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9 Aug 2016 · 1 min read

गीत :– ये जुल्फें ये आँखें ये होठों की लाली !!

गीत :– ये जुल्फें ये आँखें ये होठों की लाली !!

ये जुल्फें ये आँखें ये होठों की लाली !
खुदा नें है बख्शा या तूने चुरा ली!!

दहकता ये जौवन ..ये झूमे बदन है !
ना दिल में तपन है ना माथे शिकन है !!
सागर मे खिलता गुलाबी कमल ज्यों ;
चहरे पे रौनक वो दीवानापन है !!

ये नाक की नथनी ये कानों की बाली !
खुदा नें है बख्शा या तू नें चुरा ली !!

सांसों से तेरी ये महका चमन है !
नजाकत निगाहों में एक आवरण है !
सितारे ये पूछें जमीं में उतर कर ;
परी है या कोई कली गुलबदन है !!

ये आहें ये सांसें ये बातें निराली !
खुदा नें है बख्शा या तूने चुरा ली !!

कवि :– अनुज तिवारी “इन्दवार”

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 5 Comments · 2926 Views
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