Posts Tag: बसंत 33 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 26 Aug 2019 · 1 min read वसंत और पतझड़ विधा-ललित छंद सृजन हुआ जीवन का प्रतिपल, मंगलमय जग सारा। फूट रहे हैं नव किसलय-दल, कितना सुखद नजारा। प्राण-भरा भू के कण-कण में, सजी दिशाएँ सारी। वृक्ष लदे फूलों से... Hindi · गीतिका · बसंत · ललित छंद/सार छंद 2 511 Share Dr Archana Gupta 17 Feb 2021 · 1 min read बसंत नमन कर बासन्ती श्रृंगार,सरसों हुई तैयार,रंगीला हुआ संसार ,यूँ छाया बसंत है। भ्रमर मृदु गुंजार, तितलियों की बहार,भिन्न भिन्न उपहार, ले आया बसंत है। झर गये पीत पात,कोंपल की ताक-... Hindi · घनाक्षरी · बसंत 1 513 Share Dr Archana Gupta 3 Feb 2020 · 1 min read बसंत गीत धुंध कोहरे की खुद में सिमटने लगी शीत बाँहों में उसके पिघलने लगी ये बसंती सुगंधित पवन क्या चली प्रीत गुपचुप दिलों में मचलने लगी आया मधुमास रंगों की ओढ़े... Hindi · गीत · बसंत 4 1 484 Share Dr Archana Gupta 16 Jun 2019 · 1 min read बसंत पतझड़ बीता फिजाँ बसंती , मिली हमें सौगात पेड़ों की डाली डाली पर, उगे नये हैं पात हरा घाघरा पहन धरा ने , पीत चुनर ली ओढ़ गेंदा चंपा और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · बसंत 2 466 Share Dr Archana Gupta 14 Feb 2019 · 1 min read बसंत 1 बरसे बादल प्रीत के,प्यारी लगी फुहार भीग रहे अरमान है, झंकृत मन के तार बसंती हवा चली है, खिली भी कली कली है 2 भीगा हुआ बसंत है, भीग... Hindi · दोहा · बसंत 432 Share लक्ष्मी सिंह 2 Feb 2020 · 1 min read बसंत विधा- विधाता छंद मापिनी-1222-1222, 1222-1222 सुखद ऋतु राज आये हैं,प्रकृति यह झूम कर गाई । खिले हैं पुष्प आशा के, लहर आनंद की छाई। खिली है खेत में सरसों, मटर... Hindi · गीत · बसंत · विधाता छंद 4 426 Share Dr Archana Gupta 18 Feb 2022 · 1 min read मन बसंती हो गया पुष्प महके हर तरफ उपवन बसंती हो गया खुशबुओं में डूबकर ये मन बसंती हो गया लहलहाने खेत में सरसों लगी है झूमकर गुनगुनाने भी लगे भँवरे कली को चूमकर... Hindi · गीत · बसंत 353 Share लक्ष्मी सिंह 2 Feb 2020 · 1 min read बसंत विधा-दिगपाल छंद मापिनी-221 2122 221 2122 देखो वसंत आया,देखो वसंत आया। आनंद संग लाया,शोभा अनंत लाया। जब बैठ आम डाली,कोयल चकोर बोले। हर एक चेतना में, वो प्रेम राग घोले।... Hindi · गीत · बसंत · मृदुगति /दिगपाल छंद 3 376 Share Dr Archana Gupta 28 Jan 2021 · 1 min read ऋतु बसंत की बड़ी सुहानी ऋतु बसंत की बड़ी सुहानी ये सारी ऋतुओं की रानी नीलगगन में उड़ी पतंगें मन में जगा रही उमंगें उड़ते पक्षी हवा बंसती छटा बहुत ही है मस्तानी ऋतु बसंत... Hindi · गीत · बसंत 2 1 297 Share लक्ष्मी सिंह 7 Feb 2021 · 1 min read आया है ऋतुराज, आधार छंद -हंसगति(मापनीमुक्त मात्रिक) विधान:-कुल 20 मात्राएँ 11,9 पर यति अंत में वाचिक गुरु तथा त्रिकल यति त्रिकल अनिवार्य बदल रहा भूगोल ,धरा का देखो। है शोभा अनमोल,धरा का देखो।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · बसंत · हंसगति छंद 1 2 346 Share Dr Archana Gupta 19 Feb 2022 · 1 min read पीले कपड़ों में सजा, इतराये मधुमास(दोहा गीत) पीले कपड़ों में सजा, इतराये मधुमास पुलकित है पावन धरा, जन मन में उल्लास कुहू कुहू का गा रही, कोयल मीठा गान सन सन चलकर ये पवन,खूब मिलाये तान चला... Hindi · गीत · बसंत 1 2 272 Share लक्ष्मी सिंह 22 Feb 2018 · 1 min read ऋतु वसंत की आई है ? ? ? ? सुरभित स्वर्ण मुकुट पहने मधुकर सुषमा छाई है। बासंती परिधान पहन , ऋतु वसंत की आई है। आनंद उमंग संग में, भर जीवन आलिंगन में। मस्ती... Hindi · गीत · बसंत 278 Share लक्ष्मी सिंह 20 Feb 2021 · 1 min read बसंत आधार छंद-भुजंगप्रयात 122 122 122 122 हवा ये बसंती बहुत ही सुखद है । घुले प्राण मधुकर सुधा-सा शहद है। धरा है सुवासित खिले पुष्प सारे, भरा हर तरफ देखिये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · बसंत · भुजंगप्रयात छंद 2 2 210 Share *Author प्रणय प्रभात* 26 Jan 2023 · 1 min read ■ वाणी वंदना के साथ बधाई #शुभ_बसन्तोत्सव ■ वाणी वंदना 【प्रणय प्रभात】 आप सभी के शीश पर मां शारदा का शुभाशीष और वरद-हस्त बना रहे। यही मंगलकामनाएं। इस स्तुति के साथ। ■ नव ज्ञान दे, नव... Hindi · कविता · धर्म · बसंत · सरस्वती जयंती विशेष · सरस्वती वंदना 1 287 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 30 Jan 2023 · 1 min read मौसम 🦚 *मौसम* ******* नहीं लगता हुआ है अंत सर्दी का लगे मौसम , झमाझम रात बरसा है मुझे लगता ठगे मौसम, न कोयल कूकती लगता न बासंती हवाएँ हैं, लगेगा... Hindi · बसंत · मुक्तक · मौसम 173 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 20 Feb 2023 · 1 min read बसंत ****** *बसंत* ****** बाँध रंग पोटली को, आया है बसंत आज, खेतों में बिखर गया, पीला-पीला रंग है । महकती हवा चले, मन को हिलोर रही, शर तान घूम रहा,अपना... Hindi · बसंत · मनहर घनाक्षरी 154 Share Ekta chitrangini 4 Jun 2023 · 1 min read "मनभावन मधुमास" आया मधुमास उमंग लेकर, रसभीनी शहद आया मकरंद लेकर, बेल मंजरी खिल खिल जाए, हवा सुगंधित फूलो को महकाए। सुमन हर्षित हुए चमन में, पल्लवित होकर लदी लताएं। देखो मधुमास... Poetry Writing Challenge · बसंत 1 296 Share *Author प्रणय प्रभात* 29 Jan 2023 · 1 min read ■ मौसमी दोहा #बासंती_दोहा "पर्ण हरित सब हो गए, नर्म पड़ गए शूल। अगवानी ऋतुराज की करें बसन्ती फूल।।" 【प्रणय प्रभात】 Hindi · चित्रण · दोहा · प्रकृति · बसंत 1 151 Share *Author प्रणय प्रभात* 26 Jan 2023 · 1 min read ■ बसंत पंचमी ■सृष्टि का सुखद दिवस ★ माँ सरस्वती का प्राकट्य ★ ऋतुराज बसंत का आगमन ★ महाकवि महाप्राण निराला की जयंती ★ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की आध्यात्मिक जयंती ★ हेमंत... Hindi · दिवस विशेष · पर्व · बसंत · सरस्वती जयंती विशेष 1 163 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 21 Feb 2023 · 1 min read बसंत *बसंत* ****** ब्रज बरसाना जैसे, तन में बसा है मन, बसती है जन-मन, राधिका दुलारी है । बसते दुलारी मन, यशुदा के नंदलाल, जिनके अधर बसे, बाँसुरिया प्यारी है ।।... Hindi · बसंत · मनहर घनाक्षरी छंद 1 1 114 Share Dhriti Mishra 11 Jun 2023 · 1 min read सर्दी धरती ने ली, कुछ करवटें। सूरज का ताप कुछ इस तरह सिमटा! तन पर गर्म कपड़ों को लिया हमने लिपटा जब हवा ने की, कुछ शीतल हरकतें। महीना दिसंबर का... Poetry Writing Challenge · कविता · दीपक · धरती · बसंत · सर्दी 125 Share Madhu Shah 24 May 2024 · 1 min read होली बसंत ऋतु आते ही प्रकृति का उत्सव छाया धरती रंग बिरंगी हो आई नई कलियां नई फूल ले आई प्रकृति नए रंगों से सज आयी धरा दुल्हन सी लगती चलो... Hindi · उत्सव · प्रकृति · बसंत · सूर्यास्त 1 8 Share Madhu Shah 20 May 2024 · 1 min read बसंत पंचमी देखो केसरिया चुनर से सारी धरती सज आई बसंत पंचमी आई पीली पीली सरसों देख धरती भी मुस्काई टेसू छटा बिखेर रहे थे तितलियां बागों में आई रंग बिरंगे फूल... Poetry Writing Challenge-3 · केसरिया · कोयल · चूनर · बसंत · सरसों 2 13 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *बसंत* बसंत तेरे आने से जान आ गई, पेड़ों में नहीं खुशबू, धरती पर फिर शान आ गई। बसंत तेरे आने से जान आ गई।। कभी ठंडक से ठिठुरता जीवन, सूरज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · बसंत 1 25 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read *बसंत* बसंत तेरे आने से जान आ गई, पेड़ों में नहीं खुशबू, धरती पर फिर शान आ गई। बसंत तेरे आने से जान आ गई।। कभी ठंडक से ठिठुरता जीवन, सूरज... Hindi · कविता · बसंत 20 Share surenderpal vaidya 19 Mar 2024 · 1 min read * ऋतुराज * ** घनाक्षरी ** ~~ ऋतुराज की चमक है बढ़ी सभी जगह, खूब निखरे समग्र दृश्य हर ओर हैं। टहनियों में कोंपलें खूब जब भरी हुई, प्रकृति के खिल गये एक... Hindi · ऋतुराज · घनाक्षरी छंद · बसंत 1 1 31 Share surenderpal vaidya 18 Mar 2024 · 1 min read * आ गया बसंत * ** घनाक्षरी ** ~~ पतझड़ विदा हुआ है आ गया बसंत काल, खूब हरियाली चारों ओर देखो छा रही। धुंध हो गई समाप्त शीत का थमा चलन, गीत सुमधुर अति... Hindi · घनाक्षरी · बसंत 1 1 53 Share Mukesh Kumar Sonkar 15 Feb 2024 · 1 min read बसंत पंचमी बसंत पंचमी आ गए ऋतुराज बसंत चहुं ओर फैल रही स्वर्णिम आभा, सुंदर प्राकृतिक छटा में खिली पीले पुष्पों की स्वर्ण प्रभा। मां शारदे की पूजा का पावन अवसर है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · बसंत · बसंत पंचमी · बसंतोत्सव · माँ सरस्वती पर कविता 2 72 Share surenderpal vaidya 15 Feb 2024 · 1 min read * मधुमास * ** मुक्तक ** ~~ आ गया उत्सव बसंती ज्ञान दो मां शारदे। जिन्दगी आलोक से भरपूर हो मां शारदे। खूबसूरत खिलखिलाता हो गया वातावरण। भक्तिमय शुभ भावना हर मन बसो... Poetry Writing Challenge-2 · बसंत · मुक्तक 2 1 73 Share *Author प्रणय प्रभात* 14 Feb 2024 · 1 min read #छंद_शैली_में #छंद_शैली_में ■ श्री सरस्वती वंदना 【प्रणय प्रभात】 वीणापाणी, पद्मासना, कमलासना, ब्रह्म-अजा, माँ तू मुझे विद्या औ विनय का शुभ दान दे। कण्ठ में विराज मेरी क़लम को सिद्धि सौंप, मेरी... Hindi · बसंत · स्तुति 1 74 Share Neelam Sharma 12 Feb 2024 · 1 min read आया सखी बसंत...! दूर देश क्यों जा बसे? हिय प्राण प्रिय कंत! पल-पल डसती वेदना देह शेष नहीं तंत।। मेंहदी के शुभ रंग लिए आया सखी बसंत। शहरों और गाँवों में छाया सखी... Poetry Writing Challenge-2 · बसंत 1 106 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 11 Feb 2024 · 1 min read बसंत का आगम क्या कहिए... बसंत का आगम क्या कहिए, दिन चमचम रात उजाली है। नत यौवन-भार से आज धरा, हुई मद में गजब मतवाली है। घाम ने अंगों को झुलसाया। शीत ने कैसा कहर... Hindi · गीत · बसंत 2 112 Share Neelam Sharma 9 Feb 2024 · 1 min read आकुल बसंत! आकुल बसंत, ले प्रीति सुगंध, व्याकुल बसंत में, सजनी कंत। दमके क्षितिज पार,बन धूप पैबंद, पगडंडि यौवन की, प्रीत अनंत। कुहू- कुहू कोयल के मधुर छंद, मधुर बोल,सजन से उर... Poetry Writing Challenge-2 · बसंत 1 88 Share