Posts Tag: ग़ज़ल 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 18 Jun 2024 · 1 min read महफिल में रौनक की कमी सी है महफिल में रौनक की कमी सी है आज फिर उनकी कमी सी है वो शामिल हो गए रूह में इस कदर याद में उनकी आँखों में नमी सी है लौट... Hindi · ग़ज़ल 16 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 17 Jun 2024 · 1 min read नई ज़िंदगी दरख़्त-ए-जिगर में इक आशियाना रक्खा है, यूं दिल में छुपा कर इक जमाना रक्खा है, हर-सम्त सुकून ढूंढने में निकाल दी नई ज़िंदगी, क्या आसमां क्या जमीं बस ठिकाना रक्खा... Hindi · कोटेशन · ग़ज़ल · शेर 9 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 17 Jun 2024 · 1 min read दिल के फ़साने -ग़ज़ल अब वो दिल का फ़साना नहीं रहा, इश्क़ करने का जमाना नहीं रहा। वो मोहब्बत की दीवानगी का आलम , दिल में अब किसी का ठिकाना नहीं रहा। जो कभी... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 9 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 17 Jun 2024 · 1 min read दिल को आजमाना चाहता हूँ अपने इश्क़ को बचाना चाहता हूँ यूँ दिल को आजमाना चाहता हूँ भुला के शिकवे गिले सारे प्यार फिर से जताना चाहता हूँ इस कदर इश्क़ है की मिटता नहीं... Hindi · ग़ज़ल 2 18 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 16 Jun 2024 · 1 min read "सादगी" ग़ज़ल भरम भी आशिक़ी का दिल मेँ, पालते रहना, क्या क़यामत था, उफ़, छुप-छुप निहारते रहना। कभी तो बात करो मुझसे दोस्तों की तरह , भले ही बाद मेँ, नुख़्सेँ निकालते... Hindi · ग़ज़ल 1 1 27 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 16 Jun 2024 · 1 min read **ग़ज़ल: पापा के नाम** ज़िन्दगी में खुशियों की लड़ी , हैं पापा अनमोल उपहारों की झड़ी , हैं पापा धरती सा धीरज, आसमां सी महक, जमीनी हकीकत की कड़ी , हैं पापा जब भी... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 16 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 15 Jun 2024 · 1 min read नहीं मैं -गजल ग़ज़ल: गीत कोई नया गाता नहीं मैं। शेर कोई नया सुनाता नहीं मैं ! होंठों पे खामोशी की जमी हुई पर्त, बिना मतलब के हटाता नहीं में | दिल धड़कता... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 18 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 14 Jun 2024 · 1 min read *तेरी याद* मैं तुम्हें दिन में हज़ार बार नहीं बस एक बार याद करता हूं फिर सारा दिन बस याद करता जाता हूं जानते है चांद तारे और वृक्ष सारे बस जाने... Hindi · Hindi Kavita · Poetry · कविता · ग़ज़ल · गीत 4 2 92 Share Dr. Rajeev Jain 14 Jun 2024 · 1 min read बीती बिसरी लफ़्ज़ क्या कहेंगे जो अंदाज़ कहता है किस अदा पे दीवाना हुआ, कहां याद रहता है, क्या लेना देना झूठ से और सच भी क्या, शरारत में कहा हर झूठ,... Hindi · Sagari · कविता · ग़ज़ल · राजीव · शेर 1 22 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 14 Jun 2024 · 1 min read " कैसा हूँ " " कैसा हूँ " जनाब पूछना ही है तो , आकर पूछो कैसा हूँ, हाल अपने दिल का भी , सुनाकर पूछो कैसा हूँ। जज्बात बिखरे पड़े हैं बेखबर से... Hindi · कविता · ग़ज़ल 13 Share shabina. Naaz 14 Jun 2024 · 1 min read कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है जिंदगी तू भी क्या कमाल है कमाल है......!!! तारीफ़ तेरी क्या करूँ सब तेरा ही हुस्नऔजमाल है जिंदगी तू भी क्या कमाल... Hindi · Book3 · ग़ज़ल 18 Share Dr. Rajeev Jain 12 Jun 2024 · 1 min read आज़ादी की शर्त फ़ैसले ख़ुद ही ख़ुद तो सारे लिख दिये जिरह किए बिना हमको सज़ा लिख दिये क्या करे आज़ाद पंछी क्या करे ये असमां उड़ान को पाबंदी नहीं पंख गिरवी रख... Hindi · Nazm · Rajeev · उलझन · कविता · ग़ज़ल 1 22 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 12 Jun 2024 · 1 min read जीवन की रंगीनियत जीवन की रंगीनियत बदल ना जाए , ये हसीं शाम कहीं ढल ना जाए | मयखाने से निकले बहके हुए कदम, दुनिया के रस्मो रिवाज में संभल न जाए |... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 23 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 11 Jun 2024 · 1 min read कहां कहां ढूंढू तुझे मैं गज़लों में, चंद बातें यहां, चंद ख़्वाब हैं हँसते, मैं हूँ एक आवाज़, विचारों के अनंत सागर में!! कविता के गीत, सुरमयी धुन में सजाते, ह्रदय को मन मोह देते, रूह को... Hindi · कविता · ग़ज़ल · रूपक · शगुन 20 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 10 Jun 2024 · 1 min read जज्बात की बात -गजल रचना जज्बातों का सिलसिला कुछ इस कदर चला है , तेरे मेरे दरमियाँ बहार ए गुलिश्ता खिला है। मुलाकातों की वो महफिल सज गई जब, चाँदनी रात में मुलाक़ातों का सिलसिला... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 25 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 9 Jun 2024 · 1 min read "अहम् " अहम् का वहम उसने पाला है मुगालता बड़ा उसने पाला है समझें ख़ुद को बड़ा तीसमारखाँ बेड़ागर्क खुद का करने वाला है हवा में उड़ रहा है बहुत ही ज्यादा... Hindi · ग़ज़ल 37 Share Dr fauzia Naseem shad 8 Jun 2024 · 1 min read हाल- ए- दिल (वज़्न--2122-1212-22/112) *ग़ज़ल* हाल-ए-दिल मैंने जब सुनाया है। तूने बस मज़हका उड़ाया है। हम तो ख़ुद चोट खाये बैठे हैं, तेरा दिल हमने कब दुखाया है। जिसकी ता'बीर ही नहीं कोई,... Hindi · ग़ज़ल 2 27 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 8 Jun 2024 · 1 min read **"कोई गिला नहीं " ज़िंदगी के सफर में हैं ,मंजिल का पता नहीं, हर मोड़ दे रहा सबक , हमें कोई गिला नहीं। किसी ने फूल से नवाजा ,किसी ने बिछाए कांटे , खाए... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गिला 22 Share Vinit kumar 7 Jun 2024 · 1 min read चेहरे पे चेहरा (ग़ज़ल – विनीत सिंह शायर) आँखों पे अपनी ज़ुल्फ का पहरा लगाए हैं इस दिल पे मेरे घाव जो गहरा लगाए हैं ग़म भरी आँखों पे उनकी हँसी है क़ायम जैसे चेहरे पे एक और... Hindi · ग़ज़ल · शेर 22 Share Atul "Krishn" 7 Jun 2024 · 1 min read "सहर होने को" कई और "पहर" बाक़ी हैं .... पूछ के उम्र मेरी कम ना कर मेरी ज़िन्दगी के पल साक़ी , सालों बाद तो मिला हूँ फिर अपने आप से ... अभी - अभी तो सुरूर आया है... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 26 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 Jun 2024 · 1 min read *कागज पर जिंदगी* जब कुछ लिखा मैंने जीवन की कठिनाई को, उजड़े हुये मण्डप की खामोश शहनाई को!! सपनों के नील गगन में, जज्बातों को बोने लगे, कागज पर लिखी जिंदगी, तो शब्द-शब्द... Hindi · कविता · ग़ज़ल · जिंदगी · बागबान 22 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 Jun 2024 · 1 min read बिखरे हुए सपने हैं मेरे बिखरे हुए सपने हैं मेरे, गुमसुम सा दरिया है जहां, अकेलेपन की ठंडी हवा है, खुशियों भरी शांति है यहां!! लगता है बदला किसी से है, हर चीज़ यहां बेज़ार... Hindi · कविता · ग़ज़ल · दरिया · सपने 18 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 Jun 2024 · 1 min read बस तुझे अब दुआओं में मांगा करते हैं बस तुझे अब दुआओं में मांगा करते हैं, तुझमें तू नहीं, मुझे ख़ुदा दिखाई देता है!! शौक़-ए-तमन्ना में मुझे वो शख्स ना मिला, मुझे भी वो ख़ुद से जुदा दिखाई... Hindi · कविता · खुदा · ग़ज़ल · दुआ 18 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 Jun 2024 · 1 min read ज़िंदगी का जंग बेहतर होता कि मोड़ते जाते कोरा कागज़, बोझल पलकें न देंगे ज़िंदगी का हर संग!! यूं लगता है जैसे अधूरा है ज़िंदगी का चेहरा, बस उतर गया कहीं पर्दे से... Hindi · कविता · ग़ज़ल · जिंदगी · मोहब्बत 15 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 6 Jun 2024 · 1 min read लोकतंत्र के प्रहरी लोकतंत्र के प्रहरी - झूठे वादों की धुन पर नाचते जनतंत्र के प्रहरी , हर वादा किताबी किस्से की झूठी दास्तान है । दबी सच की आवाज ,सजने लगा राजनीति... Hindi · कविता · ग़ज़ल · लोकतंत्र · सीमा प्रहरी/सिपाही 1 28 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 Jun 2024 · 1 min read उस बेवफ़ा से क्या कहूं दरकते दीवार को सिया नहीं जाता, छलके जाम को पिया नहीं जाता!! जो अपना था अब पराया हो गया, उसपे ऐतबार किया नहीं जाता!! आज भी उन तंग गलियों को... Hindi · ग़ज़ल · दीवार · बेवफ़ा शायरी 1 21 Share Vinit kumar 5 Jun 2024 · 1 min read नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar दीवानों का ठिकाना चल रहा है तेरे पीछे ज़माना चल रहा है भूलना तो हमें आया ही नहीं वही रोना रुलाना चल रहा है ज़रा नाज़ुक है तबिअत हमारी वैसे... Hindi · ग़ज़ल 2 30 Share Dr.Pratibha Prakash 4 Jun 2024 · 1 min read बिखरा सबकुछ बिखरा बिखरा सा लगता है सबकुछ उखड़ा उखड़ा सा लगता है डूब रहा है आदमी जिस कदर मतलब में हर परिन्दा खुद से जुदा जुदा सा लगता है ख्वाहिशें... Hindi · ग़ज़ल 1 23 Share Inder Bhole Nath 4 Jun 2024 · 1 min read तुम,दर-दर से पूछ लो फिर रहे हैं दर बद्दर, तुम, दर दर से पूछ लो कि मेरे सफर का निशां हर शहर से पूछ लो न खत लिखा कोई न किसी की याद आई... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · शेर 24 Share Neelam Sharma 4 Jun 2024 · 1 min read बहर- 121 22 121 22 अरकान- मफ़उलु फ़ेलुन मफ़उलु फ़ेलुन #मतला ज़मीं में उगती या आसमाँ से। ये हसरतें आईं किस जहाँ से। #शेर जो नाम तेरा पुकारती थी, वो इक सदा आई किस मकां से। #शेर सफ़र नया था... Hindi · ग़ज़ल · बहर- 121 22 121 22 अरकान- 26 Share Neelam Sharma 4 Jun 2024 · 1 min read बहर- 121 22 121 22 ये दिल परिंदे सा फड़फड़ाए। क़फ़स से लेकिन निकल न पाए। सुबह ने आ कर मुझे सुलाया, हज़ार सपने मुझे दिखाए। कि रुख हवा का जा रोको कोई, अँधेरी शब... Hindi · ग़ज़ल · बहर- 121 22 121 22 24 Share Neelam Sharma 4 Jun 2024 · 1 min read वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) अर्कान -- फ़ाइलातुन - फ़इलातुन - फ़इलातुन - फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया -- [‘आना ' की बंदिश] रदीफ़ -- भी बुरा लगता है एक झटपट #मैगी जैसा प्रयास😃 बात -बातों में सताना भी बुरा लगता है। वो अगर रूठे मनाना भी बुरा लगता है। जो कहो बात सही तो हैं बुरा मानते वो,... Hindi · ग़ज़ल · वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) 26 Share डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD 3 Jun 2024 · 1 min read महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️ महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️ गैरत मंदी में बहुत लोग नही कहते हैं। ज़रुरत मंदों को नही मिलता... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 22 Share डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD 3 Jun 2024 · 1 min read ग़ज़ल सगीर मुझको छोड़कर जाने वाले,साथ अगर हो जाएगा। कच्चा पक्का ईंट इ़मारत फिर ये घर हो जाएगा। मेहनत मज़दूरी करके पाल रहा हूं बच्चों को। आज अभी है नन्हा पौधा कल... Hindi · कविता · ग़ज़ल · मुक्तक 2 25 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 2 Jun 2024 · 1 min read "अंधेरों को बढ़ाया जा रहा है " मासूमों को फँसाया जा रहा है मुजरिमों को बचाया जा रहा है मिटाकर सबूतों को गुनाह के मामला दबाया जा रहा है परिंदा आखिर उड़ेगा कैसे परों को कटवाया जा... Hindi · ग़ज़ल 49 Share Seema Garg 2 Jun 2024 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल चलो प्यार के साथ मंदर अकेले। मिलेगा खुदा यार अंदर अकेले।। लियाकत बढ़ी तो लिखें शायरी हम। नवाज़ा उसी ने ये दफ्तर अकेले।। रहेगा यही प्यार ज़िंदा हमेशा। चले... Hindi · ग़ज़ल 2 33 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 2 Jun 2024 · 1 min read प्रेमिका बन जाती है आवाज़ दिल की पन्नों पे उतर आती है फिर इस तरह एक कविता बन जाती है बाकी ना रहे कुछ भी दिल के अन्दर रहे तो कवि की जान पे... Hindi · ग़ज़ल 36 Share Ramji Tiwari 2 Jun 2024 · 1 min read ज़ख्म पर ज़ख्म अनगिनत दे गया चैन ओ सुकून दिल का मेरे ले गया ज़ख्म पर ज़ख्म दिल को अनगिनत दे गया लूट ले गया वो सारी खुशियाँ मेरी दर्द ए गम सीने में मेरे रह... Hindi · ग़ज़ल 1 24 Share Atul "Krishn" 2 Jun 2024 · 1 min read पता ना था के दीवान पे दर्ज़ - जज़बातों के नाम भी होते हैं पलट कर जब पूछा जो उन्होंने क्या लिखते हो ? मुक्तक या छंद कविता या गज़ल हैरान रह गए हम ऐसे पेंचो-ख़म और सितमज़रीफ़ी से सवाल पर पता ना था... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 22 Share Vinit kumar 1 Jun 2024 · 1 min read आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर भेजा जो किसी ने हमें मुरझा हुआ गुलाब क्या बात है कि आप हमें याद आ गएँ देखा जो किसी को किसी की बाहों में आज क्या बात है कि... Hindi · ग़ज़ल 1 27 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 1 Jun 2024 · 1 min read भूल गया 🙏🙏सादर प्रणाम🙏🙏 दिनाँक:- १७/०५/२०२४ मैं तो अपने ही जेहन की जात भूल गया कुछ अरसे से मैं अपनी औकात भूल गया आइना देखने को रहता था कितना तत्पर वो व्याकुल... Hindi · ग़ज़ल 1 24 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read ता-उम्र गुजरेगी मिरी उनके इंतज़ार में क्या? ता-उम्र गुजरेगी मिरी उनके इंतज़ार में क्या? केवल दर्द हीं नसीब होता है प्यार में क्या? थक गए हैं हम, अपना हाल-ए-दिल बताते बताते, उनके बग़ैर हयात बियाबां में क्या,... Poetry Writing Challenge-3 · Life Quotes · कविता · ग़ज़ल · मोहब्बत इश्क़ Love Poetry 1 26 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read अज़िय्यत-ए-इंतहा में शायद कोई मुस्कुराता नहीं, अज़िय्यत-ए-इंतहा में शायद कोई मुस्कुराता नहीं, सितमगर के लिए यूं पलकें कोई बिछाता नहीं। एकदम सही कहा करते थे तुम 'ढ़क्कन' हूं मैं, वगर्ना एक बेवफ़ा पर अपनी जां कोई... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poetry · Life Quotes · Love Poem · Nazm · ग़ज़ल 17 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 May 2024 · 1 min read तू मिल जाए तो पाने को फिर क्या रहा, तू मिल जाए तो यही तो एक सपना है, तू मिल जाए तो रहेगा ना शिकवा, फिर जिंदगी से कोई ग़र किसी मोड़ पर ,... Hindi · ग़ज़ल 34 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 31 May 2024 · 1 min read "बचपन यूं बड़े मज़े से बीता" बचपन यूं बड़े मज़े से बीता, ज़वानी कट गई सारी जिम्मेदारी में!! अब इस उमर में क्या रोना धोना, बुढ़ापा कट ही जायेगा प्यार की बीमारी में!! देखो सारे बाल... Hindi · ग़ज़ल · ज़वानी · ज़िन्दगी · बचपन 24 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 31 May 2024 · 1 min read उलझन है मेरे दिल में, भरी हुई हर पल में उलझन है मेरे दिल में, भरी हुई हर पल में, समय की दौड़ में, बस जीने की ख्वाहिश है!! रास्तों का सफ़र अनंत गहराइयों की याद दिलाते हैं, बस इन... Hindi · कविता · ख्वाब · ग़ज़ल · मंजिल · संघर्ष की दास्तान 22 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read इस जहां में यारा झूठ की हुक़ूमत बहुत है, इस जहां में यारा झूठ की हुक़ूमत बहुत है, सच, ये तिलस्मी दुनियां ख़ूबसूरत बहुत है। सिर्फ़ फ़ज़ा की गर्द साफ़ करने से क्या होगा, अक्लमंदों के दिल में भी... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poetry · Life Quotes · Trending · कविता · ग़ज़ल 1 24 Share SURYA PRAKASH SHARMA 31 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं) सिर्फ़ मरते हैं यहाँ हिन्दू, मुसलमाँ या दलित , अब किसी भी जगह पर मरता नहीं है आदमी । बँट गए अब तो स्वयं भगवान कितनी जात में , अब... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poetry · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · ग़ज़ल 3 25 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read मैं ज़िन्दगी के इन ताने-बानों में उलझती जा रही हूं, सब समेटने की चाह में मैं ख़ुद बिखरती जा रही हूं। दम तक तोड़ने वाली चुनौतियां मिली हैं कई दफ़ा, हालातों... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poetry · कविता · ग़ज़ल · मैं · मैं और मेरी तन्हाई 2 26 Share VINOD CHAUHAN 31 May 2024 · 1 min read कब तक यूँ आजमाएंगे हमसे कहो हुजूर कब तक यूँ आजमाएंगे हमसे कहो हुजूर कहाँ तलक यूँ जाएंगे हमसे कहो हुजूर देखी नही क्या आपने मेरी फितरत बुरी नही इल्ज़ाम क्या लगाएंगे हमसे कहो हुजूर सुनता नहीं... Hindi · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 32 Share Page 1 Next