Posts Tag: विरह काव्य 37 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 22 Feb 2023 · 1 min read उम्मीद ख़ुद के दिल का ही कोई भरोसा नहीं, दोष औरों को देने का क्या फ़ायदा..! ज़ख़्म के फूल खिलते हैं खिल जाएंगे, यूं ही रोने-सिसकने का क्या फ़ायदा...! पास किसके... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 29 1 1k Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 17 Mar 2023 · 1 min read नौकरी (२) सोचूँगा, फिर एक बात लिखूंगा , जज्बात लिखा, एहसास लिखूँगा । तेरे इश्क को अपने साथ लिखूंगा, गर्दन पकड़े तेरा हाथ लिखूंगा ।। अपने जीवन के अवसाद लिखूंगा , हरदम... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कठिन जीवन · कविता · विरह काव्य 29 2 713 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 15 Dec 2021 · 1 min read ठीक नहीं । यूं हर वक्त खफा हो जाना ठीक नहीं, मेरा नाम लिख कर के मिटाना ठीक नहीं, आती हैं कई मुश्किलें राह –ए – जिंदगी में, यूं ज़रा सी ठोकर से... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 48 6 517 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 22 Dec 2021 · 1 min read लगाया करती हैं वो चुप हैं.. उनकी ख़ामोशी कुछ बात बताया करती है। कुछ मीठा, कुछ तीखा-सा, इल्जाम लगाया करती है। हम उनसे दूर हुए कब थे, वो मेरे पास हुए कब थे... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 49 4 481 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 22 Feb 2023 · 1 min read कौन? अब उन रास्तों पे वापिस, जाए कौन? दिल में मोहब्बत फिर, जगाए कौन? इक गलत फ़ैसला, आज भी चुभता है, इस दिल से बोझ भला ये, हटाए कौन? कभी जागते... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 28 550 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 1 Apr 2022 · 1 min read याद है मुझे वो रातों में तेरा ख्वाबों में आना, याद है मुझे । वो बेवजह रूठकर मनाना और सताना, याद है मुझे । वो मुझे देख मुस्कुराना तेरा, याद है मुझे ।... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 43 4 404 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 5 Feb 2022 · 1 min read प्राणवल्लभा जिसे हम अपनी जान कहते हैं, वो हमें अनजान कहते हैं। कुछ इस कदर से दिल को समझाने लगे हैं, हम रो रो के मुस्कुराने लगे हैं।। सोचा था चल... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 43 2 307 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 3 Oct 2022 · 1 min read क्या फायदा... जो अपना नहीं होगा उस पर, हक जताने का क्या फायदा ? जो समझ नहीं सकता तुमको, उसे अपना दर्द बताने का क्या फायदा ? जो पहले से ही दर्द... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 33 12 385 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 14 Apr 2022 · 1 min read क्या कीजिए? धूप तो है बहुत फिर भी क्या कीजिए ताप इस जिंदगी का सहन कीजिए., कुछ कहूं आपसे आप भी कुछ कहें मैं सुनूं आपको आप मेरी भी सुनें ! क्या... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 45 6 289 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 2 Nov 2022 · 1 min read पीड़ादायक होता है पीड़ादायक होता है किसी को चाहना किसी से चाहना किसी के लिए चाहना और बावजूद इसके उसके लिए कुछ भी ना कर पाना दो कदम भी उनके साथ ना चल... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 34 6 425 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 19 Jan 2022 · 1 min read जीवन, सत्य, व्यथा रिश्तो में यूं एक दूसरे की गलतियां बताया नहीं करते जो अपने हैं अपनापन जताया नहीं करते माना की गलतियां की है मैंने, पर क्या आप सही हो? चलो मान... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 48 4 303 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 15 Feb 2022 · 1 min read काश तुम में वो बात होती! काश तुम में वो बात होती! कुछ नई, कुछ पुरानी तकरार होती! काश तुम्हें चाहने के लिए, ये दिल ख़ुद से इजाज़त न माँगता! काश तुमपे इतना ऐतबार होता, कि... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 43 3 295 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 25 Dec 2022 · 1 min read नौकरी (१) माना कि वक्त हो गया है दिल ये सख्त हो गया है फिर भी तुमको चाहता है गलत है क्या? माना मेरे हक में अभी तूं नहीं दिल मेरा अब... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 31 2 425 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 20 Jan 2022 · 1 min read भूल नहीं पाता कोई वहशी दरिंदा नहीं माना मैं भी फरिश्ता नहीं, एक अदना–सा इंसान हूं मैं अच्छा बुरा कुछ समझता नहीं, खुद से मुझको है नाराजगी पर तुमसे कोई शिकायत नहीं, पास... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 49 4 303 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 19 Dec 2022 · 1 min read और भी हैं !! रखिये धीरज कि जीने के बहाने अभी और भी हैं, उनके शहर से दूर कई आशियाने अभी और भी हैं। दिल में दबा है जो ग़ुबार दिल में ही रहने... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 34 274 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 19 May 2023 · 1 min read फिर से आज़ सूनी राह फिर से, और बिखरे ख़्वाब फिर से। वही इक चाहत अधूरी, टीस देती याद फिर से ! एक सिसकी वो दबी-सी, नम हुई ये आंख फिर से।... Poetry Writing Challenge · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 32 6 326 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 11 Nov 2022 · 1 min read जरूरत उसे भी थी देखा पलट के उसने भी हसरत उसे भी थी ॥ हम जिसपे मिट रहे थे चाहत उसे भी थी ॥ चुप हो गयी देख कर वो भी इधर उधर दुनिया... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 33 1 237 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 2 Jun 2023 · 1 min read कैसे? अब मुझे बातों ही बातों में फंसाओगे कैसे? मेरे बाद तुम मुझसा दुश्मन लाओगे कैसे? अपनी चालबाजियों से मुझको रिझाओगे कैसे? मेरे ही बनाए खेल में भला मुझे हराओगे कैसे?... Poetry Writing Challenge · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 30 1 318 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 29 Oct 2022 · 1 min read ऐ दिल न चल इश्क की राह पर, ऐ दिल न चल इश्क की राह पर, रुक जा .... लौट जा... ये खता न कर! मिलेगा धोखा तुझे वफा के नाम पर, मश्वरा है मेरा ठहर जा यहीं... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 35 8 213 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 14 Jun 2023 · 1 min read स्वाभाविक किससे क्या कोई बात करें बेवज़ह किसी से क्या उलझें सबकी अपनी-अपनी है पीड़ा किसके आगे रोयें सिसकें..? जो सोच रहा है जैसा भी अपने हालातों के कारण. हम अपनी... Poetry Writing Challenge · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 31 246 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read अच्छी नहीं दरिया में इतनी खमोशी अच्छी नहीं, तेरी आँखों में ये उदासी अच्छी नहीं। अब ज़रा सा मुस्कुरा भी दे ए सनम, दिल को इतनी बेक़रारी अच्छी नहीं। धूल सारी आइने... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 6 9 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read बेरंग बिन स्याही कलम बेरंग सी लगे, तुझ बिन दुनिया बेदंग सी लगे। अब तू साथ है तो सुकून है दिल को, वर्ना बेदर्द सा हर दिन एक जंग सी लगे।... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 6 9 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 9 May 2024 · 1 min read छूट रहा है। जैसे-जैसे हाथों से हाथ छूट रहा, दिल भी टुकड़ों में जैसे टूट रहा, गमों का सैलाब जो था थमा, वो आंखों से रह रहकर फूट रहा ! किस्सों से सजा... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 7 14 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 9 May 2024 · 1 min read इतिहास हो तुम चली गई जो छोड़ कर मुझे, मगर आज भी मेरे पास हो तुम। मेरी आम सी जिंदगी में, आज भी सबसे खास हो तुम। बातें अब नहीं होती तुम्हारी, मानता... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 8 11 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 8 May 2024 · 1 min read जो पहले थी वो अब भी है...! बेरहम वही फिर ख़ामोशी... जो पहले थी वो अब भी है..! अंज़ाम वही फिर मायूसी... जो पहले थी वो अब भी है...! कितने पतझड़, कितने वसंत, कितने सावन आये, जाये..... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 8 11 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 8 May 2024 · 1 min read मुलाकात ! अब न उनसे फिर मुलाकात होगी अब न दिन ढलेगा, न ख़त्म रात होगी अब न उन राहों पर फिर हम चलेंगे अब न गिले-शिकवों की तहकीकात होगी कभी भीड़... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 8 11 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 16 Feb 2024 · 1 min read कहीं न कहीं अभी एक शोर उठा है कहीं कोई खामोश सा हो गया है कहीं। हुआ कुछ ऐसा जैसे ये सब कुछ इससे पहले भी हो चुका है कहीं ।। क्या हुआ... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 16 57 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 16 Feb 2024 · 1 min read जब साथ छूट जाता है, जब साथ छूट जाता है, बिन बात के कोई रूठ जाता है। रहता तो है वो दिल के आस पास ही, रास्ता उसके दिल का, दूसरी ओर मुड़ जाता है।।... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 15 74 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 8 Feb 2024 · 1 min read हो तो बताना! कहीं हयात-ए-मुख़्तसर हो तो बताना, बिन उसके कोई बसर हो तो बताना। उसके आस पास महफ़िल है सजी, वहाँ पे मेरा भी ज़िक्र हो तो बताना। क्या पहन कर जाऊँ... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 15 1 111 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 3 Feb 2024 · 1 min read बैरागी उस बंद राह पर एक खंडहर है, कुछ दबा भी दिल के अंदर है, मैं कहूं, तो कोई बात बनेगी, ना दिन बचेगा, ना रात रहेगी, ना बची खुची वो... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 14 1 51 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 1 Feb 2024 · 1 min read दिमाग़ वाले पत्थर थे वो, जिन्हें मैंने खुदा माना, कैसे सुनते वे मेरे दिल का अफसाना..! कोशिशें सारी नाकाम हुई, होनी ही थी, ठोकर खायी, किस्मत में था ठोकर खाना..! पी ले... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 14 53 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 29 Jan 2024 · 1 min read मायूस फूल उगते नहीं उगाए जाते है, चराग़ बुझते नहीं बुझाए जाते है। हम जो तुम्हें मायूस दिख रहे हैं, वो ग़म-ख़्वार है जो बुझ गए है। मिलो किसी से तो... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 15 1 69 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 27 Jan 2024 · 1 min read खेल नहीं उसकी मोहब्बत है कोई चौपड़ का खेल नहीं, जो इंतिखाब हुआ कभी तो इंकलाब होगा । कल उसकी याद में बहाए थे चार आँसू जहां, लौट के देखना वहीं मग़रिब-ऐ-सैलाब... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 15 1 79 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 23 Jan 2024 · 1 min read काश काश, ज़रा-सा ये हो पाता... मैं भी बिल्कुल तेरे जैसा दिल से पत्थर ही बन जाता..! ज़ज्बातों का असर बेअसर मुझ पर भी यूं ही रह जाता...! उफ़ भी नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 16 59 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 23 Jan 2024 · 1 min read जलाया करता हूँ, ऐसे ज़माने को जलाया करता हूँ, मैं चाँद को छत पे बुलाया करता हूँ। जब बात आती है बरसने की सुनो, मैं शर्त बादलों से लगाया करता हूँ। ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ पर... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 16 63 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 22 Jan 2024 · 1 min read मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या? मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या? तेरे कांधे सिर रख सो लूं क्या? लोग भला क्या सोचेंगे? इसे भुला अब रो लूं क्या? दो बूंदों के मिलने से कपाल पे एक... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 16 65 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 3 Jan 2024 · 1 min read आज भी दिल जो कल था अकेला रहा, ये अकेला रहा आज़ भी...! अनकही-अनसुनी बेबसी, हमसफ़र हर क़दम आज़ भी...! ख़्वाब यूं ही संवरते रहे, और, बिखरे कई आज़ भी...! रात भर... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 23 1 150 Share