Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2016 · 1 min read

ग़ज़ल (बचपन यार अच्छा था)

जब हाथों हाथ लेते थे अपने भी पराये भी
बचपन यार अच्छा था हँसता मुस्कराता था

बारीकी जमाने की, समझने में उम्र गुज़री
भोले भाले चेहरे में सयानापन समाता था

मिलते हाथ हैं लेकिन दिल मिलते नहीं यारों
मिलाकर हाथ, पीछे से मुझको मार जाता था

सुना है आजकल कि बह नियमों को बनाता है
बचपन में गुरूजी से जो अक्सर मार खाता था

उधर माँ बाप तन्हा थे इधर बेटा अकेला था
पैसे की ललक देखो दिन कैसे दिखाता था

जिसे देखे हुआ अर्सा , उसका हाल जब पूछा
बाकी ठीक है कहकर वह ताना मार जाता था

मदन मोहन सक्सेना

238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पर दारू तुम ना छोड़े
पर दारू तुम ना छोड़े
Mukesh Srivastava
आफत की बारिश
आफत की बारिश
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
जय अयोध्या धाम की
जय अयोध्या धाम की
Arvind trivedi
ख़ुदा ने बख़्शी हैं वो ख़ूबियाँ के
ख़ुदा ने बख़्शी हैं वो ख़ूबियाँ के
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ
मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ
VINOD CHAUHAN
आम आदमी
आम आदमी
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
****शिरोमणि****
****शिरोमणि****
प्रेमदास वसु सुरेखा
मुक्तक - जिन्दगी
मुक्तक - जिन्दगी
sushil sarna
किसी की हिफाजत में,
किसी की हिफाजत में,
Dr. Man Mohan Krishna
मदर्स डे
मदर्स डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मनुष्य की पहचान अच्छी मिठी-मिठी बातों से नहीं , अच्छे कर्म स
मनुष्य की पहचान अच्छी मिठी-मिठी बातों से नहीं , अच्छे कर्म स
Raju Gajbhiye
"लघु कृषक की व्यथा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
नारी
नारी
Dr Parveen Thakur
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
कवि रमेशराज
शब्द ब्रह्म अर्पित करूं
शब्द ब्रह्म अर्पित करूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आदर्श शिक्षक
आदर्श शिक्षक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
23/141.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/141.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अलाव की गर्माहट
अलाव की गर्माहट
Arvina
हमारा साथ और यह प्यार
हमारा साथ और यह प्यार
gurudeenverma198
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
श्री कृष्ण भजन
श्री कृष्ण भजन
Khaimsingh Saini
मिलना था तुमसे,
मिलना था तुमसे,
shambhavi Mishra
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
लक्ष्मी सिंह
जहां से चले थे वहीं आ गए !
जहां से चले थे वहीं आ गए !
Kuldeep mishra (KD)
"कुछ अनकही"
Ekta chitrangini
अपराह्न का अंशुमान
अपराह्न का अंशुमान
Satish Srijan
*योग (बाल कविता)*
*योग (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"अपनी करतूत की होली जलाई जाती है।
*Author प्रणय प्रभात*
The life of an ambivert is the toughest. You know why? I'll
The life of an ambivert is the toughest. You know why? I'll
Sukoon
Loading...