Posts Tag: Manisha Manjari Hindi Poem 243 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Manisha Manjari 19 Jul 2025 · 1 min read तेरे शहर की नादान सरहदें, अब मुझको रिझाती नहीं, तेरे शहर की नादान सरहदें, अब मुझको रिझाती नहीं, क़दमों की मासूम ख्वाहिशें, गली तेरी अब दिखाती नहीं। आंधियां तो आती हैं हर रोज मगर, ये खुशबुएँ तेरी संग लाती... Hindi · Authormanishamanjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 103 Share Manisha Manjari 19 Jul 2025 · 1 min read ये नित्य संघर्ष, हृदय को थकाने लगा है, ये नित्य संघर्ष, हृदय को थकाने लगा है, अवसाद की हरितभूमि पर, जल बरसाने लगा है। निराशा के बुझे दीयों को, लौ दिखाने लगा है, अतीत की स्याह परछाइयों, की... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 85 Share Manisha Manjari 19 Jul 2025 · 1 min read तुम सफर उजालों का करो, मुझे अंधेरों में खो जाने दो, तुम सफर उजालों का करो, मुझे अंधेरों में खो जाने दो, तुम सूरज के अपने बने रहो, मुझे सितारों का हो जाने दो। मेरा अक्स है प्यासा, इसे बारिशों को... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 130 Share Manisha Manjari 29 Jun 2025 · 1 min read खामोशी में घुली बातों का, अपना हीं पैमाना है, खामोशी में घुली बातों का, अपना हीं पैमाना है, जिन्हें सुनने की हो तलब, उन्होंने हीं तो ये जाना है। यूँ तो बारिशों में है भींगती जमीं, निगाहों ने ये... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 105 Share Manisha Manjari 20 Jun 2025 · 1 min read क्या खूब है पहली बारिश क्या खूब है पहली बारिश का, धरा के आलिंगन में बंध जाना, खामोशी को सींचती प्यासी बूँदें और, सौंधी खुशबू का ये नजराना। हवाओं में घुली मोहब्बत का, शहरों को... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 90 Share Manisha Manjari 10 Jun 2025 · 1 min read ख्वाहिशों में बसा वो घर, अब अजनबी सा लगता है, ख्वाहिशों में बसा वो घर, अब अजनबी सा लगता है, यादों से भरा वो शहर भी, मतलबी सा लगता है। साँसों में घुलती हवाएं, घुटन की वजह बनकर मिलती हैं,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 147 Share Manisha Manjari 10 Jun 2025 · 1 min read धूप साथ की भ्रम सी निकली, सांझ तो थी अनाथ, धूप साथ की भ्रम सी निकली, सांझ तो थी अनाथ, ज़िन्दगी की स्याह राहों में, देता है कौन साथ। एक ज़िद्द रही लड़ लेंगे हम, हो जैसे भी हालात, पर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 92 Share Manisha Manjari 10 Jun 2025 · 1 min read ये बेवक़्त की बारिशें, और यादों का एक जैसा हीं तराना है, ये बेवक़्त की बारिशें, और यादों का एक जैसा हीं तराना है, बिना कहे और बिना सुने, इन्हें आ कर हमें सताना है। जेठ की ताव में झुलसे तन को,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 90 Share Manisha Manjari 10 Jun 2025 · 1 min read दो राहों पर ठहरी है ज़िन्दगी, पर इन क़दमों की राहों का निर्माण दो राहों पर ठहरी है ज़िन्दगी, पर इन क़दमों की राहों का निर्माण नहीं, सोचा था कट जायेगी यूँ हीं, पर ये ज़िन्दगी रही आसान नहीं। कितने सितारों की टूटन... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 90 Share Manisha Manjari 29 May 2025 · 1 min read ये फिजायें जब भी, बेसब्र बारिशों से दिल लगती है, ये फिजायें जब भी, बेसब्र बारिशों से दिल लगती है, तेरी आवाजें मेरी, इन खामोशियों में गुनगुनाती हैं। आंधियां जब भी, सोये दरख्तों का साथ पाती हैं, तेरी खुशबुएं चुपके... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 89 Share Previous Page 3 Next