Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2017 · 1 min read

चन्दा का धन्धा

ये चन्दा का धन्धा तू कब तक करेगा,
मरे को ही जिन्दा तू कब तक करेगा।
ये नफरत का कांटा पिघल जायेगा सब
ये झूठे का वादा निकल जायेगा सब।
अगर हमनें मिलकर इसे न भगाया,
गरीबों का पैसा निगल जायेगा सब।।
धनकाला न लाया तुमने विदेशों से
तो बोलो साहब खुद के गले में,
फाँसी का फंदा तू कब तक करेगा।
यूँ खुद को शर्मिंदा तू कब तक करेगा।।
ये चन्दा ———– तू कब तक करेगा।।

संदीप यादव(Zo Zo)
आजमगढ़

Language: Hindi
411 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
मुझे तारे पसंद हैं
मुझे तारे पसंद हैं
ruby kumari
मन का मिलन है रंगों का मेल
मन का मिलन है रंगों का मेल
Ranjeet kumar patre
कुतूहल आणि जिज्ञासा
कुतूहल आणि जिज्ञासा
Shyam Sundar Subramanian
हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
Mahendra Narayan
कारगिल युद्ध फतह दिवस
कारगिल युद्ध फतह दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विश्व पुस्तक दिवस पर विशेष
विश्व पुस्तक दिवस पर विशेष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दर्द
दर्द
Dr. Seema Varma
*......कब तक..... **
*......कब तक..... **
Naushaba Suriya
"प्रेरणा के स्रोत"
Dr. Kishan tandon kranti
रुक्मिणी संदेश
रुक्मिणी संदेश
Rekha Drolia
*तेरा इंतज़ार*
*तेरा इंतज़ार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
इबादत के लिए
इबादत के लिए
Dr fauzia Naseem shad
सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"बेरंग शाम का नया सपना" (A New Dream on a Colorless Evening)
Sidhartha Mishra
अजब-गजब नट भील से, इस जीवन के रूप
अजब-गजब नट भील से, इस जीवन के रूप
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अभिनंदन डॉक्टर (कुंडलिया)
अभिनंदन डॉक्टर (कुंडलिया)
Ravi Prakash
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
पूर्वार्थ
उसका आना
उसका आना
हिमांशु Kulshrestha
बात है तो क्या बात है,
बात है तो क्या बात है,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
कुत्ते
कुत्ते
Dr MusafiR BaithA
याद हमारी बहुत आयेगी कल को
याद हमारी बहुत आयेगी कल को
gurudeenverma198
राजनीति
राजनीति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
#ग़ज़ल :--
#ग़ज़ल :--
*Author प्रणय प्रभात*
रखे हों पास में लड्डू, न ललचाए मगर रसना।
रखे हों पास में लड्डू, न ललचाए मगर रसना।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*हम पर अत्याचार क्यों?*
*हम पर अत्याचार क्यों?*
Dushyant Kumar
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
डॉ. दीपक मेवाती
हरि हृदय को हरा करें,
हरि हृदय को हरा करें,
sushil sarna
आहिस्ता आहिस्ता मैं अपने दर्द मे घुलने लगा हूँ ।
आहिस्ता आहिस्ता मैं अपने दर्द मे घुलने लगा हूँ ।
Ashwini sharma
Loading...