Posts Tag: हिन्दी कविता 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनोज कर्ण 12 Mar 2023 · 1 min read लहरों पर चलता जीवन लहरों पर चलता जीवन ~~°~~°~~° कभी द्वंद्व रहा,कभी स्वच्छंद रहा , लहरों पर चलता जीवन है । बेफ़िक्र रहा जो हर ग़म से , मन उदात्त कराता वो बचपन है।... Hindi · कविता · लहरों पर चलता जीवन · हिन्दी कविता 1 73 Share मनोज कर्ण 23 Feb 2023 · 1 min read गुनहगार तू भी है... " गुनहगार तू भी है " ~~°~~°~~° गुनहगार तू भी है, जिसने हकीकत को नजरअंदाज किया। तलवारें पास थी पर, खुलेआम खुद पे ही क्यों वार किया। कलम थी कागज... Hindi · कविता · गुनहगार तू भी है · समान नागरिक संहिता · हिन्दी कविता 4 291 Share मनोज कर्ण 19 Feb 2023 · 2 min read वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता ~~°~~°~~° करके विनष्ट संस्कार अपना हम, यदि वेलेंटाइन डे मनाते हैं। तो वेलेंटाइन की आत्मा को हम, अतिघोर कष्ट पहुंचाते हैं। अनीति व्यभिचार पसरा पश्चिम में,... Hindi · कविता · वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता · हिन्दी कविता 2 2 93 Share मनोज कर्ण 15 Feb 2023 · 1 min read शाकाहार बनाम धर्म शाकाहार बनाम धर्म ~~°~~°~~° शाकाहार ही है, धर्म का पहला आधार चाहे कोई भी धर्म हो,शुध्द होवे आहार हिंसा है यदि निर्दोष के प्रति,तो धर्म कैसा दया करूणा से ही... Hindi · कविता · शाकाहार बनाम धर्म · हिन्दी कविता 2 2 145 Share मनोज कर्ण 13 Feb 2023 · 1 min read अंधभक्ति अंधभक्ति_एक विचारधारा ~~°~~°~~° विचारधाराएं पनपती नहीं कहीं भी खुद से , कालक्रम के संग-संग ये बनायी जाती है । विश्व के सफल देशों का इतिहास उलटकर देखो , वतनपरस्ती बचपन... Hindi · अंधभक्ति · कविता · हिन्दी कविता 2 256 Share Kavita Chouhan 5 Nov 2022 · 1 min read नगर से दूर...... नगर से दूर गाँव में छोटी बस्ती सी एक हरे भरे खेतों के समीप सुखद आराम सुगंध भरी वायु बहती मंत्रमुग्ध कर रंग बिरंगे परिदृश्य में नयनाभिराम टूटे फूटे खपरैल... Hindi · कविता · कविता-हिन्दी · घनाक्षरी · हिन्दी कविता 2 84 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read 247. "पहली पहली आहट" हिन्दी काव्य-रचना संख्या: 247. शीर्षक: "पहली पहली आहट" (सोमवार, 24 दिसम्बर 2007) ------------------------------------ दस्तक दी है सर्दी की पहली पहली आहट ने। फैला दी है अपनी चादर ठण्ड की कसावट... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · कविता · हिन्दी कविता 1 89 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read 246. "हमराही मेरे" हिन्दी काव्य-रचना संख्या: 246 . शीर्षक: "हमराही मेरे" (सोमवार, 17 दिसम्बर 2007) ---------------------------- तुम संग चलो हमराही मेरे अब मंजिल एक हमारी है। जो डगर है तेरी वो डगर है... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · कविता · हिन्दी कविता 1 90 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read 245. "आ मिलके चलें" हिन्दी काव्य-रचना संख्या: 245. शीर्षक: "आ मिलके चलें" (रविवार, 16 दिसम्बर 2007) ---------------------------- आ मिलके चलें खुशियों के देश में कि- गम ना कोई सताए अब। बरसे घटाएं सावन आए... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · कविता · हिन्दी कविता 1 72 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read 244. "प्यारी बातें" हिन्दी काव्य-रचना संख्या: 244. शीर्षक: "प्यारी बातें" (रविवार, 16 दिसंबर 2007) ---------------------------- कुछ अपनी सुनाओ प्यारी बातें । कैसे हैं दिन कैसी रातें।। क्या तुम्हें भी आती है नीदें या... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · कविता · हिन्दी कविता 2 105 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read २४३. "आह! ये आहट" हिन्दी काव्य-रचना संख्या: 243. "आह! ये आहट" (वीरवार, 13 दिसम्बर 2007) ----------------------------------- ईक आहट बेवक्त बेवजह होती है क्यूं बेमौसम। याद आए अनजाने यों ही एतबार कर खाई कसम।। ये... Hindi · Hindi Poem · कविता · हिन्दी कविता 1 72 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read २४२. पर्व अनोखा हिन्दी काव्य-रचना संख्या: 242. शीर्षक: "पर्व अनोखा" (बुधवार, 28 नवम्बर 2007) --------------------------------- दीपावली का पूर्व अनोखा, खुशियों भरा लगे झरोखा | मंगल गाएं चौक पुराएं, आया वर्षों बाद ये मौका।।... Hindi · Hindi Poetry · कविता · हिन्दी कविता 1 54 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read ::: प्यासी निगाहें ::: 241. "प्यासी निगाहें" (वीरवार, 01 नवम्बर 2007) -------------------------------- मंद चिरागों का ये आलम झुलसे हैं परवाने क्यों। प्यासी है क्यूं फिर से निगाहें छलके नहीं पैमाने क्यों।। बादल बड़ा है... Hindi · Hindi Poem · कविता · हिन्दी कविता 1 101 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read "आधुनिकता का परछावा" हरियाणवी काव्य-रचना संख्या:240. "आधुनिकता का परछावा" (वीरवार, 01 नवम्बर 2007) ------------------------------------- कित खोगी वा छटा निराली हरी-भरी गाँव की हरियाली। आधुनिकता का परछावा पड़गया ना दिक्खें ईब हल ठाए हाळी।।... Hindi · Hindi Poem · कविता · हिन्दी कविता 1 73 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read दीपक हिन्दी काव्य-रचना संख्या: 239. शीर्षक: "दीपक" (रविवार, 28 अक्तूबर 2007) ----------------------------------- मन में विश्वास जगाए दीपक, ईक आश नई जगाए दीपक | शाम ढले तो आए दीपक, हवा चले तो... Hindi · Hindi Poetry · दीवाली · हिन्दी कविता 2 67 Share Kavita Chouhan 26 Sep 2022 · 1 min read माँ आई शेर पे सवार माँ आई नवरात्रि की सबको बधाई सज गये सब घर और द्वारे जय कारा दे माँ को पुकारे माता के नौ रूप निराले कितने पावन भोले भाले... Hindi · कविता · हिन्दी कविता 82 Share Kavita Chouhan 20 Sep 2022 · 1 min read अनमोल है स्वतंत्रता अनमोल है स्वतंत्रता ............................ हो प्रफुल्लित या स्वतंत्र हो ! पराधीनता मृत्यु तुल्य है क्या स्वछंद हो ? सांसें पहरे के बन्धन में रोआँ तक है कर्ज में डूबा ,... Hindi · Poetry · हिन्दी कविता 1 88 Share MSW Sunil SainiCENA 10 Sep 2022 · 1 min read "कोरोना लहर" "कोरोना लहर" ये लहर, कोरोना लहर, अत्यंत ज्वर इसका कहर, हम तुम न जाने क्यूँ इतने बेखबर, क्यूँ न होता सबर, बेवजह क्यूँ घूमें दर बदर, इधर उधर, ये लहर,... Hindi · Dhruvikastudio · Hindi Poem · Mswsunilsainicena · हिन्दी कविता 1 75 Share MSW Sunil SainiCENA 10 Sep 2022 · 1 min read :::: हवा :::: शीर्षक: "हवा" (मेरी परछाई, हिन्दी काव्य-संग्रह) ये हवा का ज़िक्र है हवा बदल रही है। कैसी हवा चल रही है कुछ लोग हैं हवा में कहीं हवा निकल रही है।।... Hindi · Dhruvikastudio · Hindi Poem · Mswsunilsainicena · हिन्दी कविता 2 122 Share MSW Sunil SainiCENA 9 Sep 2022 · 1 min read :::::जर्जर दीया:::: :::जर्जर दीया:: (मंगलवार, 22 अप्रैल 2008) ------------------------------------- रोशनी की उम्मीद में जर्जर दीया जला तो दिया। मगर- अंधेरा अनन्त है और साथ ही पुरजोर हवा का मध्यम और धीमी बारिश... Hindi · Hindi Poem · हिन्दी कविता 1 77 Share MSW Sunil SainiCENA 9 Sep 2022 · 1 min read :::::::::खारे आँसू::::::::: :::::::::खारे आँसू::::::::: आंख्या के आँसू खारे होगे, अपने थे वो न्यारे होगे। कदे रौनक थी घणी छान की, आज टूटे फूटे ढारे होगे।। कदे बाग बगीचे खूब खिले, इब ओड़ै... Hindi · Hindi Poem · हिन्दी कविता 1 102 Share MSW Sunil SainiCENA 9 Sep 2022 · 2 min read "हाँ! मैं मजदूर हूं..." "हाँ! मैं मजदूर हूँ..." हां! मैं मजदूर हूं मैं भी तो इसी देश का वासी हूं, दिहाड़ीदार कामगार श्रमिक हूं मजबूर हूं। दास हूं सेवक हूं हां मैं मजदूर हूं।।... Hindi · हिन्दी कविता 1 59 Share 789 Yashbardhan Raj 31 Jul 2022 · 6 min read द्रौपदी पूछती है तुमसे महाराज धृतराष्ट्र के दरबार में जब चौसर खेल के उपरांत द्रौपदी का चीर हरण होता है, उस समय द्रौपदी क्या - क्या पूछती और कहती है ? इसी पर मेरी... Hindi · BHU Student Poetry · कविता · हिन्दी कविता 1 1 92 Share अमित नैथानी 'मिट्ठू' (अनभिज्ञ) 25 Jul 2022 · 2 min read साँझ ढल रही है फिर साँझ ढल रही है , बयार चल रही है, तिरोहित होते सूर्य का, पहाड़ी आलिंगन कर रही है नभ नील वर्ण त्यागकर , श्याम में घुल जाएंगे चन्द्र के... Hindi · कविता · हिन्दी कविता 2 140 Share