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11 Aug 2017 · 1 min read

न को नकार

न को नकार सच स्वीकार
पाने को जीत मिलती है हार
सोच रही सकार पहुंचा जो पार
हीरा की खोज मे मिलता है छार
पाने को बीस मिलता है चार
मै गिरा उठा पहुचा जो द्वार
आश्चर्य युक्त है संसार
विन्ध्यप्रकाश मिश्र

Language: Hindi
555 Views
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