Posts Tag: मुक्तक 11k posts List Grid नवीन जोशी 'नवल' 1 Jun 2024 · 1 min read श्रीराम घनाक्षरी ---------- पाप, अनाचार, अत्याचार के संहार हेतु, दीनों की पुकार सुनि, धरा पे पधारे हैं, हरे जगती के भय, धर्म की कराने जय, युग युग में वो प्रभु राम... Hindi · मुक्तक 2 11 Share नवीन जोशी 'नवल' 31 May 2024 · 1 min read धर्मदण्ड भारत के संस्कृति संवाहक, अडिग रहो नित निज प्रण में, करो धर्मयुत कर्म सदा, विश्वास करो बस जन-गण में। असुर सदा बाधक होते हैं, लेकिन मत विचलित होना, धर्मदंड को... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 6 Share नवीन जोशी 'नवल' 31 May 2024 · 1 min read स्वाभिमान जग से क्या डरना, पर खुद से डर जाना ही अच्छा होगा, दुनिया से क्या आशा, प्रभु के दर जाना ही अच्छा होगा। सर कटना ही बेहतर होता, महफिल में... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 6 Share नवीन जोशी 'नवल' 31 May 2024 · 1 min read कलम आज कलम को तीर बना दूँ, अपने मन की पीर बना दूँ । पत्थर पर जो अमिट रहेगी, ऐसी एक लकीर बना दूँ।। - नवीन जोशी 'नवल' Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 7 Share surenderpal vaidya 31 May 2024 · 1 min read वंचित है मुक्तक ~~ किसी के पास धन दौलत भरे भंडार संचित है। मगर उनको गरीबों की नहीं परवाह किंचित है। किसी के पास सुविधा है जरूरत से बहुत ज्यादा। कहीं सामान्य... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक · विधाता छंद 1 8 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 2 min read & I lost my UPSc ka admit card तुम्हारे विरह को किन शब्दों में लिखूं मैं, तुम्हारे बिना भी ज़िंदा हूं ये कैसे कहूं मैं! चलो, फिर भी एक छोटी सी कोशिश करती हूं सटीक तो नहीं शायद,... Poetry Writing Challenge-3 · Life Quotes · Motivational · Upsc · कविता · मुक्तक 1 7 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read भयावह होता है अकेला होना भयावह होता है अकेला होना और उससे भी अधिक भयावह भीड़ में रहकर अकेला होना । शुरुआत में दम घोंटू सा लगता है ये अकेलापन और कई बार जिंदगी को... Poetry Writing Challenge-3 · Life Quotes · Trending · कविता · मुक्तक 7 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read माँ बिन बोले हीं, वो मेरे मन की सारी गिरहें खोल देती है, खुद तक़लीफ लेकर भी, माँ मेरे लिए खुशियां तौल देती है। -©®Shikha Poetry Writing Challenge-3 · Devotional Poem · Life Quotes · Maa · Quotes · मुक्तक 6 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read गर मनपसंद साथ ना मिले तो तन्हाई रास आ ही जाती है। गर मनपसंद साथ ना मिले तो तन्हाई रास आ ही जाती है। Poetry Writing Challenge-3 · Life Quotes · Love Life · Trending · मुक्तक 7 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read बुरे नहीं है हम बुरे नहीं है हम बस हमें सबको अपनी बात सही से समझाना नहीं आता दोहरे नकाब लगाकर रिश्तें निभाना नहीं आता नहीं आता है हमें मुस्कुरा कर किसी को ज़हर... Poetry Writing Challenge-3 · Life Quotes · Trending · कविता · मुक्तक 7 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read बड़ी बेतुकी सी ज़िन्दगी हम जिये जा रहे हैं, बड़ी बेतुकी सी ज़िन्दगी हम जिये जा रहे हैं, काश के जाल में खुद को उलझाए जा रहे हैं, इल्म है हमें कि इस रेगिस्तान में ज़मज़म न मिलेगा फिर... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poem · Trending · Viral Poetry · मुक्तक · शेर 6 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read ऐ ढ़लती हुई शाम, ऐ ढ़लती हुई शाम, ज़रा दो पल को ठहर जाओ कि अब भी किसी का इंतजार बाक़ी है, मत दिखाओ मुझे ख़ूबसूरत सुबह का ख्वाब कि लाख अंधेरा ही सही... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poetry · Trending · कविता · मुक्तक 6 Share Lovi Mishra 31 May 2024 · 1 min read आखिर मैं हूं ऐसी क्यों आखिर मैं हूँ ऐसी क्यों? आखिर मैं हूँ ऐसी क्यों? मैं कैसे भूलूँ वो सपना? जो हो न सका कभी अपना आखिर मैं हूँ ऐसी क्यों? मैं हुई नहीं उस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · महिला सशक्तिकरण · मुक्तक · सामाजिक विसंगतियां · स्त्री विमर्श 1 12 Share Lovi Mishra 31 May 2024 · 1 min read नए साल का सपना साल बदल जाये तो क्या , समय न अभी भी बदला है पूस माघ में छुटकू के तन पर, अब भी फटा ही झबला है कब वो दिन आएगा जब,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · बचपन का दर्द · मुक्तक · सामाजिक विसंगतियां · सामाजिक सरोकार 11 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 31 May 2024 · 1 min read शुकून भरा पल कमाल नहीं, इस आती जाती लहरों का, कमाल नहीं, इस खिलीं चांदनी रातों का, कमाल नहीं, इस बहती नमकीन हवाओं का, कमाल है, तेरे साथ होने से इस शुकून का,... Hindi · चाँदनी · पल · मुक्तक · शुकून 9 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read UPSC और तुम तुम UPSC की सिलेबस से लगते हो कितना भी समझने की कोशिश करती हूं फिर भी, कुछ अनजान से रहते हो। तुम इतिहास में दर्ज तारीख़ से लगते हो हमेशा... Poetry Writing Challenge-3 · Love · Love Poem · Upsc · कविता · मुक्तक 1 9 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read देवियाँ यहाँ देवियाँ पूजी जाती हैं, प्रभु के नाम से पहले उनकी अर्द्धांगिनियाँ पुकारी जाती हैं, मिलती हैं यहाँ सरस्वती कई और लक्ष्मी कई उपले पाथते हुए, चूल्हे में जीवन झोंकते... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poem · कविता · मुक्तक 2 15 Share surenderpal vaidya 30 May 2024 · 1 min read नियति मुक्तक ~~~ नियति ने जो रचा जग में वही स्वीकार करना है। उसी अनुरूप ही हमको सदा व्यवहार करना है। चलें उस राह पर जिसमें भला सबका सुनिश्चित हो। सभी... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक · विधाता छंद 1 13 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read मां वो तब से हमें महसूस करती है जब खुद का भी अहसास नहीं था वो तब से हमारा पेट भरती है जब भूख का भी आभास नहीं था वो तब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मां का अनोखा प्यार · मां का संघर्ष · मां का समर्पण · मुक्तक 2 1 15 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read नववर्ष का नव उल्लास धवल हिमशिखरों पर फिर दिनकर ने प्रात जगाया है नव रश्मि से आलोकित हो एक नया सवेरा आया है कलिकाओं के मुंदे नयन हैं पर पुष्प आज इतराया है तुहिन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · चलो मनाएं नया साल · नववर्ष · नववर्षहिंदीकविता · मुक्तक 1 13 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read बीतते साल परत दर परत बिछती रही साल दर साल जिंदगी की जमीं पर उस जमीं को देखे अरसे बीत गए कभी हटाई भी परतें तो धूल से हुआ सामना साल बीतता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · नए साल पर कविता · मुक्तक · समय · समय का पहिया 10 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read धूल-मिट्टी पत्तों पर जमी धूल,चिपटी है उनसे जैसे चिपटा है विकास मानव सभ्यता से.. टूट-टूटकर मिट्टी बदल गयी है धूल में, ये वही मिट्टी है जो बांध लिया करती थी सबको... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · पर्यावरण · प्रकृति की छाव में · मुक्तक · हमारी प्रकृति हमारा जीवन 12 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read पसीने वाली गाड़ी घर जाने की जल्दी, ढलती शाम के साथ ढलती शाम और बढ़ता चार्ज… लेकिन यह भी तो सच है कि टैक्सी का ईंधन महँगा है बहुत तभी निगाह गयी…. सड़क... Poetry Writing Challenge-3 · *पथ संघर्ष* · कविता · मजदूर · मुक्तक · मेहनत 13 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read सच की माया आज मैं हूँ उलझन में अपनों से अनबन में जो कभी सोचा नहीं वो घट रहा है जीवन में झूठ और फरेब ही क्या आज बहुमूल्य है मेहनत के पानी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · जिंदगी का सच · मुक्तक · सच · सामाजिक विसंगतियां 1 13 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read रास्तों के पत्थर कितनी दूर निकल आए हम चलते चलते मंजिलें कुछ नई हैं ,रास्ते भी एक दिन था जब देखा करते थे राहें तुम्हारी आज तुम ही बन गए हो राहें मेरी... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poems Of Love · Romantic Poetry · कविता · प्रेम कविता · मुक्तक 1 11 Share Dr Archana Gupta 29 May 2024 · 1 min read माँ। आशीष के दीप है जलाती, दुखों के तम से बचाती है माँ। नज़र का टीका लगा लगा कर, बुरी बलायें भगाती है माँ। सृजन करे सृष्टि का जगत में नहीं... Hindi · माँ · मुक्तक 1 20 Share surenderpal vaidya 29 May 2024 · 1 min read अतिथि मुक्तक ~~~ खूब करें सत्कार अतिथि का, यह भारत की रीत। इसे निभाते हैं मन से सब, लिए हृदय में प्रीत। किन्तु अतिथि को यही चाहिए, दर्शाएं आभार। इसी तरह... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक · सरसी छंद 1 12 Share Dr.Pratibha Prakash 29 May 2024 · 1 min read यत्र तत्र सर्वत्र हो यत्र तत्र सर्वत्र हो कण-कण में तुम ही शक्ति हो सेवा सुमिरन भजन मंथन भक्त तुम ही भक्ति हो हर रूप में स्थान पर हर नाम में कर्ता तुम्हीं तुम... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 12 Share Neeraj Mishra " नीर " 29 May 2024 · 1 min read मेरे कृष्ण की माय आपर नटखट पनघट पर झटपट तोड़त नार भ्रम टंकार मार खींचत भ्रम तार मटकी मखान से भर जात देखत जब नार फोड़त पाप मन मटकी भर कर हुंकार माया का काट... Poetry Writing Challenge-3 · भजन कीर्तन · भजन गीत · भजन माला · मुक्तक · हिंदी रैप गीत 14 Share krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर 29 May 2024 · 1 min read सागर की लहरों सागर की लहरों सागर की लहरों, जरा रूको जरा ठहरो, मेरे भीतर बुराई को मारो। तुफानों से है तेरी यारी, दुनिया कितनी सही कितनी बुरी, कहां-कहां क्या क्या हो रहा,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · गीत · पुस्तक समीक्षा · मुक्तक 16 Share Ramji Tiwari 28 May 2024 · 1 min read मर्यादा पुरुषोत्तम राम नाम आपका रटते- रटते हुई सुबह से शाम। रघुकुलनन्दन कब आओगे मुझ निर्धन के धाम। नयनों को बिना दर्शन, चैन नहीं मिलने वाला, निहार छवि व्याकुल मन को मिल जाएगा... Hindi · मुक्तक 18 Share Akash Agam 27 May 2024 · 1 min read मुक्तक कोई दुख का पहर नहीं होता दूर तू इस क़दर नहीं होता जो हुआ अच्छा हो गया फिर भी कितना अच्छा था ग़र नहीं होता। स्वप्न कितने बना दिए तुमने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत · मुक्तक 1 17 Share Dr Archana Gupta 26 May 2024 · 1 min read तुम हमारा हो ख़्वाब लिख देंगे तुम हमारा हो ख़्वाब लिख देंगे तुम ही दिल हो जनाब लिख देंगे प्यार करते हैं हम तुम्हें इतना तुम पे हम इक किताब लिख देंगे डॉ अर्चना गुप्ता 26.05.2024 Hindi · मंच · मुक्तक 2 1 62 Share sudhir kumar 26 May 2024 · 1 min read *लज्जा* _________________________________ आज हर तरफ दिखाई देता अलग रिवाज़ है। फैशन की फितरत में दिखावे का मिज़ाज है। वो दिल में हया और आंखों में लज्जा न रही, इन बे-नूर बाशिंदों... Hindi · मुक्तक 18 Share भरत कुमार सोलंकी 25 May 2024 · 1 min read किस तिजोरी की चाबी चाहिए किस तिजोरी की चाबी चाहिए यादो की खामोशी वारदात पर वो निकल कर बोला आक्रोश ही था वादों की तकरार पर खड़ा होकर बोला हा खामोश होकर मैं सुन रहा... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 2 18 Share surenderpal vaidya 24 May 2024 · 1 min read गंगा की जलधार मुक्तक ~~ सबसे पावन अखिल विश्व में गंगा की जलधार। आदिकाल से यही हमारे जीवन का आधार। हर कीमत पर हर हालत में इसे बचाना आज। समझो इसी में ही... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 15 Share Neeraj Mishra " नीर " 24 May 2024 · 1 min read केवल “ॐ” कार है है अंत,अंत , अंत से अनंत शून्य शब्द वाक्य के अल्प से विराम तक जिस ध्वनि संचार शब्द की झंकार है ओ शब्द “ ॐ “ कार है 2 मधुर... Poetry Writing Challenge-3 · गीत · भजन कीर्तन · भजन गीत · भजन माला · मुक्तक 1 17 Share भरत कुमार सोलंकी 23 May 2024 · 1 min read क्यो नकाब लगाती हो " क्यो नकाब लगाती हो।" सफर पर जाने वाली मुसाफिर तु आपनी सुरत पर क्यों नकाल लगाती है। क्यो घृणित कार्य करने वाली शातिर अपनी सुरत पर उठने वाले जवाब... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 15 Share Dr.Pratibha Prakash 22 May 2024 · 1 min read pita समय रहते पिता की बात जो मान जाते हैं वही शख्स जीवन की हर मंजिल को पाते है भटक जाते जो सोचकर मुझसा नहीं कोई वो अक्सर राह में जाकर... Hindi · मुक्तक 1 53 Share Sunil Suman 20 May 2024 · 1 min read तेरे इश्क में इस कदर गुम हुए तेरे इश्क में इस कदर गुम हुए, कि खुद हमको खुद की खबर ना रही, तेरी चाहतों का सिला यह मिला, कि दुनिया हमारी, हमारी ना रही। Hindi · Quote Writer · मुक्तक 18 Share Dr.Pratibha Prakash 19 May 2024 · 1 min read संस्कार पके है आम अब रोते, आओ कहां बालक तुम छोटे कमाया खूब ही पैसा बन गए लेकिन अक्ल के खोते लड़ते परिवार आपसे में ही अब तो संस्कार सब छूटे... Hindi · मुक्तक 1 23 Share surenderpal vaidya 18 May 2024 · 1 min read कठोर व कोमल मुक्तक ~~~ राष्ट्र हित के लिए आवश्यक, हो कानून कठोर। सर्वोपरि समझें इसको हम, जीवन में हर ओर। करें नहीं कोई समझौता, संविधान के साथ। सही हाथ में रहे हमेशा,... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक · सरसी छंद 2 23 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read राधा-मोहन वृंदावन छोड़ के *मोहन* , *राधा* बरसाना गांँव बैठे यमुना तट की ठाँव , *ओम्* कदंब की छांँव मोहन अधर मुरली विराजत , राधा कर पुष्प हार राधा निहारत श्याम... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 20 Share Neeraj Mishra " नीर " 18 May 2024 · 1 min read मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ बचपन की शरारते जवानी में खोए होश खोए होश के सफर की कहानी लिखना चाहता हूँ मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ दिखावे दोस्त दोस्ती स्वरथ की प्यार बर्बादी का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मुक्तक 20 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना। मुक्तक ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना। तुमने खूब ऊंचाई पा ली, रब का करते शुकराना। उस दिन खुशी मनाऊंगा, ऐ दोस्त तुम्हें बतला दूं मैं, कुछ... Hindi · मुक्तक 16 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक। मुक्तक 221/2121/1221/212 जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक। दुनियां से राज दिल मे दबाओगे कब तलक। मैं पूछता हूं आज ये बतला ही दो मुझे, ऐसे ये रिश्ता... Hindi · मुक्तक 16 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है। मुक्तक पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है। हमारी धाक दुनियां में जमीं, दुनियां ने माना है। विजय है चांद पर पाई, चले अब सूर्य से मिलने,... Hindi · मुक्तक 17 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read इंडिया ने परचम लहराया दुनियां में बेकार गया। मुक्तक इंडिया ने परचम लहराया दुनियां में बेकार गया। जहां जहां इंडिया जीता था क्या सचमुच में हार गया। कल तक जो विद्वान देश में थे क्या सब अज्ञानी थे,... Hindi · मुक्तक 21 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read वो केवल श्रृष्टि की कर्ता नहीं है। मुक्तक 1222/1222/122 वो केवल श्रृष्टि की कर्ता नहीं है। कि नारी शक्ति है अबला नहीं है। बने काली तो फिर संहार करती, फिर आगे कोई टिक सकता नहीं है। (फिर+आगे)... Hindi · मुक्तक 25 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read हार से भी जीत जाना सीख ले। मुक्तक 2122/2122/212 हार से भी जीत जाना सीख ले। तू गमों से प्यार करना सीख ले। जिंदगी में चाहिए थोड़ा शुकू'न, दीन दुखियों को हॅंसाना सीख ले। ........✍️ सत्य कुमार... Hindi · मुक्तक 18 Share Page 1 Next