Posts Tag: Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kunwar kunwar sarvendra vikram singh 6 Apr 2025 · 1 min read हाथों में सोने की चूड़ी हाथों में सोने की चूड़ी, छल्ला चाहिए बेखटके हम पहने वो मुहल्ला चाहिए पैरों में घूँघरू हो सइयाँ भी गबरू हो जो हो दीवाना मेरा मेरा ही मजनूँ हो लट्टू... Hindi · Hathon_mein_sone_ki_choodi · Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh · LadiesSangeetHindiWeddingSong · कुँवर_सर्वेन्द्र_की_कविताएं · विवाह_गीत_लेडीज_संगीत 9 Share Kunwar kunwar sarvendra vikram singh 15 Mar 2025 · 1 min read होली का त्योहार भंग का रंग जमा हो चकाचक, रंगों की बौछार देखो-देखो आया लोगों, होली का त्यौहार गात-पात सब डोल रहे हैं फूल पराग कपोल किये हैं तरुओं ने तन खोल दिए... Hindi · Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh · Trending_poetry_of_holi · कुंवर_सर्वेन्द्र-की-कविताएं_ग · होली_का_त्यौहार_poetryofhol · होली_की_कविता_होली_गीत_holi_s 1 2 390 Share Kunwar kunwar sarvendra vikram singh 21 Dec 2024 · 1 min read गीत खुशी के गाता हूँ....! दर्द को अपने दिल में बसाकर, गीत खुशी के गाता हूँ अपने मन के उथले तट पर, प्रेम की वीणा बजाता हूँ पीड़ा के गीतों को लेकर सुधियों की सरगम... Hindi · Hindi_poet · Hindi_sahitya_ke_kavi · Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh · कविता_गीत · गीत_खुशी_के_गाता_हूँ 1 285 Share Kunwar kunwar sarvendra vikram singh 8 Dec 2024 · 1 min read मज़हब की आइसक्रीम लोग खिलाना चाहें मुझको, मज़हब की आइसक्रीम मेरा गला खराब है, चाहूँ मैं हकीम जाली टोपी सर पे सजाके चेहरे पे दाढ़ी को बढ़ाके नफ़रत की तकरीरें सुनाके लोगों को... Hindi · Hindi_poetry · Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh · Trending_poet_writer · मज़हब_की_आइसक्रीम · शायरी_गीत_गजल_नगमें 2 203 Share Kunwar kunwar sarvendra vikram singh 23 Nov 2024 · 1 min read हिय–तरंगित कर रही हो....! नयन–इंगित, हिय–तरंगित कर रही हो संचरण जीवन–वरण तुम कर रही हो कल्पना सा रूप लेकर अल्पना घनीभूत देकर कंचना प्रारूप लेकर कर्मना फलीभूत देकर पलक–मंत्रित, पिय–निमंत्रित कर रही हो जागरण... Hindi · Hindi_poetry · Hindi_sahitya_hindi_kavitayei · Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh · Trending · प्रेम_पर_कविता 2 270 Share Kunwar kunwar sarvendra vikram singh 14 Nov 2024 · 1 min read बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो...! बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो...! (बाल दिवस के अवसर पर बच्चों को समर्पित मेरी यह रचना) _______________________________ बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो फूलों सा खिलने तो दो हवाओं... Hindi · Childrens_day_poetry · Hindi_bal_kavitayein · Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh · बच्चों_पर_कविताएं · बाल_दिवस_पर_कविता 1 2 233 Share Kunwar kunwar sarvendra vikram singh 5 Nov 2024 · 1 min read जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....! जगमग–जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में दीपावली कोई गीत गढ़े, तेरे इन दो नैनों में रूप जवानी का दीपक है बारे पलकें जो तेरी काजल हैं पारे मोती... Hindi · Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh · Love_Poem · Trending · Trending_poetry_of_deepawali · दीपावली_पर_कविता 1 248 Share Kunwar kunwar sarvendra vikram singh 3 Nov 2024 · 1 min read ये करुणा भी कितनी प्रणय है....! ये करुणा भी कितनी प्रणय है कुछ सकल सुख है इसमें श्रृँगार का कुछ विकल आँसुओं की ये लय है ये करुणा भी कितनी प्रणय है अंदरूनी चमक लाख सी... Hindi · Invincible_Path · Journey_of_life · Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh · Sun_Lamp_light · Trending_poetry 1 286 Share