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13 Dec 2016 · 1 min read

दास्तां

बचपन में थी मोटी अब वो हूर हो गई ।

चांद भी सरमा जाऐ वो ऐसा नूर हो गई ।

यूँ चली दास्तां हमारी आशिकों में मशहूर हो गई ।

पाकर इश्क हमारा वो भी कुछ मगरूर हो गई ।

हुस्न और इश्क के गुमान में वो यूँ चूर हो गई ।

नजरों तले रहकर भी वो दिल से दूर हो गई ।

Language: Hindi
Tag: शेर
693 Views
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