Tag: ग़ज़ल
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ज़ख्म पर ज़ख्म अनगिनत दे गया
Ramji Tiwari
पता ना था के दीवान पे दर्ज़ - जज़बातों के नाम भी होते हैं
Atul "Krishn"
आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
भूल गया
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ता-उम्र गुजरेगी मिरी उनके इंतज़ार में क्या?
Shikha Mishra
अज़िय्यत-ए-इंतहा में शायद कोई मुस्कुराता नहीं,
Shikha Mishra
"तू मिल जाए तो"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"बचपन यूं बड़े मज़े से बीता"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उलझन है मेरे दिल में, भरी हुई हर पल में
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इस जहां में यारा झूठ की हुक़ूमत बहुत है,
Shikha Mishra
ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं)
SURYA PRAKASH SHARMA
मैं
Shikha Mishra
कब तक यूँ आजमाएंगे हमसे कहो हुजूर
VINOD CHAUHAN
बता देना।
नवीन जोशी 'नवल'
लो फिर बसंत आया
Sumangal Singh Sikarwar
बेटी
Sumangal Singh Sikarwar
न जाने किसकी कमी है
Sumangal Singh Sikarwar
"वक्त निकल गया"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
अतीत याद आता है
Sumangal Singh Sikarwar
जानेमन नहीं होती
Sumangal Singh Sikarwar
कविता
Sumangal Singh Sikarwar
पलक
Sumangal Singh Sikarwar
मौसम
Sumangal Singh Sikarwar
तकदीर
Sumangal Singh Sikarwar
आवाज
Sumangal Singh Sikarwar
इशारा
Sumangal Singh Sikarwar
वो चेहरा
Sumangal Singh Sikarwar
आंगन
Sumangal Singh Sikarwar
बस तेरी अब याद है......(तर्ज़ -चुपके-चुपके रात दिन )
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"उसे पाने की ख़ातिर....."
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"कुछ अगर -मगर, कुछ काश में रहे...."
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"शाम भी गुजर गई"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"एक नया सवेरा होगा"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"वक्त कहीं थम सा गया है"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"खुद को खुली एक किताब कर"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"गुजरा ज़माना"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"इंसानियत तो शर्मसार होती है"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"जमाने वाले है"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
ये जिंदगी
Sumangal Singh Sikarwar
दिल-ए-मज़बूर ।
Yash Tanha Shayar Hu
जमाने वाले
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
दिल में उत्तेजना और उम्मीदें ज़र्द हैं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क़ का ख़याल
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब चांदनी रातों में आहट उठाती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चाँदनी रात
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरा दिल भर आया बहुत सा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जुगनू और आंसू: ज़िंदगी के दो नए अल्फाज़
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क़-ए-जज़्बात
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"उमंग तरंग हो मन का मेरे, हर सुख का आभास हो"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"