Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2016 · 1 min read

चलो हो गयी दीवाली

चलो हो गयी दीवाली

दीवाली से पहले
सोशल मीडिया पर चीनी सामान का बहिष्कार की बातें करने बाले
काफी लोग
दीवाली पर
पहले से रखी लाइट्स का इस्तेमाल करते दिखे
ऑनलाइन शॉपिंग पर चीनी सामान खरीदने का लुत्फ़ लेते मिले
भले ही अपने नाते रश्तेदारों और पड़ोसियों से दिवाली पर बात न की हो
इस बार भी फेसबुक ट्विटर व्हाटप्पस पर खूब मेल लिखे
जिसके पास जितना पैसा था
या कहिये जितना दिखाबा कर सकता था
दिवाली के दिन उतनी अधिक खऱीदारी की
भले जरुरत हो या ना हो
पर्याबरण की चिंता में रात दिन एक करने बाले भी
दीवाली के दिन
आकाश को धुएं से भरने में भी पीछे नहीं रहे
घाटे में चलने बाली कुछ संस्थानों ने जैसे तैसे
अपने कर्मचारियों को बोनस दिया और
अपनी नाक बचाई
पोस्टमैन , माली , गैस सप्लायर ,धोबी ने
अपने अपने तरीकों से दिवाली की बधाई दी
मतलब जबरन धन बसूली की
छोटे बच्चों ने दीवाली के नाम पर
जमकर मस्ती की , पढ़ाई से मन चुराया
रक्त शर्करा से पीड़ित लोगों ने
दीवाली पर अपनी दबी इच्छा पूरी की
और
सबने
खूब दीवली मनाई
अपने अपने तरीके से
और
चैन की साँस ली
चलो हो गयी दीवाली

मदन मोहन सक्सेना

Language: Hindi
270 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Meri Jung Talwar se nahin hai
Meri Jung Talwar se nahin hai
Ankita Patel
लक्ष्मी-पूजन
लक्ष्मी-पूजन
कवि रमेशराज
!! दिल के कोने में !!
!! दिल के कोने में !!
Chunnu Lal Gupta
"काँच"
Dr. Kishan tandon kranti
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
Jyoti Khari
फितरत बदल रही
फितरत बदल रही
Basant Bhagawan Roy
बाल कविता: हाथी की दावत
बाल कविता: हाथी की दावत
Rajesh Kumar Arjun
एक ख़्वाहिश
एक ख़्वाहिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*अभी भी शुक्रिया साँसों का, चलता सिलसिला मालिक【मुक्तक 】*
*अभी भी शुक्रिया साँसों का, चलता सिलसिला मालिक【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
चाहता हूं
चाहता हूं
Er. Sanjay Shrivastava
कहां  गए  वे   खद्दर  धारी  आंसू   सदा   बहाने  वाले।
कहां गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
मैं मुश्किलों के आगे कम नहीं टिकता
मैं मुश्किलों के आगे कम नहीं टिकता
सिद्धार्थ गोरखपुरी
गीतिका-
गीतिका-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
Surinder blackpen
3002.*पूर्णिका*
3002.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
self doubt.
self doubt.
पूर्वार्थ
प्रेम
प्रेम
Sushmita Singh
मेरी माटी मेरा देश भाव
मेरी माटी मेरा देश भाव
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
अंधेरे के आने का खौफ,
अंधेरे के आने का खौफ,
Buddha Prakash
Ghughat maryada hai, majburi nahi.
Ghughat maryada hai, majburi nahi.
Sakshi Tripathi
राजाराम मोहन राॅय
राजाराम मोहन राॅय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ज़िंदगी तेरे मिज़ाज से
ज़िंदगी तेरे मिज़ाज से
Dr fauzia Naseem shad
तुम लौट आओ ना
तुम लौट आओ ना
Anju ( Ojhal )
मुश्किल से मुश्किल हालातों से
मुश्किल से मुश्किल हालातों से
Vaishaligoel
प्रबुद्ध कौन?
प्रबुद्ध कौन?
Sanjay ' शून्य'
चॅंद्रयान
चॅंद्रयान
Paras Nath Jha
ज्योति मौर्या बनाम आलोक मौर्या प्रकरण…
ज्योति मौर्या बनाम आलोक मौर्या प्रकरण…
Anand Kumar
उद्दंडता और उच्छृंखलता
उद्दंडता और उच्छृंखलता
*Author प्रणय प्रभात*
हिन्दी की गाथा क्यों गाते हो
हिन्दी की गाथा क्यों गाते हो
Anil chobisa
रावण की गर्जना व संदेश
रावण की गर्जना व संदेश
Ram Krishan Rastogi
Loading...