Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Mar 2017 · 1 min read

ग़ज़ल (चलो हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है )

मन से मन भी मिल जाये , तन से तन भी मिल जाये
प्रियतम ने प्रिया से आज मन की बात खोली है

मौसम आज रंगों का छायी अब खुमारी है
चलों सब एक रंग में हो कि आयी आज होली है

ले के हाथ हाथों में, दिल से दिल मिला लो आज
यारों कब मिले मौका अब छोड़ों ना कि होली है

क्या जीजा हों कि साली हों ,देवर हो या भाभी हो
दिखे रंगनें में रंगानें में , सभी मशगूल होली है

ना शिकबा अब रहे कोई , ना ही दुश्मनी पनपे
गले अब मिल भी जाओं सब, आयी आज होली है

प्रियतम क्या प्रिया क्या अब सभी रंगने को आतुर हैं
चलो हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है .

होली की अग्रिम शुभकामनाएं
ग़ज़ल (चलो हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है )

मदन मोहन सक्सेना

588 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
Ranjeet kumar patre
You are not born
You are not born
Vandana maurya
हर जगह मुहब्बत
हर जगह मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
Naushaba Suriya
अर्चना की कुंडलियां भाग 2
अर्चना की कुंडलियां भाग 2
Dr Archana Gupta
आत्मा की आवाज
आत्मा की आवाज
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
23/133.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/133.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मार्केटिंग फंडा
मार्केटिंग फंडा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हाथों ने पैरों से पूछा
हाथों ने पैरों से पूछा
Shubham Pandey (S P)
बात तब कि है जब हम छोटे हुआ करते थे, मेरी माँ और दादी ने आस
बात तब कि है जब हम छोटे हुआ करते थे, मेरी माँ और दादी ने आस
ruby kumari
रामलला के विग्रह की जब, भव में प्राण प्रतिष्ठा होगी।
रामलला के विग्रह की जब, भव में प्राण प्रतिष्ठा होगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
वाह भाई वाह
वाह भाई वाह
gurudeenverma198
बचपन मेरा..!
बचपन मेरा..!
भवेश
जरा विचार कीजिए
जरा विचार कीजिए
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
आइसक्रीम
आइसक्रीम
Neeraj Agarwal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
आंखों में कभी जिनके
आंखों में कभी जिनके
Dr fauzia Naseem shad
बगुले तटिनी तीर से,
बगुले तटिनी तीर से,
sushil sarna
#एक_शेर
#एक_शेर
*Author प्रणय प्रभात*
बेटियां ?
बेटियां ?
Dr.Pratibha Prakash
* उपहार *
* उपहार *
surenderpal vaidya
जब तक रहेगी ये ज़िन्दगी
जब तक रहेगी ये ज़िन्दगी
Mr.Aksharjeet
दोस्ती एक पवित्र बंधन
दोस्ती एक पवित्र बंधन
AMRESH KUMAR VERMA
*फूलों मे रह;कर क्या करना*
*फूलों मे रह;कर क्या करना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अपने सुख के लिए, दूसरों को कष्ट देना,सही मनुष्य पर दोषारोपण
अपने सुख के लिए, दूसरों को कष्ट देना,सही मनुष्य पर दोषारोपण
विमला महरिया मौज
मुकद्दर
मुकद्दर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
चाँद  भी  खूबसूरत
चाँद भी खूबसूरत
shabina. Naaz
*रिश्ते भैया दूज के, सबसे अधिक पवित्र (कुंडलिया)*
*रिश्ते भैया दूज के, सबसे अधिक पवित्र (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तुम तो मुठ्ठी भर हो, तुम्हारा क्या, हम 140 करोड़ भारतीयों का भाग्य उलझ जाएगा
तुम तो मुठ्ठी भर हो, तुम्हारा क्या, हम 140 करोड़ भारतीयों का भाग्य उलझ जाएगा
Anand Kumar
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
Subhash Singhai
Loading...