Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2017 · 1 min read

मेरी हिन्दी

हिन्दी की करुण व्यथा का,
मैं क्या बयान करूँ?
हिन्दी की सब हिन्दी करते,
इंग्लिश पर अभिमान क्यों?
बात यहाँ की शब्द वहाँ के,
चाल यहाँ की,ढाल वहाँ के,
हिन्दी नहीं हिंगलिश बकते,
शिक्षा का ये अंजाम क्यों?
सुट-बूट में तकती हिन्दी,
होड़ दौड़ में दबती हिन्दी,
बात बात में कटती रहती,
हिन्दी का ये अपमान क्यों?
साहित्य की सपन्न हिन्दी,
मातृ कंठ में बसती हिन्दी,
शब्दों में सागर सी रमती,
स्वर शक्ति से अनजान क्यों?
चीनी पड़ते चीनी शिक्षा,
रुसी लेते रुसी दीक्षा,
हिन्दी को समझे क्यों दूजा,
उच्चशिक्षा में ये अभिशाप क्यों?
सब भाषाओँ से जुड़ती हिन्दी,
सहज भाव से मुड़ती हिन्दी,
कवियों के कर में खिलती,
इस उपवन में ये शाम क्यों?
(डॉ शिव”लहरी”)

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 608 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. शिव लहरी
View all
You may also like:
खूबसूरत चेहरे
खूबसूरत चेहरे
Prem Farrukhabadi
कुंडलिया - होली
कुंडलिया - होली
sushil sarna
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वक्त की जेबों को टटोलकर,
वक्त की जेबों को टटोलकर,
अनिल कुमार
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
सिद्धार्थ गोरखपुरी
पत्थर का सफ़ीना भी, तैरता रहेगा अगर,
पत्थर का सफ़ीना भी, तैरता रहेगा अगर,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"सुनहरा दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ
माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ये नज़रें
ये नज़रें
Shyam Sundar Subramanian
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आँख
आँख
विजय कुमार अग्रवाल
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
gurudeenverma198
दिल चाहे कितने भी,
दिल चाहे कितने भी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिंदगी को रोशन करने के लिए
जिंदगी को रोशन करने के लिए
Ragini Kumari
आँखों में सुरमा, जब लगातीं हों तुम
आँखों में सुरमा, जब लगातीं हों तुम
The_dk_poetry
" अंधेरी रातें "
Yogendra Chaturwedi
बेफिक्री की उम्र बचपन
बेफिक्री की उम्र बचपन
Dr Parveen Thakur
*दानवीर व्यापार-शिरोमणि, भामाशाह प्रणाम है (गीत)*
*दानवीर व्यापार-शिरोमणि, भामाशाह प्रणाम है (गीत)*
Ravi Prakash
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
पूर्वार्थ
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
Er. Sanjay Shrivastava
💐प्रेम कौतुक-182💐
💐प्रेम कौतुक-182💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
Taj Mohammad
कितना रोका था ख़ुद को
कितना रोका था ख़ुद को
हिमांशु Kulshrestha
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
जय श्रीकृष्ण -चंद दोहे
जय श्रीकृष्ण -चंद दोहे
Om Prakash Nautiyal
इंसान हूं मैं आखिर ...
इंसान हूं मैं आखिर ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
धरा प्रकृति माता का रूप
धरा प्रकृति माता का रूप
Buddha Prakash
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ढंका हुआ झूठ
ढंका हुआ झूठ
*Author प्रणय प्रभात*
जल से सीखें
जल से सीखें
Saraswati Bajpai
Loading...