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Tag: कुण्डलिया
1001 posts
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*छोड़ी पशु-हिंसा प्रथा, अग्रसेन जी धन्य (कुंडलिया)*
*छोड़ी पशु-हिंसा प्रथा, अग्रसेन जी धन्य (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पाओगे श्रीकृष्ण को, मोरपंख के साथ (कुंडलिया)*
*पाओगे श्रीकृष्ण को, मोरपंख के साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*आओ लौटें फिर चलें, बचपन के दिन संग(कुंडलिया)*
*आओ लौटें फिर चलें, बचपन के दिन संग(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पियक्कड़* (हास्य कुंडलिया)
*पियक्कड़* (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
*पद का मद सबसे बड़ा, खुद को जाता भूल* (कुंडलिया)
*पद का मद सबसे बड़ा, खुद को जाता भूल* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*फूलों पर भौंरे दिखे, करते हैं गुंजार* ( कुंडलिया )
*फूलों पर भौंरे दिखे, करते हैं गुंजार* ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
*झूला सावन मस्तियॉं, काले मेघ फुहार (कुंडलिया)*
*झूला सावन मस्तियॉं, काले मेघ फुहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बुढ़ापा अति दुखदाई (हास्य कुंडलिया)
बुढ़ापा अति दुखदाई (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
*कोई मंत्री बन गया, छिना किसी से ताज (कुंडलिया)*
*कोई मंत्री बन गया, छिना किसी से ताज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*घर में बैठे रह गए , नेता गड़बड़ दास* (हास्य कुंडलिया
*घर में बैठे रह गए , नेता गड़बड़ दास* (हास्य कुंडलिया
Ravi Prakash
*मन की पीड़ा मत कहो, जाकर हर घर-द्वार (कुंडलिया)*
*मन की पीड़ा मत कहो, जाकर हर घर-द्वार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*धरती की आभा बढ़ी,, बूँदों से अभिषेक* (कुंडलिया)
*धरती की आभा बढ़ी,, बूँदों से अभिषेक* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
रोजाना आने लगे , बादल अब घनघोर (कुंडलिया)
रोजाना आने लगे , बादल अब घनघोर (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*खाओ जामुन खुश रहो ,कुदरत का वरदान* (कुंडलिया)
*खाओ जामुन खुश रहो ,कुदरत का वरदान* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*दलबदलू माहौल है, दलबदलू यह दौर (कुंडलिया)*
*दलबदलू माहौल है, दलबदलू यह दौर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*गूगल को गुरु मानिए, इसका ज्ञान अथाह (कुंडलिया)*
*गूगल को गुरु मानिए, इसका ज्ञान अथाह (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पाई कब छवि ईश की* (कुंडलिया)
*पाई कब छवि ईश की* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
जिसको गोदी मिल गई ,माँ की हुआ निहाल (कुंडलिया)
जिसको गोदी मिल गई ,माँ की हुआ निहाल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
फितरत
फितरत
Ravi Prakash
*चिकित्सक (कुंडलिया)*
*चिकित्सक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जीने के प्रभु जी हमें, दो पूरे शत वर्ष (कुंडलिया)
जीने के प्रभु जी हमें, दो पूरे शत वर्ष (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*नारी तुम गृह स्वामिनी, तुम जीवन-आधार (कुंडलिया)*
*नारी तुम गृह स्वामिनी, तुम जीवन-आधार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*सावन-भादो दो नहीं, सिर्फ माह के नाम (कुंडलिया)*
*सावन-भादो दो नहीं, सिर्फ माह के नाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*वर्षा लेकर आ गई ,प्रिय की पावन याद(कुंडलिया)*
*वर्षा लेकर आ गई ,प्रिय की पावन याद(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*कैसे भूले देश यह, तानाशाही-काल (कुंडलिया)*
*कैसे भूले देश यह, तानाशाही-काल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*रक्षक है जनतंत्र का, छोटा-सा अखबार (कुंडलिया)*
*रक्षक है जनतंत्र का, छोटा-सा अखबार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मस्ती को क्या चाहिए ,मन के राजकुमार( कुंडलिया )
मस्ती को क्या चाहिए ,मन के राजकुमार( कुंडलिया )
Ravi Prakash
बरसातें सबसे बुरीं (कुंडलिया )
बरसातें सबसे बुरीं (कुंडलिया )
Ravi Prakash
*वरमाला वधु हाथ में, मन में अति उल्लास (कुंडलियां)*
*वरमाला वधु हाथ में, मन में अति उल्लास (कुंडलियां)*
Ravi Prakash
*आई वर्षा देखिए, कैसी है सुर-ताल* (कुंडलिया)
*आई वर्षा देखिए, कैसी है सुर-ताल* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*मारा हमने मूक कब, पशु जो होता मौन (कुंडलिया)*
*मारा हमने मूक कब, पशु जो होता मौन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आई लो बरसात है, मौसम में आह्लाद (कुंडलिया)
आई लो बरसात है, मौसम में आह्लाद (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*तपती धूप सता रही, माँ बच्चे के साथ (कुंडलिया)*
*तपती धूप सता रही, माँ बच्चे के साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*राजा-रंक समान, हाथ सब खाली जाते (कुंडलिया)*
*राजा-रंक समान, हाथ सब खाली जाते (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अपना घर किसको कहें, उठते ढेर सवाल ( कुंडलिया )
अपना घर किसको कहें, उठते ढेर सवाल ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
*सीमा की जो कर रहे, रक्षा उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*सीमा की जो कर रहे, रक्षा उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पाते असली शांति वह ,जिनके मन संतोष (कुंडलिया)*
*पाते असली शांति वह ,जिनके मन संतोष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पैसे-वालों में दिखा, महा घमंडी रोग (कुंडलिया)*
*पैसे-वालों में दिखा, महा घमंडी रोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*करिए जीवन में सदा, प्रतिदिन पावन योग (कुंडलिया)*
*करिए जीवन में सदा, प्रतिदिन पावन योग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*मरता लेता जन्म है, प्राणी बारंबार (कुंडलिया)*
*मरता लेता जन्म है, प्राणी बारंबार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*किसकी चिर काया रही ,चिर यौवन पहचान(कुंडलिया)*
*किसकी चिर काया रही ,चिर यौवन पहचान(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
खाने को रोटी नहीं , फुटपाथी हालात {कुंडलिया}
खाने को रोटी नहीं , फुटपाथी हालात {कुंडलिया}
Ravi Prakash
*पर्वत से दृढ़ तुम पिता, वंदन है शत बार (कुंडलिया)*
*पर्वत से दृढ़ तुम पिता, वंदन है शत बार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*आई गंगा स्वर्ग से, उतर हिमालय धाम (कुंडलिया)*
*आई गंगा स्वर्ग से, उतर हिमालय धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
भाषण अब कैसे रूके,पॉंचों साल चुनाव( कुंडलिया)
भाषण अब कैसे रूके,पॉंचों साल चुनाव( कुंडलिया)
Ravi Prakash
*लो कर में नवनीत (हास्य कुंडलिया)*
*लो कर में नवनीत (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पुण्य कमाए तब मिले, पावन पिता महान (कुंडलिया)*
*पुण्य कमाए तब मिले, पावन पिता महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
17 जून 2019 को प्रथम वर्षगांठ पर रिया को हार्दिक बधाई
17 जून 2019 को प्रथम वर्षगांठ पर रिया को हार्दिक बधाई
Ravi Prakash
हरा-भरा अब कब रहा, पेड़ों से संसार(कुंडलिया )
हरा-भरा अब कब रहा, पेड़ों से संसार(कुंडलिया )
Ravi Prakash
हाड़-माँस का है सुनो, डॉक्टर है इंसान (कुंडलिया)
हाड़-माँस का है सुनो, डॉक्टर है इंसान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
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