Posts Tag: Vivek Saswat Kavita 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vivek saswat Shukla 12 Dec 2024 · 1 min read रेल सरीखे दौड़ती जिंदगी। रेल सरीखे दौड़ती जिंदगी। धूप सरीखे निकलती और ढलती जिंदगी।। हवा सरीखे छूकर गुजराती जिंदगी। आंखों से बेमौसम बरसती जिंदगी।। जिसमें त्योहारों के चार दिन हैं और कुछ हसीन चांद... Best Poetry Vivek Saswat · Urdu Sher Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Sher · Vivek Saswat Shukla 17 Share Vivek saswat Shukla 12 Dec 2024 · 1 min read मैं बग़ैर आंसुओं के भी रोता रहा।। ये सावन महीना, ये गहरी सी रातें। ये हल्की सी बारिश, ये रंगों का मौसम।। इसमें पलकों को अपने मैं धोता रहा। मैं बग़ैर आंसुओं के भी रोता रहा।। फट... Best Poetry Vivek Saswat · Urdu Sher Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Sher · Vivek Saswat Shukla 16 Share Vivek saswat Shukla 12 Dec 2024 · 1 min read तुझे याद करूं भी, तो कैसे करूं। तुझे याद करूं भी, तो कैसे करूं। तेरी तस्वीर संवारूं, या निहारूं आईने में खुद को।। दूर करूं तुझे खुद से, या खुद को अपनी बांहों में भरूं।। तू ही... Hindi · Best Poetry Vivek Saswat · Urdu Sher Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla · Vivek Shukla Shayri 16 Share Vivek saswat Shukla 12 Dec 2024 · 1 min read युवा हम भारत के वीर युवा, इतिहास बनाने वाले हम हैं,, दुनिया को सद्बुद्धि का, मार्ग दिखाने वाले हम हैं। कुछ भी नहीं था, दुनिया में जब तब,, आयुर्वेद बनाने वाले... Poetry Writing Challenge-2 · Best Poetry Vivek Saswat · Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla 20 Share Vivek saswat Shukla 23 Sep 2024 · 1 min read मृत्यु के पश्चात मुझसे मिलने लोग आएंगे, दूर से ही जमीन पर पड़ा मुझे देखेंगे! मेरी बुराइयों का कड़वा घूंट पीकर, मेरी अच्छाइयों का गुणगान करेंगे!! मेरे ऊपर कुछ बेहतरीन चर्चाएं करेंगे, फिर... Best Hindi Kavita · Hindi Poem · Poetviveksaswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla 46 Share Vivek saswat Shukla 21 Sep 2024 · 1 min read "अबला" नारी पढ़ाई करो, करो सिलाई बुनाई भी, खुद को बचाने को मगर, थोड़ी तैयारी भी कर लो। होगी नहीं रक्षा तुम्हारे सम्मान की, इंस्टा की रील से, चूड़ियां उतारो अपनी, और... Hindi · Abla Nari · Poetviveksaswat · Top Hindi Poetry · Vivek Saswat Kavita · Viveksaswatshukla 89 Share Vivek saswat Shukla 19 Sep 2024 · 1 min read जयघोष पथ-पथ कांटे पड़े हुए हैं नग्न पांव में जाऊंगा होगा विलम्ब आने में शायद किन्तु लौट मैं आऊंगा था सुना, धरा मतवाली है ? है गगन, मगन अपनी धुन में... Best Hindi Kavita · Best Hindi Poetry · Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla 62 Share Vivek saswat Shukla 19 Sep 2024 · 1 min read जब वो मिलेगा मुझसे जब वो मिलेगा मुझसे ! क्या आंख मिलायेगा ? गले लगेगा मुझसे,या बस मुस्करायेगा ? निगाहें करेंगी बयां कुछ, या बस खामोश रहकर चला जाएगा। नहीं! वो नजरें ज़मीं में... Best Hindi Poetry · Best Love Poetry · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Sher · Vivek Saswat Shukla 81 Share Vivek saswat Shukla 19 Sep 2024 · 1 min read कभी हमसे पुछिए वो दिन, वो मंजर हमसे पूछिए,, वो सुखा किनारा, वो प्यासा समंदर हमसे पूछिए,, पूछिए हमसे… वो घड़ी,वो बात! वो वक्त,वो जज़बात!! वो रास्ता, वो सफ़र वो शाम, वो लहर... Hindi · Best Hindi Kavita · Poetviveksaswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla · कविता 56 Share Vivek saswat Shukla 29 Mar 2024 · 1 min read आगाज़ है धुआं सा कुछ यहां, चिरागों को जलाते हैं,, बदल दे कर लकीरों को, कर खिलाफत जमाने से। पकड़ ले बुलंदी की डोर हाथों में, पंख कागजों की लगाके,, नभ... Best Hindi Kavita · Best Hindi Poetry · Top Hindi Poetry · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla 210 Share Vivek saswat Shukla 15 Feb 2024 · 1 min read श्री शूलपाणि मद चंद कंठ भुजंग शोभित, तन भस्म देखते डोलत धरा। मृगछाल धार कालों के काल, शोभित कर शूल निकलें जटा से सुरसुरि धरा।। नर,नाग, किन्नर,सुर-असुर, गंधर्व, ऋषि, मुनि देखैं दिगम्बरा।... Poetry Writing Challenge-2 · Best Hindi Kavita · Best Hindi Poetry · Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla 176 Share Vivek saswat Shukla 15 Feb 2024 · 1 min read बचपन मेरा भी एक बचपन था, छोटा था मैं अल्हड़पन था,, मैं भी एक छोटा लड़का था, मेरा भी एक बचपन था। कुछ सपने थे जो भूल गया हूं, कुछ यादें... Poetry Writing Challenge-2 · Best Hindi Kavita · Top Hindi Poetry · Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla 239 Share Vivek saswat Shukla 24 Jan 2024 · 1 min read राही भूख प्यास सब त्याग सदा, चलता राही राहों पर,, चलता है खुद का शव लेकर, राही अपने कंधों पर। स्वयं स्वयं में विलीन होकर, अंत ढूंढने चलता है।। निकल शून्य... Poetry Writing Challenge-2 · Best Hindi Kavita · Best Hindi Poetry · Top Hindi Poetry · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla 136 Share Vivek saswat Shukla 24 Jan 2024 · 2 min read अवध हैं राम राम का देश यही, तुलसी का है उपदेश यही। यही भागीरथ परिपाटी है, हां यही अवध की माटी है।। है धाम पुण्य यह धामो का, श्रीरघुवर के बलिदानों... Poetry Writing Challenge-2 · Best Hindi Kavita · Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla · अयोध्या 124 Share