Posts Tag: कवित्त 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 14 Mar 2025 · 1 min read "होली की बधाई..2025" समस्त मित्रों, 🥰 को होली की बधाई एवं रँगारँग शुभकामनाएं...🎊🎈🍒🍉🍇 आए होरियार, सतरंगि भई टोली जु, गैल-गैल घूमि, सब लोगन भिजोए है। कोउ लागि गर्दभ, धरे है, रूप गज कोउ,... Hindi · कवित्त 5 6 68 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 1 Mar 2025 · 1 min read "मथुरा, तीन लोक ते न्यारी..!" यमुना तीरे बस्यो नगर इकु, जनमे जहाँ कन्हाई। सजे घाट, मन्दिर, पावन सब, सोभा बरनि न जाई।। तीरथ बौद्ध, जैन, हिन्दू कौ, जाऊँ फिरि-फिरि वारी। प्रेम और सौहार्द पड़त, दुर्भाव,... Hindi · कवित्त 2 3 49 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 2 Aug 2024 · 1 min read "कदम्ब की महिमा" महाकवि रसखान को सादर नमन करते हुए उनकी कालजयी रचना- जो खग हौं तो बसेरो करौँ मिलि, कालिन्दी कूल कदम्ब की डारन..! की लय-ताल से प्रेरित "कदम्ब की महिमा"विषय पर... Hindi · कवित्त 4 4 206 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 29 Jun 2024 · 1 min read "राह अनेक, पै मँजिल एक" भोर भयो, बजि मन्दिर घन्टि, जिया हरष्यौ, धुन राम सुहानी। मस्जिद, मुल्ला बाँग दियो, जु बतावत मोरि,अजान दिवानी।। राह अनेक, पै मँजिल एक, यहै सन्देश छुप्यौ गुरबानी। प्रेम बिना नहिं... Hindi · कवित्त 4 4 181 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 29 Jun 2024 · 1 min read "सर्व धर्म समभाव" प्रीत न जानै जात-पाँत, नहिं पन्थ, प्रथा नहिं कोई, "सर्व धर्म समभाव" भावना अमर, काहि मन खोई। पीर उठी मन, जानि जेहि की आँख जिया भरि रोई, कहि गए "आशादास",... Hindi · कवित्त 4 4 193 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 30 Jun 2023 · 1 min read "धन्य प्रीत की रीत.." कहूँ कोरमा, कहुँ बिरयानी, कबहुँ ब्रोकली कल्ला, कबहुँ रायता, झोल-कचौड़ी, कबहुँ चटपटे भल्ला। लाईँ मटकति, एक शायरा, मचो गली मा हल्ला, धन्य प्रीत की रीत, मोरि मुँह ठूँसि दियो रसगुल्ला।... Hindi · कवित्त 3 2 344 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 29 Apr 2023 · 4 min read "आशा" के कवित्त" खेती बारी करि रहे, रहे व्यस्त दिन-रात। क्षमा चाहता मित्र, हूँ, इतनी सी अरदास।। तुरई माँ घाटा भयो, घुइयाँ गई सुखाय। भिन्डी, कीड़ा भखि लिए, ककड़ी कौन कहाय।। गन्ना कै... Hindi · कवित्त 3 3 467 Share Jitendra Kumar Noor 3 Jan 2023 · 1 min read कविता (घनाक्षरी) 1 सन-सन बहेले बयार फूटे रोम-रोम, काँपेले शरीर हाथ-गोड़ कठुवायल बा। हथवा से पनिया के छूवे के ना मन करे, लागे कि फिरिजवे से काढ़ि के धरायल बा। घनघोर कुहरा... Bhojpuri · कविता · कवित्त · घनाक्षरी 2 2 315 Share Harinarayan Tanha 5 Nov 2022 · 1 min read अर्धांगिनी श्री कृष्ण की प्रेम तो मैने भी किया प्रेम से बढ़कर किया है चेतना और संवेदना में हर ह्रदयस्पंदन में जीया है प्रेम है अमृत सत्य है मैने भी यह अमृत पीया है... Hindi · कवित्त 266 Share