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Tag: मुक्तक
11k posts
फर्जी /कुण्डलियां
फर्जी /कुण्डलियां
Rajesh Kumar Kaurav
श्रीराम
श्रीराम
नवीन जोशी 'नवल'
धर्मदण्ड
धर्मदण्ड
नवीन जोशी 'नवल'
स्वाभिमान
स्वाभिमान
नवीन जोशी 'नवल'
कलम
कलम
नवीन जोशी 'नवल'
वंचित है
वंचित है
surenderpal vaidya
& I lost my UPSc ka admit card
& I lost my UPSc ka admit card
Shikha Mishra
भयावह होता है अकेला होना
भयावह होता है अकेला होना
Shikha Mishra
माँ
माँ
Shikha Mishra
गर मनपसंद साथ ना मिले तो तन्हाई रास आ ही जाती है।
गर मनपसंद साथ ना मिले तो तन्हाई रास आ ही जाती है।
Shikha Mishra
बुरे नहीं है हम
बुरे नहीं है हम
Shikha Mishra
बड़ी बेतुकी सी ज़िन्दगी हम जिये जा रहे हैं,
बड़ी बेतुकी सी ज़िन्दगी हम जिये जा रहे हैं,
Shikha Mishra
ऐ ढ़लती हुई शाम,
ऐ ढ़लती हुई शाम,
Shikha Mishra
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
Lovi Mishra
नए साल का सपना
नए साल का सपना
Lovi Mishra
शुकून भरा पल
शुकून भरा पल
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
UPSC और तुम
UPSC और तुम
Shikha Mishra
देवियाँ
देवियाँ
Shikha Mishra
नियति
नियति
surenderpal vaidya
मां
मां
Lovi Mishra
नववर्ष का नव उल्लास
नववर्ष का नव उल्लास
Lovi Mishra
बीतते साल
बीतते साल
Lovi Mishra
धूल-मिट्टी
धूल-मिट्टी
Lovi Mishra
पसीने वाली गाड़ी
पसीने वाली गाड़ी
Lovi Mishra
सच की माया
सच की माया
Lovi Mishra
रास्तों के पत्थर
रास्तों के पत्थर
Lovi Mishra
माँ।
माँ।
Dr Archana Gupta
अतिथि
अतिथि
surenderpal vaidya
यत्र तत्र सर्वत्र हो
यत्र तत्र सर्वत्र हो
Dr.Pratibha Prakash
मेरे कृष्ण की माय आपर
मेरे कृष्ण की माय आपर
Neeraj Mishra " नीर "
सागर की लहरों
सागर की लहरों
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
मर्यादा पुरुषोत्तम राम
मर्यादा पुरुषोत्तम राम
Ramji Tiwari
मुक्तक
मुक्तक
Akash Agam
तुम हमारा हो ख़्वाब लिख देंगे
तुम हमारा हो ख़्वाब लिख देंगे
Dr Archana Gupta
*लज्जा*
*लज्जा*
sudhir kumar
किस तिजोरी की चाबी चाहिए
किस तिजोरी की चाबी चाहिए
भरत कुमार सोलंकी
गंगा की जलधार
गंगा की जलधार
surenderpal vaidya
केवल “ॐ” कार है
केवल “ॐ” कार है
Neeraj Mishra " नीर "
क्यो नकाब लगाती हो
क्यो नकाब लगाती हो
भरत कुमार सोलंकी
pita
pita
Dr.Pratibha Prakash
तेरे इश्क में इस कदर गुम हुए
तेरे इश्क में इस कदर गुम हुए
Sunil Suman
संस्कार
संस्कार
Dr.Pratibha Prakash
कठोर व कोमल
कठोर व कोमल
surenderpal vaidya
राधा-मोहन
राधा-मोहन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ
मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ
Neeraj Mishra " नीर "
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।
सत्य कुमार प्रेमी
जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
सत्य कुमार प्रेमी
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
सत्य कुमार प्रेमी
इंडिया ने परचम लहराया दुनियां में बेकार गया।
इंडिया ने परचम लहराया दुनियां में बेकार गया।
सत्य कुमार प्रेमी
वो केवल श्रृष्टि की कर्ता नहीं है।
वो केवल श्रृष्टि की कर्ता नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
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