Posts Tag: Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid singh kunwar sarvendra vikram 21 Dec 2024 · 1 min read गीत खुशी के गाता हूँ....! दर्द को अपने दिल में बसाकर, गीत खुशी के गाता हूँ अपने मन के उथले तट पर, प्रेम की वीणा बजाता हूँ पीड़ा के गीतों को लेकर सुधियों की सरगम... Hindi · Hindi_poet · Hindi_sahitya_ke_kavi · Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh · कविता_गीत · गीत_खुशी_के_गाता_हूँ 1 141 Share singh kunwar sarvendra vikram 8 Dec 2024 · 1 min read मज़हब की आइसक्रीम लोग खिलाना चाहें मुझको, मज़हब की आइसक्रीम मेरा गला खराब है, चाहूँ मैं हकीम जाली टोपी सर पे सजाके चेहरे पे दाढ़ी को बढ़ाके नफ़रत की तकरीरें सुनाके लोगों को... Hindi · Hindi_poetry · Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh · Trending_poet_writer · मज़हब_की_आइसक्रीम · शायरी_गीत_गजल_नगमें 2 82 Share singh kunwar sarvendra vikram 23 Nov 2024 · 1 min read हिय–तरंगित कर रही हो....! नयन–इंगित, हिय–तरंगित कर रही हो संचरण जीवन–वरण तुम कर रही हो कल्पना सा रूप लेकर अल्पना घनीभूत देकर कंचना प्रारूप लेकर कर्मना फलीभूत देकर पलक–मंत्रित, पिय–निमंत्रित कर रही हो जागरण... Hindi · Hindi_poetry · Hindi_sahitya_hindi_kavitayei · Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh · Trending · प्रेम_पर_कविता 2 175 Share singh kunwar sarvendra vikram 14 Nov 2024 · 1 min read बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो...! बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो...! (बाल दिवस के अवसर पर बच्चों को समर्पित मेरी यह रचना) _______________________________ बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो फूलों सा खिलने तो दो हवाओं... Hindi · Childrens_day_poetry · Hindi_bal_kavitayein · Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh · बच्चों_पर_कविताएं · बाल_दिवस_पर_कविता 1 2 136 Share singh kunwar sarvendra vikram 5 Nov 2024 · 1 min read जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....! जगमग–जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में दीपावली कोई गीत गढ़े, तेरे इन दो नैनों में रूप जवानी का दीपक है बारे पलकें जो तेरी काजल हैं पारे मोती... Hindi · Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh · Love_Poem · Trending · Trending_poetry_of_deepawali · दीपावली_पर_कविता 1 157 Share singh kunwar sarvendra vikram 3 Nov 2024 · 1 min read ये करुणा भी कितनी प्रणय है....! ये करुणा भी कितनी प्रणय है कुछ सकल सुख है इसमें श्रृँगार का कुछ विकल आँसुओं की ये लय है ये करुणा भी कितनी प्रणय है अंदरूनी चमक लाख सी... Hindi · Invincible_Path · Journey_of_life · Kunwar_Sarvendra_Vikram_Singh · Sun_Lamp_light · Trending_poetry 1 154 Share