गुड़िया आई गुझिया लाई
गुड़िया आई गुझिया लाई
सावन का मौसम मनभावन
डाल डाल पर पड गए झूले
हम सब झूले मन भी झूमे
कजरी गीत सुनी सुहाई
गुड़िया आई गुझिया लाई।
पावन सावन शिव मास है
भोले का यह मास खास है
बादल दिखते आसमान में
मौसम शीतल है सुखदाई
गुड़िया आई गुझिया लाई।
रिमझिम बूँदे पडी खेत मे
जीवन दिखने लगा रेत मे
खुशियाँ दिखने लगी क्षेत्र में
घर घर में खुशहाली छाई।
गुड़िया आई गुझिया लाई।
तरह तरह के भोजन बनते
मठरी और समोसे छनते।
चिप्स पापड भी जमकर बनते।
गुझिया बनती बनी मिठाई ।
गुड़िया आई गुझिया लाई।