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26 Jun 2023 · 1 min read

झरना का संघर्ष

झरना बहता गिरता,
ऊँचाई से नहीं है डरता,
पत्थरों से टकराता।

झर-झर गाती,
संघर्षो के गीत जग में,
प्रेणना देती हरदम।

स्वच्छ और निर्मल,
धारा ना रुकती निरंतर बहती,
आकर्षित करती सबको।

जंगल और पहाड़,
गवाह है विजय पथ के,
गिरकर सफलता मिलती।

रचनाकार
बुध्द प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।

Language: Hindi
1 Like · 455 Views
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