तुझे याद करूं भी, तो कैसे करूं।
तुझे याद करूं भी,
तो कैसे करूं।
तेरी तस्वीर संवारूं,
या निहारूं आईने में खुद को।।
दूर करूं तुझे खुद से,
या खुद को अपनी बांहों में भरूं।।
तू ही बता!
तुझे याद करूं भी।
तो कैसे करूं।।
सोचूं वो बातों में बीती रात,
वो पीपल का पेड़ या पहली मुलाक़ात।
महसूस करूं खुद में ही तुझको
या ढूंढूं तुझे छूकर गुज़री वो हवा,
तू कहे तो खुद में तुझको पढूं मैं
या तेरी सुरत आंखों में भरूं।।
तू ही बता!
तुझे याद करूं भी।
तो कैसे करूं।।