Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2016 · 1 min read

मैं नारी हूँ

मैं नारी हूँ

मैं नारी हूँ
रात के अधेरों में कोई अपना आवाज लगाता है ।
शान्त चित्त से मेरे मन को बर बस लुभाता है।।
शायद किसी सहायता की आस मुझसे लगाता है।
मैं राम की तरह अहिल्या का उद्वार नही कर सकती ॥

मैं नारी हूँ
नारी हूँ बरसों से पर पुरूष की सताई हुई अबला हूँ।
ऊपर से उत्थान की बातें तो बहुत सुनाई देती है॥
बहुत सारे आयोग भी रोज देश में बना करते है।
महिला आयोग भी अपनी खिचडी पकाया करते है॥

मैं नारी हूँ
इतिहास उठा कर जरा देखो देश के भावी कर्णधारों।
वैदिकयुग से आधुनिक काल तक सँवारी गयी मै॥
गार्गी अपाला इन्दिरा अनेकानेक पदों पर आसीन मैं।
कल्पना सुनीता विलियम्स की अनेकों यात्रा मैं॥

मैं नारी हूँ
चुनौती बन वर्तमान मैं पुरूष वर्ग की जीना जानती हूँ।
अबला सबला जैसे विशेषणों को हटाना जानती हूँ मै॥
पुरूष वर्ग की कुंठित मानसिकता से निकल कर मै ॥
प्रतिभा पाटिल की तरह राज्य करना भी जानती हूँ मैं॥
मैं नारी हूँ

.

Language: Hindi
73 Likes · 1158 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
दीप ज्योति जलती है जग उजियारा करती है
दीप ज्योति जलती है जग उजियारा करती है
Umender kumar
इंसान की चाहत है, उसे उड़ने के लिए पर मिले
इंसान की चाहत है, उसे उड़ने के लिए पर मिले
Satyaveer vaishnav
बड्ड यत्न सँ हम
बड्ड यत्न सँ हम
DrLakshman Jha Parimal
ओ चाँद गगन के....
ओ चाँद गगन के....
डॉ.सीमा अग्रवाल
*मन का मीत छले*
*मन का मीत छले*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मार गई मंहगाई कैसे होगी पढ़ाई🙏🙏
मार गई मंहगाई कैसे होगी पढ़ाई🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2437.पूर्णिका
2437.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मेरे फितरत में ही नहीं है
मेरे फितरत में ही नहीं है
नेताम आर सी
मन चाहे कुछ कहना....!
मन चाहे कुछ कहना....!
Kanchan Khanna
होते वो जो हमारे पास ,
होते वो जो हमारे पास ,
श्याम सिंह बिष्ट
■ प्रबुद्धों_के_लिए
■ प्रबुद्धों_के_लिए
*Author प्रणय प्रभात*
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
कविता _ रंग बरसेंगे
कविता _ रंग बरसेंगे
Manu Vashistha
अपनी नज़र में रक्खा
अपनी नज़र में रक्खा
Dr fauzia Naseem shad
वक्त बनाये, वक्त ही,  फोड़े है,  तकदीर
वक्त बनाये, वक्त ही, फोड़े है, तकदीर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"रामनवमी पर्व 2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मेरा भारत देश
मेरा भारत देश
Shriyansh Gupta
सीखने की भूख
सीखने की भूख
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
💐प्रेम कौतुक- 292💐
💐प्रेम कौतुक- 292💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आचार्य शुक्ल की कविता सम्बन्धी मान्यताएं
आचार्य शुक्ल की कविता सम्बन्धी मान्यताएं
कवि रमेशराज
Sometimes you shut up not
Sometimes you shut up not
Vandana maurya
गज़ल (इंसानियत)
गज़ल (इंसानियत)
umesh mehra
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
"छिन्दवाड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हुनर है मुझमें
हुनर है मुझमें
Satish Srijan
तुम न समझ पाओगे .....
तुम न समझ पाओगे .....
sushil sarna
देश-प्रेम
देश-प्रेम
कवि अनिल कुमार पँचोली
बटाए दर्द साथी का वो सच्चा मित्र होता है
बटाए दर्द साथी का वो सच्चा मित्र होता है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
Rajesh
Loading...