(मेरी रचना बाल गीत – तितली प्यारी पर वाली)
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तितली प्यारी पर वाली
घूम रही हो डाली डाली
रंग रंगीले पंख तुम्हारे
लगती हो पूरी मतवाली
बाग बगीचे मे आती हो
फूल फूल पर इतराती हो
चिडियो की तुम सखी सहेली
हम बच्चों के मन भाती हो
किसने तेरे पंख रंगे है
इंद्र धनुष सा रंग भरे है
मुझको भी खुश रहना सिखलाओ
हम बच्चों के हाथ तो आओ
छूने पर उड जाती हो
लगता है तुम डर जाती हो
मेरे जैसे वीर बनो
कभी किसी से नही डरो
हम बच्चो के संग तो आओ
हाथ लगाए उड जाती हो
विन्ध्यप्रकाश मिश्र