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Tag: गजल गीतिका 2
25 posts
*जीवन में जो सोचा सब कुछ, कब पूरा होता है (हिंदी गजल)*
*जीवन में जो सोचा सब कुछ, कब पूरा होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*भूल गए अध्यात्म सनातन, जातिवाद बस याद किया (हिंदी गजल)*
*भूल गए अध्यात्म सनातन, जातिवाद बस याद किया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*नई दुकान कहॉं चलती है (हिंदी गजल)*
*नई दुकान कहॉं चलती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*कितनी भी चालाकी चल लो, समझ लोग सब जाते हैं (हिंदी गजल)*
*कितनी भी चालाकी चल लो, समझ लोग सब जाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*समय की रेत ने पद-चिन्ह, कब किसके टिकाए हैं (हिंदी गजल)*
*समय की रेत ने पद-चिन्ह, कब किसके टिकाए हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*वही एक सब पर मोबाइल, सबको समय बताता है (हिंदी गजल)*
*वही एक सब पर मोबाइल, सबको समय बताता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*दिन गए चिट्ठियों के जमाने गए (हिंदी गजल)*
*दिन गए चिट्ठियों के जमाने गए (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*बहुत सुंदर इमारत है, मगर हमको न भाती है (हिंदी गजल)*
*बहुत सुंदर इमारत है, मगर हमको न भाती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*मंत्री जी भी कभी किसी दिन, ई-रिक्शा पर बैठें तो (हिंदी गजल-
*मंत्री जी भी कभी किसी दिन, ई-रिक्शा पर बैठें तो (हिंदी गजल-
Ravi Prakash
*नौकरपेशा लोग रिटायर, होकर मस्ती करते हैं (हिंदी गजल)*
*नौकरपेशा लोग रिटायर, होकर मस्ती करते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*आज छपा जो समाचार वह, कल बासी हो जाता है (हिंदी गजल)*
*आज छपा जो समाचार वह, कल बासी हो जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*घर की चौखट को लॉंघेगी, नारी दफ्तर जाएगी (हिंदी गजल)*
*घर की चौखट को लॉंघेगी, नारी दफ्तर जाएगी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*सीधे-साधे लोगों का अब, कठिन गुजारा लगता है (हिंदी गजल)*
*सीधे-साधे लोगों का अब, कठिन गुजारा लगता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*अपना-अपना दृष्टिकोण ही, न्यायाधीश सुनाएगा (हिंदी गजल)*
*अपना-अपना दृष्टिकोण ही, न्यायाधीश सुनाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*अखबारों में झूठ और सच, सबको सौ-सौ बार मिला (हिंदी गजल)*
*अखबारों में झूठ और सच, सबको सौ-सौ बार मिला (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*नशा करोगे राम-नाम का, भवसागर तर जाओगे (हिंदी गजल)*
*नशा करोगे राम-नाम का, भवसागर तर जाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*पुरखों की संपत्ति बेचकर, कब तक जश्न मनाओगे (हिंदी गजल)*
*पुरखों की संपत्ति बेचकर, कब तक जश्न मनाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*बस यह समझो बॅंधा कमर पर, सबके टाइम-बम है (हिंदी गजल)*
*बस यह समझो बॅंधा कमर पर, सबके टाइम-बम है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*सरिता में दिख रही भॅंवर है, फॅंसी हुई ज्यों नैया है (हिंदी
*सरिता में दिख रही भॅंवर है, फॅंसी हुई ज्यों नैया है (हिंदी
Ravi Prakash
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*पिता (दोहा गीतिका)*
*पिता (दोहा गीतिका)*
Ravi Prakash
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