Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2017 · 1 min read

कुछ पल मुस्कुराये होते

तुम अगर मेरी जिंदगी में आये होते
तो हम भी कुछ पल मुस्कुराये होते !!

न रहते जिंदगी में तुम भी यूँ तन्हा
न अकेले में हमने आँसू बहाये होते !!

बेझिझक होती खट्टी मीठी तकरार भी
न गुफ्तगू के लिये बहाने बनाये होते !!

नाता अपना भी अधूरा था ख़ुदा के घर से
वरना बाहोँ के झूले हमने भी झुलायें होते !!

कोई तो रहा होगा नाता “धर्म” से जग में
यूँ ही तो न एक दूजे के दिल में समाये होते !!

!
!
डी के निवातिया _____________@

529 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इससे ज़्यादा
इससे ज़्यादा
Dr fauzia Naseem shad
वो एक ही शख्स दिल से उतरता नहीं
वो एक ही शख्स दिल से उतरता नहीं
श्याम सिंह बिष्ट
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
Kanchan Khanna
खोज करो तुम मन के अंदर
खोज करो तुम मन के अंदर
Buddha Prakash
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वतन के लिए
वतन के लिए
नूरफातिमा खातून नूरी
" from 2024 will be the quietest era ever for me. I just wan
पूर्वार्थ
सुनें   सभी   सनातनी
सुनें सभी सनातनी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
चलो चलें वहां जहां मिले ख़ुशी
चलो चलें वहां जहां मिले ख़ुशी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#डॉ अरूण कुमार शास्त्री
#डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
।। धन तेरस ।।
।। धन तेरस ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
Quote..
Quote..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
महंगाई के इस दौर में भी
महंगाई के इस दौर में भी
Kailash singh
फूल
फूल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हरेक मतदान केंद्र पर
हरेक मतदान केंद्र पर
*Author प्रणय प्रभात*
राष्ट्रप्रेम
राष्ट्रप्रेम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"वक्त-वक्त की बात"
Dr. Kishan tandon kranti
बेहिसाब सवालों के तूफान।
बेहिसाब सवालों के तूफान।
Taj Mohammad
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
दर्द ! अपमान !अस्वीकृति !
दर्द ! अपमान !अस्वीकृति !
Jay Dewangan
जय श्री राम
जय श्री राम
Er.Navaneet R Shandily
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
पतझड़ की कैद में हूं जरा मौसम बदलने दो
पतझड़ की कैद में हूं जरा मौसम बदलने दो
Ram Krishan Rastogi
*तुम्हारे साथ में क्या खूब,अपनी इन दिनों यारी (भक्ति गीत)*
*तुम्हारे साथ में क्या खूब,अपनी इन दिनों यारी (भक्ति गीत)*
Ravi Prakash
“ज़िंदगी अगर किताब होती”
“ज़िंदगी अगर किताब होती”
पंकज कुमार कर्ण
2721.*पूर्णिका*
2721.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समाज के बदलते स्वरूप में आप निवेशक, उत्पादक, वितरक, विक्रेता
समाज के बदलते स्वरूप में आप निवेशक, उत्पादक, वितरक, विक्रेता
Sanjay ' शून्य'
न्याय के लिए
न्याय के लिए
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दिखाना ज़रूरी नहीं
दिखाना ज़रूरी नहीं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...