Posts Tag: ग़ज़ल 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Vinit kumar 1 Jun 2024 · 1 min read आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर भेजा जो किसी ने हमें मुरझा हुआ गुलाब क्या बात है कि आप हमें याद आ गएँ देखा जो किसी को किसी की बाहों में आज क्या बात है कि... Hindi · ग़ज़ल 1 30 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 1 Jun 2024 · 1 min read भूल गया 🙏🙏सादर प्रणाम🙏🙏 दिनाँक:- १७/०५/२०२४ मैं तो अपने ही जेहन की जात भूल गया कुछ अरसे से मैं अपनी औकात भूल गया आइना देखने को रहता था कितना तत्पर वो व्याकुल... Hindi · ग़ज़ल 1 26 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read ता-उम्र गुजरेगी मिरी उनके इंतज़ार में क्या? ता-उम्र गुजरेगी मिरी उनके इंतज़ार में क्या? केवल दर्द हीं नसीब होता है प्यार में क्या? थक गए हैं हम, अपना हाल-ए-दिल बताते बताते, उनके बग़ैर हयात बियाबां में क्या,... Poetry Writing Challenge-3 · Life Quotes · कविता · ग़ज़ल · मोहब्बत इश्क़ Love Poetry 1 29 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read अज़िय्यत-ए-इंतहा में शायद कोई मुस्कुराता नहीं, अज़िय्यत-ए-इंतहा में शायद कोई मुस्कुराता नहीं, सितमगर के लिए यूं पलकें कोई बिछाता नहीं। एकदम सही कहा करते थे तुम 'ढ़क्कन' हूं मैं, वगर्ना एक बेवफ़ा पर अपनी जां कोई... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poetry · Life Quotes · Love Poem · Nazm · ग़ज़ल 19 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 May 2024 · 1 min read "तू मिल जाए तो" _पाने को फिर क्या रहा, तू मिल जाए तो_ _यही तो एक सपना है, तू मिल जाए तो_ _रहेगा ना शिकवा, फिर जिंदगी से कोई_ _ग़र किसी मोड़ पर ,... Hindi · ग़ज़ल 40 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 31 May 2024 · 1 min read "बचपन यूं बड़े मज़े से बीता" बचपन यूं बड़े मज़े से बीता, ज़वानी कट गई सारी जिम्मेदारी में!! अब इस उमर में क्या रोना धोना, बुढ़ापा कट ही जायेगा प्यार की बीमारी में!! देखो सारे बाल... Hindi · ग़ज़ल · ज़वानी · ज़िन्दगी · बचपन 25 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 31 May 2024 · 1 min read उलझन है मेरे दिल में, भरी हुई हर पल में उलझन है मेरे दिल में, भरी हुई हर पल में, समय की दौड़ में, बस जीने की ख्वाहिश है!! रास्तों का सफ़र अनंत गहराइयों की याद दिलाते हैं, बस इन... Hindi · कविता · ख्वाब · ग़ज़ल · मंजिल · संघर्ष की दास्तान 25 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read इस जहां में यारा झूठ की हुक़ूमत बहुत है, इस जहां में यारा झूठ की हुक़ूमत बहुत है, सच, ये तिलस्मी दुनियां ख़ूबसूरत बहुत है। सिर्फ़ फ़ज़ा की गर्द साफ़ करने से क्या होगा, अक्लमंदों के दिल में भी... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poetry · Life Quotes · Trending · कविता · ग़ज़ल 1 29 Share SURYA PRAKASH SHARMA 31 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं) सिर्फ़ मरते हैं यहाँ हिन्दू, मुसलमाँ या दलित , अब किसी भी जगह पर मरता नहीं है आदमी । बँट गए अब तो स्वयं भगवान कितनी जात में , अब... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poetry · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · ग़ज़ल 3 25 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read मैं ज़िन्दगी के इन ताने-बानों में उलझती जा रही हूं, सब समेटने की चाह में मैं ख़ुद बिखरती जा रही हूं। दम तक तोड़ने वाली चुनौतियां मिली हैं कई दफ़ा, हालातों... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poetry · कविता · ग़ज़ल · मैं · मैं और मेरी तन्हाई 2 30 Share VINOD CHAUHAN 31 May 2024 · 1 min read कब तक यूँ आजमाएंगे हमसे कहो हुजूर कब तक यूँ आजमाएंगे हमसे कहो हुजूर कहाँ तलक यूँ जाएंगे हमसे कहो हुजूर देखी नही क्या आपने मेरी फितरत बुरी नही इल्ज़ाम क्या लगाएंगे हमसे कहो हुजूर सुनता नहीं... Hindi · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 35 Share नवीन जोशी 'नवल' 30 May 2024 · 1 min read बता देना। फिर घटाएं घट गईं तो बता देना। सर्द रातें कट गईं तो बता देना ।। आज तो मासूमियत है चेहरे पर, मुश्किलें यदि छंट गई तो बता देना।। दूरियां थी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 1 28 Share Sumangal Singh Sikarwar 30 May 2024 · 1 min read लो फिर बसंत आया है मन पुलकित, है तन पुलकित पुलकित है जग सारा | है वन पुलकित उपवन पुलकित पुलकित है नभ सारा | मस्तिष्क की डालियां कहने लगीं फिर .. लो फिर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 31 Share Sumangal Singh Sikarwar 30 May 2024 · 1 min read बेटी हर दर्द को सहती है खुश फिर भी वो रहती है बेटी क्या है लड़की क्या है खुद को खुद से कहती है | बेटी जन्मती एक घर में पनपती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · गीत · गीतिका 1 32 Share Sumangal Singh Sikarwar 30 May 2024 · 1 min read न जाने किसकी कमी है फूलों से महकते बाग फिर भी सूनी जमी है न जानें किसकी कमी है , न जानें किसकी कमी है | चहकते हैं पक्षी यहां कोयल भी कूकती है न... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 39 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 30 May 2024 · 1 min read "वक्त निकल गया" _जी ना सके जिंदगी, वक्त निकल गया_ _रेत का ढेर जैसे,मुट्ठी से फिसल गया_ _कद्र की नहीं, था जब तक पास अपने_ _मिट्टी का बना इंसा, मिट्टी में बदल गया_... Hindi · ग़ज़ल 36 Share Sumangal Singh Sikarwar 30 May 2024 · 1 min read अतीत याद आता है अचानक हवा का कोई झोंका मेरे सामने से गुजर जाता है मुझे मेरी स्मृति को अपने साथ लेकर मेरे अतीत तक की सैर कराता है वह चेहरा जो अब स्मृति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 27 Share Sumangal Singh Sikarwar 30 May 2024 · 1 min read जानेमन नहीं होती गम की दहलीज पे मुसीबत कम नहीं होती, सफर ए इश्क की कोई मजिल नहीं होती | होकर परेशां जिंदगी से मौत करीब लगती है करीब से देखो जिंदगी भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 39 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read कविता शब्द अनन्य भावों का बोध कराते प्रथक प्रथक स्थान लिए स्मृति पटल पर अंकित हो जाते हैं | यही शब्द संचित होकर विचार बन जाते हैं विचार होते हैं कभी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 34 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read पलक कल ये जो उठी तो चांद नजर आया , और जब ये झपकीं तो धुंध अंधेरा छाया काश झपकना इनकी फितरत में न होता हम इक टक उस चांद को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 32 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read मौसम तपती धूप में नंगे पैर चलते हैं , मजबूरी में इन बादलों का जुल्म सहते हैं , भीगना चाहते नहीं मगर भीगते हैं वो , ठंड की ठिठुरन को भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 38 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read तकदीर उस करसाज की लिखी होती हैं तकदीर इंसा के हाथों कभी गढ़ी होती है तकदीर कभी दर्दों गम का खुला पैगाम है तकदीर कभी खुशियों का भरा अंबार है तकदीर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल 29 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read आवाज न जानें क्यूं कहा हमसे उन्होंने आज उनकी आवाज से मिलादें अपनी आवाज काश कि वो हमें अब चाहने लगे हैं, शायद तभी थी उनकी ये आरजू भरी आवाज |... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 23 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read इशारा आंखें ये उनकी क्या कह रही हैं यूं पलकों को उठा और झपका रहीं हैं कभी तिरछी होकर हमें निहारती हैं कभी मुस्कुराकर जलवा दिखाती हैं हम समझ नहीं पाते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 26 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read वो चेहरा सुमन सा सुंदर , मोह सा मोहक प्रेम सा प्रिय, भाव सा भावुक स्पंदन सा कंपित , रूदन सा पीड़ित स्मृति सा स्मारक वो चेहरा ... मुझे देख छुप जाता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 22 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read आंगन आंगन खुशियों से महकता सा आंगन ... दस्तकों से दमकता सा | कभी उनकी आहट का सुकून देता कभी उनके आने का सबूत देता | अगले ही क्षण यूं कहने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 27 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 2 min read बस तेरी अब याद है......(तर्ज़ -चुपके-चुपके रात दिन ) (1) प्रियतम प्यारे मोहना बस तेरी अब याद है.. वो तेरा अक्रूर संग मथुरा को जाना याद है। प्रियतम प्यारे… (2) देख लेना हाल क्या है अब तेरे जाने के... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 31 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read "उसे पाने की ख़ातिर....." _उसे पाने की ख़ातिर क्या नहीं किया मैंने_ _दिन को देखा रातों में ख्वाब सजाया मैंने_ _आँखों में बस उनका ही तसव्वुर फिरा_ _तस्वीर को उनकी दिल में बसाया मैंने_... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 41 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read "कुछ अगर -मगर, कुछ काश में रहे...." _कुछ अगर- मगर, कुछ काश में रहे_ _कुछ लोग जिंदगी के नाश में रहे_ _मिला जिंदगी से जो, कद्र नहीं की_ _ना मिला उसी की, आस में रहे_ _करते रहे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 29 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read "शाम भी गुजर गई" _ढल गया दिन शाम भी गुजर गई_ _तबियत थी नासाज अब सुधर गई_ _ख्वाब अधूरे ख्वाहिशे भी अधूरी हैं_ _उफान पर थी नदी अब उतर गई_ _जिंदगी इसे ही कहते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 28 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read "एक नया सवेरा होगा" _उम्मीद मुझे है ,एक नया सवेरा होगा_ _जों हाल अभी है, कल नहीं मेरा होगा_ _आज जुगनूओं से ,रोशन है कायनात मेरी_ _कल मेरी छत पे भी, सूरज का डेरा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 28 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read "वक्त कहीं थम सा गया है" _रगों में कतरा कतरा लहू, जम सा गया है_ _मुसाफिर रुक गया फूल दम सा गया है_ _चाँद सितारों से रोशन है ,दुनिया सारी ये_ _तेल बाती का दिये में... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 31 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read "खुद को खुली एक किताब कर" _खुद को खुली एक किताब कर_ _खुले आसमान का आफ़ताब कर_ _चाहता है गर सुकून जिंदगी में_ _झुक के सबको आदाब कर_ _तिल तिल कर घुटता रहेगा यूं_ _दिल की... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 29 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read "गुजरा ज़माना" _कल को आज याद करके फायदा क्या है?_ _गुजरे जमाने को याद करके फायदा क्या है?_ _अब न रहे वो संगी साथी ना दिया ना बाती_ _किताब के पन्ने पलटने... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 35 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read "इंसानियत तो शर्मसार होती है" _इकरार मैं छुपी रार होती है_ _यूँ ही नही तकरार होती है_ _महफिल में सरेआम किसी की_ _इज्जत तार -तार होती है_ _वो वादे इरादे से मुकर गए_ _यूँ ही... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 30 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read "जमाने वाले है" _अब नही बसर यहां, ये खुदगर्ज जमाने वाले है_ _चढ़ते हुवे आफताब को सलाम करने वाले है_ _दिल,दोस्ती,रिश्तेदारी सब निभाने की कोशिश में_ _नही पता था ये आस्तीन के सांप... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 41 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read ये जिंदगी कभी खुशी कभी गम अजीब सी ये लगती है न जाने क्यूं ये जिंदगी एक पहेली सी लगती है | सब कुछ भी पाकर ख़ाव अधूरा सा रहता है मिले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 29 Share Yash Tanha Shayar Hu 28 May 2024 · 1 min read दिल-ए-मज़बूर । दिल-ए-मज़बूर । दिल-ए-मज़बूर दास्तान-ए-इश्क़ लेकर जाएं कहाँ ? हम अपने रुतबे को और तुमको अब छुपाये कहाँ ? शमा से जलकर गिरी है, जो जुगनुओं की अस्थियां उन अस्थियों को... Hindi · Shayri · Urdu Poetry · Urduadab · कविता · ग़ज़ल 1 33 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 28 May 2024 · 1 min read जमाने वाले " गज़ल" अब नही बसर यहां, ये खुदगर्ज जमाने वाले है चढ़ते हुवे आफताब को सलाम करने वाले है दिल,दोस्ती,रिश्तेदारी सब निभाने की कोशिश में नही पता था की हमने... Hindi · ग़ज़ल 23 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read दिल में उत्तेजना और उम्मीदें ज़र्द हैं आपके प्यार का हिज्र दर्दनाक है, दिल में उत्तेजना और उम्मीदें ज़र्द हैं!! हर साँस पे अब बिछड़ने का ग़म पलता है, अमन की राह में नई बारिश का इंतज़ार... Hindi · ग़ज़ल 27 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read इश्क़ का ख़याल मुहब्बत की आग में जलने का अद्भुत अहसास, इक नये अनुभव, इक नये इश्क़ का ख़याल है!! दिल में उम्मीद की दीपक थमी है जगमगाते, जैसे तारे खो गए हैं,... Hindi · ग़ज़ल 22 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read जब चांदनी रातों में आहट उठाती है जब चांदनी रातों में आहट उठाती है, बस दिलों के चिराग़ जगमगाती हैं!! चांद सा चेहरा अगर दिख जाए तो, हर दिल में ख्वाहिशें बढ़ जाती हैं!! चांदनी की कई... Hindi · ग़ज़ल 35 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read चाँदनी रात चाँदनी रात में अब चाँद निकल आया है, सबके दिलों को अपने गाने संग भाया है!! सूरज, चाँद, तारे भी यहाँ आ कर गिर पड़े, सबके दिल में प्यार का... Hindi · ग़ज़ल 20 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read मेरा दिल भर आया बहुत सा चांद के हुस्न को जब देखा, मेरा दिल भर आया बहुत सा!! मदहोश होकर उठे तारे भी, ख़ूबसूरती में वो चांद से कम नहीं!! कितनी प्यारी है शबनमी रात यहाँ,... Hindi · ग़ज़ल 24 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read जुगनू और आंसू: ज़िंदगी के दो नए अल्फाज़ जुगनू रात में उड़ा करते हैं, आंसू वादियों में बह जाते हैं!! जुगनू चमकते हैं अंधियारे में, आंसू दर्द की कहानी सुनाते हैं!! जुगनू संगीत सुनाते हैं रातों में, आंसू... Hindi · ग़ज़ल 26 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read इश्क़-ए-जज़्बात तारीफ़ करने के लिए, और क्या बात हो सकती है, आपकी आँखों में छिपी हुई इश्क़-ए-जज़्बात हो सकती है!! वो सपने, वो आरज़ूएं, जो कह जाती हैं ख़ुद ही बातें,... Hindi · ग़ज़ल 20 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read "उमंग तरंग हो मन का मेरे, हर सुख का आभास हो" उमंग तरंग हो मन का मेरे, हर सुख का आभास हो, मीठी सी धूप लाने वाला, मेरे जीवन का प्रभात हो!! चंचलता तेरी लहर नदी सी चलती जैसे सांस हो,... Hindi · ग़ज़ल 25 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read दिल दिल थाम के बैठे है यूं सरेराह हम, तेरी यादें जहन से बोझल हो चली हो!! क्या बताएं, बताने को बचा ही क्या है, सामने हो, मगर नज़र से ओझल... Hindi · ग़ज़ल 1 28 Share Kalamkash 28 May 2024 · 1 min read ज़ौक-ए-हयात में मिला है क्यों विसाल ही, ज़ौक-ए-हयात में मिला है क्यों विसाल ही, ये गर्दिशें बता भला जाएँगी अब कहाँ? ना हो रहा खलल है ज़माना भी इश्क में, ये बंदिशें बता भला जाएँगी अब कहाँ? Hindi · Hindi Urdu · Urdu Poetry · Urduadab · Urduhindipoetryghazal · ग़ज़ल 1 39 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read खत लो फिर किसी की बात किसी तक पहुंच गई यूं लगा कि किसी की आरजू पूरी हो गई | वो तो गुदगुदा गए मन ही मन अनंत कि उनकी निगाह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 28 Share Previous Page 2 Next