Posts Tag: गीत 8k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Shekhar Chandra Mitra 15 May 2024 · 1 min read चुपचाप निकल ले बेटा अब चुपचाप निकल ले बेटा चुपचाप निकल ले कोई और राह पकड़ ले बेटा कोई और राह पकड़ ले... (१) देख दुनिया कहां से कहां गई लेकिन तू तो अटका... Hindi · गीत 12 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2024 · 1 min read प्यार के मतलब मां अइसन दोसर कहां होखेला प्यार के मतलब मां होखेला... (१) केतना गलती करेला बच्चा बाकिर सगरी क्षमा होखेला... (२) होखेला जवन ओकरा दिल में बिना कुछ कहले बयां होखेला... (३)... Bhojpuri · गीत 14 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2024 · 1 min read पीछे मत देखो कई और साथी तुम पाओगी कई और साथी तुम खोओगी... (१) मैं ही तो नहीं एक दुनिया में किसे-किसे अब तुम रोओगी... (२) मुड़-मुड़कर मत देखो पीछे बोझ और कितना... Hindi · गीत 13 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2024 · 1 min read पिय कहां एक रटन एक कहन पिय कहां पिय कहां... (१) एक धुन एक लगन पिय कहां पिय कहां... (२) जले बदन भींगे नयन पिय कहां पिय कहां... (३) क्या गगन क्या... Hindi · गीत 17 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2024 · 1 min read बड़ी भूल हो गई सोचा था कि मेरी दुआ कबूल हो गई, बड़ी भूल हो गई... (१) मेरे गमों की क़ीमत वसूल हो गई, बड़ी भूल हो गई... (२) आरज़ू की कली खिलके फूल... Hindi · गीत 16 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2024 · 1 min read ऐसा लगता है मत पूछो कि तुमसे बिछड़ कर कैसा लगता है मैं पागल हो जाऊंगा अब ऐसा लगता है... (१) प्यार निभाने में भी यहां तो पैसा लगता है मैं पागल हो... Hindi · गीत 17 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2024 · 1 min read मुझे तो किसी से वफ़ा नहीं अरे, कुछ भी तो हुआ नहीं ज़िंदा ही हूं मैं मरा नहीं... (१) तुम चाहे जो इसे समझ लो मुझे तो किसी से वफ़ा नहीं... (२) कुछ पड़ गया है... Hindi · गीत 15 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2024 · 1 min read आज की औरत मैं औरत हूं ग़ुलाम नहीं खुशामदी मेरा काम नहीं मैं चाहे जिससे बात करूं मैं चाहे जिसका साथ करूं... (१) कोई मुझे क्यों रोकेगा कोई मुझे क्यों टोकेगा मैं चाहे... Hindi · गीत 13 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2024 · 1 min read आवारा चांद तुमसे बिछड़ के तुम्हारा चांद थोड़ा और हुआ आवारा चांद रोज़ कभी यहां तो कभी वहां फिरे जैसे कोई बंजारा चांद... (१) जो कभी हम मिले हैं ख़्वाबों में तो... Hindi · गीत 15 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2024 · 1 min read प्रेम-गीत मिलना ही न था मुझे प्यार तुम्हारा बनना ही न था कभी यार तुम्हारा... (१) वहीं जहां मैंने देखा था तुमको करता ही रहा इंतज़ार तुम्हारा... (२) ज़िंदगी में तो... Hindi · गीत 12 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2024 · 1 min read नसीबों का खेल है प्यार कौन बनता है यार गरीबों का अरे, प्यार तो है खेल नसीबों का... (१) हसीनों से थोड़ी शह क्या मिली हौसला है बुलंद रक़ीबों का... (२) दीवाना था मैं सुलझाता... Hindi · गीत 16 Share gurudeenverma198 15 May 2024 · 1 min read हम तो हैं प्रदेश में, क्या खबर हमको देश की हम तो हैं परदेश में, क्या खबर हमको देश की। बहुत दिनों से मिली नहीं, चिट्टी हमको देश की।। हम तो हैं परदेश में-------------------------।। हमें मतलबी मत समझना, भूलें नहीं... Hindi · गीत 23 Share Karuna Goswami 15 May 2024 · 1 min read नव संवत्सर स्वागत स्वागत स्वागत नव संवत्सर। नव वर्ष के स्वागत में हम सब हैं नतमस्तक ।। चैत्र पक्ष की शुक्ल प्रतिपदा में यह पर्व मनाते। हिंदू भगवा धारण करके संघ का... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 18 Share Karuna Goswami 15 May 2024 · 1 min read मुझको तो घर जाना है मुझसे मेरी बिटिया कहती कितना और कामना है । क्या इतना भी भूल गई मां वापस घर भी आना है।। नहीं चाहिए नए खिलौने ना कोई भी इच्छा है, भाई... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 15 Share gurudeenverma198 14 May 2024 · 1 min read पसन्द नहीं था खुदा को भी, यह रिश्ता तुम्हारा पसन्द नहीं था खुदा को भी, यह रिश्ता तुम्हारा। लिखा नहीं था नसीब में, उनसे मिलन तुम्हारा।। मत हो निराश हे दिल तू , कोई बात नहीं, कोई बात नहीं।... Hindi · गीत 18 Share D.N. Jha 13 May 2024 · 1 min read जल की कीमत जल की कीमत कब समझेंगे,हम पागल इंसान। धरती जब ये हो जाएगी ,नीर बिना वीरान।। जीव जंतु अरु सकल परिंदा कौन यहाॅं है जल बिन जिन्दा। जल ही हम सबके... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 2 43 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read मातृभाषा हिंदी हिंदी है सबकी पहचान, हिंदी से है देश महान, पढ़ते हम गीता कुरान, हिंदी में है पूरा ज्ञान, हिंदी का सब करो सम्मान, हिंदी भाषाओं में प्रधान, है तीसरा इसका... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 14 Share D.N. Jha 13 May 2024 · 1 min read गुदगुदी गीत हम भी खुशी से सुनाने लगे। देखकर आंख अपनी चुराने लगे। बात होगी भला प्यार में भी कभी, घर मुझे रोज अपने बुलाती तभी। हम खुशी से वहां रोज... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 75 Share डी. के. निवातिया 13 May 2024 · 2 min read माँ आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है दिन दिनांक - रविवार, १२ मई, २०२४ विषय : मातृ दिवस विशेषांक विद्या : कविता शीर्षक : "माँ" आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है *** यशोदा-कौशल्या से ज़्यादा लाड... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत · गीतिका 16 Share डी. के. निवातिया 13 May 2024 · 1 min read वोट करो भई वोट करो दिन दिनांक : सोमवार, १३ मई २०२४ विद्या : कविता विषय : मतदान शीर्षक: वोट करो भई वोट करो, *** वोट करो भई वोट करो, तारीख अपनी नोट करो, लोकतंत्र... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत · गीतिका 16 Share D.N. Jha 12 May 2024 · 1 min read माॅं माॅं के कितने रूप हैं, जननी जग आधार। जीवन में सब चाहते, माॅं के जैसा प्यार।। आतीं हरदम याद हैं,जाने जगत जहान। याद सुबह अरु शाम है,वे हैं खूब महान।... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 2 20 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read अपनी झलक ये जिंदगी दिखा दे अपनी झलक ये जिंदगी, देखा वो राहों में गुनगुनाए पड़ी देखो इधर उधर ढूंढा बहुत पर कम्बक्त है न साथ खड़ी, खेले लुक्का छिपाई, आंख मिचौली कर मुस्कुराए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · गीत · लेख · संस्मरण 1 19 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read नारी स्वाधीन बन नारी स्वाधीन बन, जब मन में धीर पन जीवन की छाया बन, समृद्धि की स्रोत बन सबका है साथी बन खुशियों की सावन बन, मन को मोह बनावन बन सबकुछ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल · गीत · लेख 1 15 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read मंजिल की चाह ये मंजिल को चाह है सताती बहुत है रुलाती बहुत है रुलाती बहुत है मिलेगी न चाहत, मिलेगी नसीहत करता है मेहनत तू करता जा बंदे अभी तेरी मंजिल में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · बाल कविता 16 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read प्रेरणा गीत फूलों-सा हंसना मुश्किल है, भाव मधुर रखते रहना सूरज होना मुश्किल है पर, दीप बने जलते रहना एक हवा समभाव रखे बस, ऐसी जग में रीत नहीं पेड़ों पे फल... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · अनिल कुमार निश्छल · कविता · गीत · शिवनी 19 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 3 min read लोकतंत्र बस चीख रहा है लोकतंत्र बस चीख रहा है लोकतंत्र बस चीख़ रहा है और पतन अब दीख रहा है सत्ता लोलुपता है व्यापित राजनीति केवल है शापित जनता केवल लूटी जाती बात पड़े... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत 18 Share Diwakar Mahto 12 May 2024 · 1 min read गुरु हो साथ तो मंजिल अधूरा हो नही सकता कोई भी शिक्षा बिना गुरु के पुरा हो नहीं सकता |2| अगर गुरु हो साथ तो कोई भी मंजिल अधूरा हो नही सकता || बिना पहचान के तो सोना भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत · शेर 21 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read आओ थोड़ा जी लेते हैं विधा :- गीत शीर्षक - आओ थोड़ा जी लेते हैं शिकवे गिले मिटाओ साथी , गम को मिलकर पी लेते हैं । बहुत हुआ अब कहना-सुनना , आओ थोड़ा जी... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 16 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read बालगीत लेना तुमको हो जब खाना । मुझको बस आवाज लगाना ।। मम्मी सच में वाश किया है । ब्रश से मुँह भी साफ किया है ।। तेरा कोई नहीं ठिकाना... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 16 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read नियति जीवन यह इक झोल झमेला । नियति भाग्य मानुष मन खेला ।। नियति, नियति क्या करते आखिर , नियति कर्म से हर पल हारा । कोशिश करने में क्या जाता... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 18 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read आत्महत्या के पहले खुद से नहीं कभी मन हारा- हर संकट में किया गुजारा। तिल-तिल मरता मन है कहता- जीवन न यह मिले दुबारा।। मन में जब हो उथल-पुथल तो- बादल सी इक... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 16 Share Akash Agam 12 May 2024 · 1 min read तेजस्वी जुल्फें तुम्हें भूलना चाहता हूंँ ताकि याद रख सकूंँ ज़िंदगी भर के लिए तुम्हारी बात नहीं करता ताकि गा सकूंँ तुम्हें गीत में ढाल कर तुम्हें निहारता नहीं क्योंकि मन की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · गीत · गीतिका 1 22 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 12 May 2024 · 1 min read माँ का घर (नवगीत) मातृदिवस पर विशेष माँ के घर न बजी कभी भी छद्म कुकर की सीटी । चूल्हे में दुख को सुलगाकर चढ़ा तवा करतब का ; धर्म-गुँथे आटे की रोटी पेट भरा दे सब... Hindi · गीत 6 10 173 Share श्रीहर्ष आचार्य 12 May 2024 · 1 min read यदि किछ तोर बाजौ माए हमर अखनौ यदि किछ तोर बाजौ तब तोय सिनेह जानि दअ लिहे हमर मंदिर अँहे संस्कार मोरे ओ हामर देस गामक,दुलहिन हे यदि पिताश्री किछ तोर बाजौ तब मंजुसा... Maithili · कविता · गीत 17 Share Akash Agam 11 May 2024 · 1 min read तुम्हें चाहना तुम्हें चाहना एक चुनौती है प्रियतम न तुम दिखाई देते हो, न तो सुनाई देते हो न कभी मिलते हो न ही चलते हो साथ मेरे, प्रत्यक्ष होकर। तुम्हारी सर्वस्वता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · कोटेशन · गीत · शेर 2 25 Share Dharmjay singh 11 May 2024 · 1 min read "बेचारा किसान" चलता जा तू चलता जा, अब मंजिलें करीब है। ये कहने वालों देख लो, किसान क्यूं गरीब है।। कहने को तो लोग इसे, कह रहें भगवान है। फिर क्यूं जहर... Hindi · कविता · कहानी · गीत · लेख 1 22 Share Dinesh Kumar Gangwar 11 May 2024 · 1 min read मोर मुकुट संग होली बिषय -मोर मुकुट संग होली मै तो खेलू मोर मुकुट संग होली चाहें भीगें मेरी चुनरी चाहें भीगें मोरी चोली मै तो खेलू मोर मुकुट संग होली चाहें जग छूटे... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 2 16 Share sudhir kumar 10 May 2024 · 1 min read *सा रे गा मा पा धा नि सा* ~~~~~~~~~~~~~ सा रे गा मा पा धा नि सा। साथी रे!रुक जा ज़रा सा। दिल-ए-दरिया है चढ़ा सा। होगा आज मिलन अपना, पूरा होगा हर एक सपना, तू धरती है... Hindi · गीत 1 20 Share sudhir kumar 10 May 2024 · 1 min read *सुनो माँ* ~~~~~~~~~~~~ तुझे ढूंढूं कहां कहां माँ। इतना बड़ा.....जहां माँ। तेरे बारे किस से मैं पूछूं, तू ख़ुदा-ए- दो-जहाँ माँ। मैं तारों में.. तुझको खोजूं। आईने में खुद को निहारूं। मेरे... Hindi · गीत 1 19 Share Akash Agam 10 May 2024 · 1 min read गुलमोहर के लिए अगर कभी सूर्य से झगड़ कर विरह के ताप से जल रही दुपहरी में चलते हुए नंगे पांँव कच्ची सड़क पर मिल जाएंँ महाप्राण निराला तो कहूंँगा उनसे साधिकार कि... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · कोटेशन · गीत 2 19 Share Akash Agam 10 May 2024 · 1 min read चाहतें तुम्हें गाना चाहता हूंँ जैसे गा गए राम को कबीर और कबीर को कुमार गंधर्व तुम्हें देखना चाहता हूंँ जैसे देखा था गैलीलियो ने अनंत अन्तरिक्ष तुम्हें पाना चाहता हूंँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · कोटेशन · ग़ज़ल · गीत 2 18 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read ढल गया सूर्य फिर आएगा। ढल गया सूर्य फिर आएगा। माना संध्या गहराएगी, फिर रात उतर कर आएगी, लेकर काले रंग को रजनी पूरे जग को नहलाएगी, पर भोर सभी को धो देगी इक चिन्ह... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 13 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read पीले पत्ते दूर हो गए। पीले पत्ते दूर हो गए। हरी डाल की हरियाली में, इनका काफी योगदान था, जब तक किरणे सोख रहे थे, इनका काफी मान दान था, समय आ गया है अब... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 15 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read खुद को समझ सको तो बस है। खुद को समझ सको तो बस है। भटक भटक कर थक जाओगे, चाहत कुछ है कुछ पाओगे, जो पाया संतोष करो भी, अपने मन को समझाओगे, बाहर मरूथल का शासन... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 14 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read आज अकेले ही चलने दो। आज अकेले ही चलने दो। पथ परिचित है पीर पुरानी, पर उसमें कुछ बात अजानी, आज न तुमसे बांट सकूंगा, अनजाने दुख की हैरानी, मेघों से अच्छादित नभ में आज... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 11 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read संभवतः अनुमानहीन हो। संभवतः अनुमानहीन हो, ये जग कितना एकाकी है। दीयों का मेला दिवाली, वे समूह में मुस्काते हैं, दूर से देखो तो लगता है, एक ही सुर में सब गाते हैं,... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 14 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read परछाई उजली लगती है। परछाई उजली लगती है, कितना दुष्कर मलिन समय है। हम कितने काले हो सकते हैं, इसका अनुमान हो रहा, हम में कितना दोष भरा है, इसका कुछ कुछ भान हो... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 14 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है। हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है। हमने रखा है हलाहल को गले में, वासुकी को हमने है रस्सी बनाया, सामने न इंद्र के घुटने टिके हैं, हमने... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 15 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read उन्हें पुकारो। उन्हें पुकारो जिनके आने से, मन की पहचान खरी हो। मरुथल कोशिश भी कर लें पर , नागफनी ही दे पाएंगे, रेत ही जिनका मन हो तन में, नमी कहां... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 19 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read जीवन का त्योहार निराला। जीवन का त्योहार निराला। ढोलक की थापों के भीतर, शहनाई का राग करुण है, मरुथल के हिर्दय में बसता, सपनो का संसार वरुण है, खिलखिल रंगो के हिरदय में, छिपा... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 17 Share Previous Page 2 Next