Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Sep 2016 · 1 min read

“तुम कब आओगे” //ग़ज़ल//

बहर 2222 2222 222

हम रोतें बैठे है तेरी यादों में
तड़प रहें है भीगी-भीगी रातों में

तुम हुई हो जबसे ओझल नज़रो से
देख तस्वीर तेरी खोयें है ख्वाबों में

तुमबिन हर तरफ़ ग़मजदा है वो यारा
तुम कब आओगे बैठे है राहों में

दरम्यां सनम मिटा दो क्यों दूर खडे हो
आ करके पास मुझे भर लो बाहों में

मेरी मेहबुबा दिल न जला नजदिक आ
डूब मुझे जाने दे नीली आंखों में

✍दुष्यंत कुमार पटेल”चित्रांश”✍

779 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उनकी जब ये ज़ेह्न बुराई कर बैठा
उनकी जब ये ज़ेह्न बुराई कर बैठा
Anis Shah
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
Paras Nath Jha
राहत का गुरु योग / MUSAFIR BAITHA
राहत का गुरु योग / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
Keshav kishor Kumar
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"मेरे तो प्रभु श्रीराम पधारें"
राकेश चौरसिया
भटक रहे अज्ञान में,
भटक रहे अज्ञान में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कार्ल मार्क्स
कार्ल मार्क्स
Shekhar Chandra Mitra
मेरा गुरूर है पिता
मेरा गुरूर है पिता
VINOD CHAUHAN
ती सध्या काय करते
ती सध्या काय करते
Mandar Gangal
Li Be B
Li Be B
Ankita Patel
आज के युग में नारीवाद
आज के युग में नारीवाद
Surinder blackpen
*खुशी लेकर चली आए, सभी के द्वार दीवाली (हिंदी गजल)*
*खुशी लेकर चली आए, सभी के द्वार दीवाली (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मैं किताब हूँ
मैं किताब हूँ
Arti Bhadauria
चाय की घूंट और तुम्हारी गली
चाय की घूंट और तुम्हारी गली
Aman Kumar Holy
माह सितंबर
माह सितंबर
Harish Chandra Pande
चिड़िया चली गगन आंकने
चिड़िया चली गगन आंकने
AMRESH KUMAR VERMA
#जंगल_में_मंगल
#जंगल_में_मंगल
*Author प्रणय प्रभात*
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Everyone enjoys being acknowledged and appreciated. Sometime
Everyone enjoys being acknowledged and appreciated. Sometime
पूर्वार्थ
कोरा कागज और मेरे अहसास.....
कोरा कागज और मेरे अहसास.....
Santosh Soni
2329.पूर्णिका
2329.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
संदेशा
संदेशा
manisha
समझना है ज़रूरी
समझना है ज़रूरी
Dr fauzia Naseem shad
हमारे जैसी दुनिया
हमारे जैसी दुनिया
Sangeeta Beniwal
कहीं पहुंचने
कहीं पहुंचने
Ranjana Verma
मेरी जन्नत
मेरी जन्नत
Satish Srijan
किताब
किताब
Lalit Singh thakur
Happy Father Day, Miss you Papa
Happy Father Day, Miss you Papa
संजय कुमार संजू
"साहस"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...