Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2017 · 1 min read

तुम्हारी प्रतीक्षा

मैंने अपनी पूरी उम्र
कैद कर ली है
इन आंखों में

दिनों की गिनती
अर्थहीन लगती है अब

मैंने तो
बरस के बरस
इन आंखों के रास्ते
तुम्हारी प्रतीक्षा में
समर्पित कर दिए हैं

आशाओं का
तार-तार होना
अब
व्यथित नहीं करता मुझे
आदत-सी हो गई है
इन पथराई आंखों को
क्षितिज तक देखने की

और
तुम क्षितिज हो
इस सत्य का
आभास है मुझे

फिर भी न जाने क्यों
मैं अपनी सारी उम्र
आंखों के रास्ते
तुम्हारी प्रतीक्षा में
गुजार देना चाहता हूँ ।
-*-*-*
अशोक सोनी
-9406027423
भिलाई-छ.ग.।

Language: Hindi
487 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो संस्कार अपने क़ानून तोड़ देते है,
जो संस्कार अपने क़ानून तोड़ देते है,
शेखर सिंह
कुछ नींदों से अच्छे-खासे ख़्वाब उड़ जाते हैं,
कुछ नींदों से अच्छे-खासे ख़्वाब उड़ जाते हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! .
Atul "Krishn"
मन की गांठ
मन की गांठ
Sangeeta Beniwal
*जाति मुक्ति रचना प्रतियोगिता 28 जनवरी 2007*
*जाति मुक्ति रचना प्रतियोगिता 28 जनवरी 2007*
Ravi Prakash
आजा रे अपने देश को
आजा रे अपने देश को
gurudeenverma198
अपनी धरती कितनी सुन्दर
अपनी धरती कितनी सुन्दर
Buddha Prakash
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आधार छंद - बिहारी छंद
आधार छंद - बिहारी छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
Rajesh Kumar Arjun
मन की बात
मन की बात
पूर्वार्थ
डॉ भीमराव अम्बेडकर
डॉ भीमराव अम्बेडकर
नूरफातिमा खातून नूरी
मेरी किस्मत
मेरी किस्मत
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
राम है अमोघ शक्ति
राम है अमोघ शक्ति
Kaushal Kumar Pandey आस
कर्म ही है श्रेष्ठ
कर्म ही है श्रेष्ठ
Sandeep Pande
"कोढ़े की रोटी"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम इश्क लिखना,
तुम इश्क लिखना,
Adarsh Awasthi
विपत्ति आपके कमजोर होने का इंतजार करती है।
विपत्ति आपके कमजोर होने का इंतजार करती है।
Paras Nath Jha
Wakt ke pahredar
Wakt ke pahredar
Sakshi Tripathi
अकेलापन
अकेलापन
लक्ष्मी सिंह
*बाल गीत (मेरा मन)*
*बाल गीत (मेरा मन)*
Rituraj shivem verma
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
Sanjay ' शून्य'
2495.पूर्णिका
2495.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
संग चले जीवन की राह पर हम
संग चले जीवन की राह पर हम
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अनसोई कविता...........
अनसोई कविता...........
sushil sarna
मन से चाहे बिना मनचाहा नहीं पा सकते।
मन से चाहे बिना मनचाहा नहीं पा सकते।
Dr. Pradeep Kumar Sharma
CUPID-STRUCK !
CUPID-STRUCK !
Ahtesham Ahmad
हमें यह ज्ञात है, आभास है
हमें यह ज्ञात है, आभास है
DrLakshman Jha Parimal
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
फटे रह गए मुंह दुनिया के, फटी रह गईं आंखें दंग।
फटे रह गए मुंह दुनिया के, फटी रह गईं आंखें दंग।
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...