब दुखों पर जय।
जय महाकालेश्वर, जय ओंकारेश्वर,
जय अम्लेश्वर, जय भीमेश्वर।
जय हो तेरी हे प्रभु जगन्नाथ,
ओ जगन्नाथ ——-
दरस को तेरे हम तरसे वैद्यनाथ।
जय अमर नाथ जी, जय केदारनाथ जी,
जय सोमनाथ जी, जय विश्व नाथ जी।
रुद्र तुम ही हो, तुम्हीं हो शाश्वत,
ओ शाश्वत ——–
सारे कष्टों से कर दो हमें निवृत्त।
जय हो घुश्मेश्वर, जय हो रामेश्वर,
जय भुजंगाभूषण, जय अर्धनारीश्वर।
ओ त्रयंबक, ओ भगवन अंबरीष,
ओ अंबरीष——-
दे दे हम भक्तों को अपना आशीष।
तेरी दिव्यदृष्टि ओ प्रलयंकर,
दुष्टों को देती दंड भयंकर
हुत हो तुम ही, तुम ही सुरेश,
ओ सुरेश ——–
सन्यासी का रचा है तूने वेश।
भक्ति के वश में तुम ओ भोले देवा,
भोग भांग चढ़े, न चढ़े कोई मेवा।
बैठे पर्वत पर देव आशुतोष
आशुतोष ———
तन पर भभूत और मन में है संतोष।
तुम ललाटाक्ष हो, सब तुम्हें दिखता,
झूठ सच कुछ न, तुमसे है छिपता।
अंतर्यामी हो, भगवन नीललोहित
ओ नीललोहित——-
सदाशिव करें भक्तों का सदा सुख और हित।
जन- जन का दुख हरते ओ सर्वज्ञ,
पुत्रों के कष्टों से नहीं हो तुम अनभिज्ञ।
जय हो त्रिलोचन, जय भोले भंडारी,
ओ भोले भंडारी ——-
भव सागर से कर दे नैया पार हमारी।

—रंजना माथुर दिनांक 21/07/2017
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©

Language: Hindi
552 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दीवाली
दीवाली
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
चाँदनी .....
चाँदनी .....
sushil sarna
कड़वा सच
कड़वा सच
Jogendar singh
सनातन संस्कृति
सनातन संस्कृति
Bodhisatva kastooriya
पिछले पन्ने 10
पिछले पन्ने 10
Paras Nath Jha
मेरे लिखने से भला क्या होगा कोई पढ़ने वाला तो चाहिए
मेरे लिखने से भला क्या होगा कोई पढ़ने वाला तो चाहिए
DrLakshman Jha Parimal
वक्त नहीं है
वक्त नहीं है
VINOD CHAUHAN
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"तरीका"
Dr. Kishan tandon kranti
* नदी की धार *
* नदी की धार *
surenderpal vaidya
ये जनाब नफरतों के शहर में,
ये जनाब नफरतों के शहर में,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Bahut fark h,
Bahut fark h,
Sakshi Tripathi
मुश्किल है कितना
मुश्किल है कितना
Swami Ganganiya
■ जय हो...
■ जय हो...
*Author प्रणय प्रभात*
एक ख़्वाहिश
एक ख़्वाहिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
गरीब हैं लापरवाह नहीं
गरीब हैं लापरवाह नहीं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वीर तुम बढ़े चलो!
वीर तुम बढ़े चलो!
Divya Mishra
क्यों पढ़ा नहीं भूगोल?
क्यों पढ़ा नहीं भूगोल?
AJAY AMITABH SUMAN
चंद अशआर -ग़ज़ल
चंद अशआर -ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*तजकिरातुल वाकियात* (पुस्तक समीक्षा )
*तजकिरातुल वाकियात* (पुस्तक समीक्षा )
Ravi Prakash
तुम रट गये  जुबां पे,
तुम रट गये जुबां पे,
Satish Srijan
💐प्रेम कौतुक-357💐
💐प्रेम कौतुक-357💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कभी तो तुम्हे मेरी याद आयेगी
कभी तो तुम्हे मेरी याद आयेगी
Ram Krishan Rastogi
अहसास
अहसास
Sandeep Pande
तुम क्या हो .....
तुम क्या हो ....." एक राजा "
Rohit yadav
जीने की ख़्वाहिशों में
जीने की ख़्वाहिशों में
Dr fauzia Naseem shad
जय प्रकाश
जय प्रकाश
Jay Dewangan
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
Manisha Manjari
कुछ नही मिलता आसानी से,
कुछ नही मिलता आसानी से,
manjula chauhan
My City
My City
Aman Kumar Holy
Loading...