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3 May 2017 · 1 min read

रमेशराज की तेवरी

जनता की थाली बम भोले
अब खाली-खाली बम भोले |

श्रम जिसके खून-पसीने में
उसको ही गाली बम भोले |

इस युग के सब गाँधीवादी
कर लिए दुनाली बम भोले |

अब केवल दिए सियासत ने
हकखोर-मवाली बम भोले |

छलिया की सूरत संतों-सी
अति भोली-भाली बम भोले |

अबला की चीख़ें सुनी नहीं
बस गाय बचा ली बम भोले |
+रमेशराज

Language: Hindi
586 Views
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