Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2017 · 1 min read

नन्हा बचपन

Happy raksha bandhan to all brothers & sisters.
?????
मानस पटल पर आज,
फिर नन्हा बचपन छा गया ।

धुंधला – सा,
हर बात याद आ गया ।

वो राखी पर,
आपस में लड़ना ।
पहले मुझे, पहले मुझे,
ऐसा कह,
कलाई का आगे बढ़ाना ।

सबसे सुन्दर उपहार,
देने की आपस में,
प्रतियोगिता करना ।

तीन भाई की
एक अकेली बहना ।
कितने सुहाने दिन थे,
उन दिनों का क्या कहना ।

बड़े भाई की
छत्रछाया में बढ़ना ।
और छोटों से
लाड करना ।

थोड़ा लड़ना – झगड़ना,
रूठना, मनाना,
हर बात पर चिढ़ाना ।
एक दूसरे के लिए
जान हथेली पर रखना ।

मानस पटल परआज,
फिर नन्हा बचपन छा गया ।

धुंधला सा,
हर बात याद आ गया ।
—लक्ष्मी सिंह ?

352 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
आतंकवाद
आतंकवाद
नेताम आर सी
3204.*पूर्णिका*
3204.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मकरंद
मकरंद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
Shiv kumar Barman
💐Prodigy Love-12💐
💐Prodigy Love-12💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिंदगी की बेसबब रफ्तार में।
जिंदगी की बेसबब रफ्तार में।
सत्य कुमार प्रेमी
अंधेरे आते हैं. . . .
अंधेरे आते हैं. . . .
sushil sarna
प्रेम छिपाये ना छिपे
प्रेम छिपाये ना छिपे
शेखर सिंह
इरशा
इरशा
ओंकार मिश्र
*
*"अवध के राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
Jindagi ka safar bada nirala hai ,
Jindagi ka safar bada nirala hai ,
Sakshi Tripathi
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
Rj Anand Prajapati
मृत्यु पर विजय
मृत्यु पर विजय
Mukesh Kumar Sonkar
ये दुनिया थोड़ी टेढ़ी है, तू भी बगल कटारी रख (हिंदी गजल/गीति
ये दुनिया थोड़ी टेढ़ी है, तू भी बगल कटारी रख (हिंदी गजल/गीति
Ravi Prakash
किसके हाथों में थामो गे जिंदगी अपनी
किसके हाथों में थामो गे जिंदगी अपनी
कवि दीपक बवेजा
नूतन वर्ष
नूतन वर्ष
Madhavi Srivastava
तिलक-विआह के तेलउँस खाना
तिलक-विआह के तेलउँस खाना
आकाश महेशपुरी
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
अमीरों का देश
अमीरों का देश
Ram Babu Mandal
मुद्रा नियमित शिक्षण
मुद्रा नियमित शिक्षण
AJAY AMITABH SUMAN
यह दुनिया भी बदल डालें
यह दुनिया भी बदल डालें
Dr fauzia Naseem shad
ज़िंदगी...
ज़िंदगी...
Srishty Bansal
यादों की शमा जलती है,
यादों की शमा जलती है,
Pushpraj Anant
********* आजादी की कीमत **********
********* आजादी की कीमत **********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
उसका चेहरा उदास था
उसका चेहरा उदास था
Surinder blackpen
बस अणु भर मैं
बस अणु भर मैं
Atul "Krishn"
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
तुम होते हो नाराज़ तो,अब यह नहीं करेंगे
तुम होते हो नाराज़ तो,अब यह नहीं करेंगे
gurudeenverma198
जीवन की अभिव्यक्ति
जीवन की अभिव्यक्ति
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
■ धूर्तता का दौर है जी...
■ धूर्तता का दौर है जी...
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...